पंजाब के विपक्षी दल असमंजस में, किस पर करें वार, सिद्धू पर या कैप्टन पर?
पंजाब कांग्रेस में अब दो केंद्र होने के चलते विपक्षी दल आए सकते में
नवजोत सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से ही पंजाब के सभी विपक्षी दल सकते में हैं और उन्हें अब समझ नहीं आ रहा है कि वह अब सिद्धू का विरोध करें या पंजाब सरकार का जिसके सी.एम. कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं उनका विरोध करें।
जब से सिद्धू की पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हुई है, तब से लेकर अब तक सिद्धू ही चर्चा में बने हुए हैं और सभी सुर्खियां वही बटोर रह हैं। टी.वी. चैनलों के कैमरे और समाचार पत्र भी फ़िलहाल सिद्धू के चारो तरफ इकठा हैं। ऐसे में विपक्षी दल अब पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से उनकी ओर से अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है कि वह सुर्ख़ियों में जगह बना पाएं। पंजाब कांग्रेस में अब सत्ता के दो केंद्र बन चुके हैं। ऐसे में विपक्षी दलों के निशाने पर कौन होना चाहिए? यह वह तय नहीं का पा रहे हैं। इसका पूरा फायदा कांग्रेस को मिल रहा है और हालत धीरे-धीरे कांग्रेस के पक्ष में फिर से बनने लगे हैं।
सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने के कांग्रेस हाई-कमान के इस दांव का अभी तक विपक्षी दलों के पास कोई जवाब नजर नहीं आ रहा है। तय है कि मौजूदा हालातों और कांग्रेस के पक्ष में बनते जा रहे इस माहौल को देखते हुए अब विपक्षी दलों को नए सिरे से अपनी रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। विपक्षी दलों को अब तय करना होगा कि सिद्धू और कैप्टन इन दोनों से आने वाले दिनों में किए निपटा जाए। वार कांग्रेस पर किए जाएं जिसके अब सिद्धू अध्यक्ष हैं या सरकार पर जिसके सी.एम. कैप्टन हैं।