पंजाब में कांग्रेस के भविष्य को देखते हुए पार्टी हाई-कमान का है यह फैसला? या काम कर गई सिद्धू की प्रेशर पॉलिटिक्स
पंजाब में कांग्रेस के भविष्य को देखते हुए पार्टी हाई-कमान का है यह फैसला? या काम कर गई सिद्धू की प्रेशर पॉलिटिक्स
कांग्रेस हाई-कमान ने पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंपने का जो फैसला किया है, क्या वह फैसला पंजाब में कांग्रेस के भविष्य को देखते हुए लिया गया है या फिर सिद्धू की प्रेशर पॉलिटिक्स का यह नतीजा है? अब इस पर पार्टी के दिग्गज नेताओं ने मंथन करना शुरू कर दिया है।
इस सवाल के जवाब पर पहुंचने से पहले हमें पंजाब की मौजूदा सरकार और पंजाब के मौजूदा कांग्रेस के ढांचे को देखना जरुरी होगा। पिछले दो दर्शकों से पंजाब कांग्रेस की कमान कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों में ही रही है। पंजाब कांग्रेस की वही धुरी रहे हैं, जिनके इर्द-गिर्द ही अब तक पंजाब कांग्रेस और उनके सभी नेता इकठा होते रहे हैं और कांग्रेस हाई-कमान का भी हमेशा से कैप्टन पर हाथ रहा है। सीधे तौर पर कहा जाए तो पंजाब कांग्रेस के आज तक वही कप्तान रहे हैं और पिछले दो दशकों से पंजाब कांग्रेस में एक भी ऐसा नेता नहीं खड़ा हो पाया, जो कैप्टन पर भारी पड़ता नजर आया हो। लेकिन पिछले एक साल से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के नेतृत्व का एक बड़ा विकल्प बन कर उभरने में कामयाब नजर आते हैं।
पिछले एक साल से अपनी ही पार्टी पर उनका लगातार कई मुद्दों को लेकर हमलावर होना और अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा करना उनके लिए काम कर गया है। आम कोंग्रेसी कार्यकर्ता भी अब उन्हें अपने अपने नेता के तौर पर देखने लगा है। यह नतीजा सिद्धू द्वारा पिछले कई महीनों से की जा रही पावर पॉलिटिक्स का एक नतीजा साबित हो रही है। वहीं अगर इसका दूसरा पहलु देखा जाए तो सिद्धू का कैप्टन की तुलना में युवा होना भी सिद्धू के पक्ष में जाता है, क्योंकि अब कांग्रेस हाई-कमान को पंजाब कांग्रेस का भविष्य भी तय करना है। ऐसे में सिद्धू पंजाब कांग्रेस का भविष्य बनने में सक्षम नजर आ रहे हैं। इसी लिए हाई-कमान ने कई पहलुओं को देखने के पंजाब कांग्रेस की कमान सिद्धू को देने का निर्णय लिया होगा और यह निर्णय फ़िलहाल सही भी नजर आ रहा है।