Punjab

केजरीवाल के दिल्ली मॉडल सिद्धू ने किया ख़ारिज, गलत पी.पी.ए. पर बादलों को लिया आड़े हाथ, कहा उनका तो कोई विजन ही नहीं था

,कहा, इससे यहां बादलों से भी बड़े Private Players आ जाएंगे

नवजोत सिद्धू ने के पंजाब में बिजली के केजरीवाल मॉडल को सिरे से ख़ारिज कर दिया है और कहा है कि पंजाब के लिए पंजाब का मॉडल ही अपनाया जाना जरुरी है। केजरीवाल के साथ ही सिद्धू ने बादलों पर निशाना साधते हुए कहा कि बादलों को क्या इल्जाम देना, क्योंकि उनके पास तो कोई विजन ही नहीं है, तभी तो गलत पी.पी.ए. समझौता किया गया था।
सिद्धू ने कहा कि बिजली का दिल्ली मॉडल पंजाब में लागु नहीं हो सकता है, क्योंकि दिल्ली बिजली पैदा ही नहीं करता है और अपनी जरुरत की पूरी बिजली वह टाटा-अंबानी से लेता है। जबकि पंजाब अपनी जरुरत की 25 प्रतिशत बिजली खुद पैदा करता है, जिससे पंजाब के खेतों तक बिजली जाती है और हजारों स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। दिल्ली मॉडल का यही अर्थ होगा कि पंजाब में बादलों से बड़े Private Players आ जाएंगे। सिद्धू ने कहा कि जब देश में सोलर एनर्जी से सभी फायदों के साथ 1 रूपए 99 पैसे प्रति यूनिट मिल जाती है, तो ऐसे में पंजाब में थर्मल लगाने के लिए बादल सरकार के किए पी.पी.ए. समझौते से तो महंगी बिजली ही राज्य को मिली है।
अंत में सिद्धू ने कहा कि नीति पर काम किए बिना राजनीति केवल नकारात्मक प्रचार है और जनता के हित के अजेंडे के बिना  राजनेता यहां सिर्फ व्यापार के लिए हैं। इसलिए विकास के बिना राजनीति का मेरे लिए कोई अर्थ नहीं है… आज, मैं फिर से जोर देता हूं कि हमें पंजाब के विकास के लिए एक पंजाब मॉडल की जरुरत है।

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