पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी जिस कोठी में रह रहे उसे अस्थाई तौर अटैच करने के मोहाली की अदालत ने दिए आदेश
एक कॉलोनी की रजिस्ट्री की ऐवज में फीस जमा करवाने में करोड़ों की घपलेबाजी का है मामला
एक कॉलनी बनाने के लिए खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री में करोड़ों की घपलेबाजी और इस राशि से चंडीगढ़ के सेक्टर-20 की खरीदी गई एक कोठी जहां पंजाब के पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी किराए पर रह रहे हैं को अस्थाई तौर पर अटैच करने के मोहाली की एडिशनल सेशन जज की अदालत ने आदेश दे दिए हैं।
एडिशनल सेशन जज ने यह आदेश देने के साथ ही इस याचिका के पेंडिंग रहते इस कोठी को आगे बेचे जाने का अन्य कोई भी काम किये जाने पर रोक भी लगा दी है, साथ ही इस मामले के दो प्रतिवादियों को कारण बताओ नोटिस भेज पूछा है की वह बताएं की इस कोठी को अस्थाई तौर पर अटैच करने के जो आदेश दिए गए हैं क्यों न उन्हें अंतिम आदेश माना जाए। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ही पंजाब सरकार ने नामी एडवोकेट सरतेज सिंह नरूला को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है। इस मामले में विजिलेंस की ओर से लगाए गए आरोप के अनुसार कुराली सिसवां रोड पर दो कॉलोनियां काटी गई थी, जिसमे से ड्रीम मिडोस-1 जोकि 17.5 एकड़ और ड्रीम मिडोस-1 जोकि 9 एकड़ में बनाई जानी थी। इसकी खरीद कर नक़्शे भी पास करवा खरीददारों के नाम पर रजिस्ट्रियां करवा ली गई। आरोप है की इस मामले में नामजद एक आरोपी ने खरीददारों को फायदा पहुंचने के लिए अपने पद का दुरपुपयोग कर कॉलोनियों को अलग-अलग स्तर पर रेगुलर करवाने के समय दो प्रतिशत के हिसाब से कम्पोजिशन फीस जमा करवाई। जिसके कारण सरकारी खजाने को करोड़ों का घाटा हुआ। इस खरीद में सिर्फ 2 करोड़ 41 लाख 97 हजार रूपए ही रजिस्ट्री का खर्च अदा किया गया, जबकि इस जमीन की खरीद और बेचे जाने में कुल 8 करोड़ 17 लाख 69 हजार 287 रूपए खर्च हुए थे। आरोप है की इस तरह जो राशि बचाई गई उसी राशि से सेक्टर-20 की कोठी नंबर 3048 खरीदी गई है, जिसमे पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी किराए पर रहते बताए गए हैं और वह इस कोठी के पहले फ्लोर का प्रतिमाह ढाई लाख रूपए किराया दे रहे हैं। इसी कोठी को अब मोहाली के एडिशन सेशन जज ने अस्थयी तौर पर अटैच कर दो प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर पूछा है की वह बताएं की क्यों का कोठी अटैच करने के इस आदेशों को स्थायी आदेश में बदल दिया जाए।