Chandigarh

  • Young Founder Summit by College Smart to foster business skills in students

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  • सी बी आई ने 30,000 रु. की रिश्वत स्वीकार करने पर स्टेशन अग्निशमन अधिकारी को गिरफ्तार किया 

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  • Prof. Vivek Lal, Director, PGIMER, Chandigarh interacts with newly joined residents .

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  • Prof. Vivek Lal will be the New Director, PGIMER, Chandigarh

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  • न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर विवेक लाल PGI चंडीगढ़ के नए डायरेक्टर नियुक्त

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  • Commissioner appeals citizens to remove encroachments from roadberms/footpath

      Chandigarh, May 5:- Anindita Mitra, IAS, Commissioner, Municipal Corporation Chandigarh today appealed to the citizens of Chandigarh to remove…

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  • Director PGIMER honours 9 Officers/Officials on their Superannuation today at PGIMER

    Director PGIMER honours 9 Officers/Officials on their Superannuation today at PGIMER Postgraduate Institute of Medical Education & Research, Chandigarh Chandigarh: 30.04.2022…

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  • किशोरावस्था चंचल है; किशोर सरलता से प्रभावित हो जाते हैं, माता-पिता उनसे मित्रवत व्यवहार करें – विजय कौशल महाराज

    कथा के छठे दिन गुजरात के राज्यपाल ने किया दीप प्रज्वलन चंडीगढ़, 28.04.2022 पंजाब राजभवन में चल रही श्री राम कथा के छठे दिन आज गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि ने अपनी धर्मपत्नि सहित दीप प्रज्वलन कर कथाव्यास संत श्री विजय कौशल जी महाराज को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। पंजाब के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने फूलों का गुलदस्ता भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया और भगवान श्री राम के चरणों में पुष्पार्चन किया। इस अवसर पर आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज मैं अपने आप को परम सौभाग्यशाली मानता हूं जो आज मुझे श्री राम कथा सुनने का अवसर मिला। कथाव्यास श्री विजय कौशल जी महाराज के प्रति मेरी बड़ी श्रद्धा है और इसके लिए मैं पंजाब के राज्यपाल का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे इस पवित्र अवसर पर आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम अच्छे पुत्र, अच्छे राजा, अच्छे प्रजापालक और विश्वकल्याण की सोच रखने वाले थे। उनका सम्पूर्ण जीवन वेदों के अनुरूप था। उनका जीवन अपने आप में ही उपदेश है। त्रेता युग में भगवान श्री राम और द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण, दोनों ने ही राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधे रखा। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति महान है। इस भूमि पर ऐसे महापुरूष आते रहते हैं जो लोगों का पथप्रदर्शक बनकर उनको उत्तम जीवन जीने का संदेश दे जाते हैं। कथाव्यास संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने श्री राम कथा के माध्यम से आज समझाया कि किशोरावस्था चंचल है; किशोर सरलता से प्रभावित हो जाते हैं, माता-पिता उनसे मित्रवत व्यवहार करें। इस उम्र में यदि माता-पिता की नज़र बच्चों से हट गई तो उनका जीवन अंधकारमय हो जाएगा। युवा वर्ग का आज भाषा, भोजन और वेश बिगड़ रहा है। घर का बना भोजन युवाओं को पसंद नहीं और उन्हें भारत में रहते हुए हिन्दी भाषा का ज्ञान नहीं है तथा वह पाश्चात्य पहरावा अपना रहे हैं। उन्होंने कहा की नारी ही भारत का प्राण है। नारी पूर्ण स्वतंत्र है पर स्वछंद नहीं है। हमारी संस्कृति को बिगाड़ने को षड्यंत्र चल रहा है उससे हमें बचना होगा। उन्होंने कहा कि केवल भारत ही ऐसा देश है जहां भारत को माँ का दर्जा दिया गया है। आज कथाव्यास ने अहिल्या उद्धार और भगवान श्री राम के विवाह का प्रसंग सुनाया और कहा कि भगवान करूणानिधान हैं। वे सभी पर कृपा करते हैं, क्रोधित नहीं होते। माँ जानकी भक्ति का प्रतीक है। इसलिए भक्ति से भगवान का मिलन हुआ। उन्होंने यह भी समझाया कि अपराध को छुपाना महा अपराध है। भूल सभी से होती है। जितना अपराध छिपेगा उतना ही गहरा होगा। जानबूझकर किया गया अपराध क्षमा के योग्य नहीं होता। माँ गंगा की स्तुति करते हुए उन्होंने मधुर भजन का गायन करते हुए श्रोताओं को आनंद विभोर कर दिया। संत महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि संत के पीछे भगवंत खड़े होते हैं इसलिए संतों की कृपा प्राप्त करें। शील शब्द की व्याख्या करते हुए उन्होंने समझाया कि विचारशील, धर्मशील यानि जिस शब्द के पीछे शील हो, वह गुण हमारा स्वभाव कहलाता है। उन्होंने कहा कि रामायण अनुकरण करने वाला ग्रंथ है। छोटों का आदर करना, गिरे हुओं को उठाना, रोते हुओं को हंसाना, यह भगवान का स्वभाव है। आज की कथा में श्री ज्ञानचंद गुप्ता, स्पीकर हरियाणा, श्री इकबाल सिंह, पूर्व राज्यपाल पुडुचेरी, डीजीपी चंडीगढ़ श्री परवीन रंजन और बीजेपी पंजाब के अध्यक्ष श्री अश्विनी शर्मा व अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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