हिन्दुओ के नजर अंदाज करना कांग्रेस को पड़ेगा भारी, कैप्टन के साथ हिन्दू नेता खड़े , सिद्धू के साथ एक भी हिन्दू नेता नहीं
पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब में हिंदू वोट भी काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए अगर कांग्रेस हिंदुओं को नजर अंदाज करती है, तो कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। यह पहली बार है जब पंजाब में जाति और धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है। अकाली दल ने भी बीजेपी से अलग होने के बाद हिंदुओं को याद किया है. । अकाली दल ने अब घोषणा की है कि अगर पंजाब में अकाली दल और बसपा सत्ता में आती है, तो हिंदू को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। जब तक वह भाजपा के साथ थीं, किसी भी भाजपा नेता को उपमुख्यमंत्री नहीं बनने दिया गया, जबकि भाजपा को हिंदुओं की पार्टी माना जाता है।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हिंदू नेताओं का पूरा समर्थन है और कैप्टन अमरिंदर सिंह का हिंदुओं में भी प्रभाव है। कांग्रेस के हिंदू नेताओं ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का पक्ष लिया है।
पंजाब में 38 फीसदी हिंदू हैं। जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के और से हिंदुओं से नाराज़ किये जाने के चलते ही केंद्र में भाजपा ने दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है । राहुल गांधी हिंदुओं को लुभाने में लगे हुए है और खुद को ब्राह्मण बताते हुए मंदिर में जाते रहे है । ऐसे में अगर पंजाब में हिंदुओं की अनदेखी की गई तो 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका भरी खामियजा भुगतना पड़ सकता है ।
सिद्धू की बात करें तो इस समय सिद्धू के साथ जाट जाति के नेता नजर आ रहे हैं। सिद्धू के साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा, त्रिपत राजिंदर बाजवा, चरणजीत चन्नी, सुखबिंदर सरकारिया (सभी कैबिनेट मंत्री), कुलजीत नागरा, काका लोहगढ़, वृन्दरमीत सिंह पाहड़ा , कुलबीर सिंह जीरा और परगट सिंह खड़े नजर आ रहे हैं हैं। उन्हीं में से एक हैं चरणजीत सिंह चन्नी जो एक दलित नेता हैं, .वह खड़े नजर आ रहे हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ ओपी सोनी, विजय इंदर सिंगला, सुंदर शाम अरोड़ा, अरुणा चौधरी, साधु सिंह धर्मसोत, अश्विनी सेखरी, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, राजकुमार वेरका, सांसद मुनीश तिवारी, गुरजीत सिंह औजला, दीपा, फतेह जंग बाजवा , रमिंदर आवाला, कुलदीप वैद, हरप्रीत अजनाला, सुखविंदर सिंह डैनी, परमिंदर पिंकी, नवतेज सिंह चीमा, गुरकीरत कोटली, लखविंदर सिंह लखन, राकेश पांडे, ब्रह्म मोहिंद्रा, बलबीर सिंह सिद्धू, लाल सिंह जैसे नेता साथ में खड़े है । इस समय के समीकरण जो बन रहे हैं। उनके मुताबिक कैप्टन अमरिंदर के गुट ने साफ कर दिया है कि अगर सिद्धू को कांग्रेस का प्रधान बनाना है तो 2022 के चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर देनी चाहिए और कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी एक हिंदू और दलित नेता को कार्यवाहक प्रधान नियुक्त किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने गत दिन एक ट्वीट कर स्पष्ट किया कि जिस तरह 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था, उसी तरह 2022 का विधान सभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस की अगवाई करेंगे।