शायराना अंदाज में सुनील झाखड़ ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस को दी बड़ी नसीहतें
कहते हैं न जो बात सीधे तौर पर न कही जा सके वह अगर शायराना अंदाज में कह दी जाए तो उसका असर कही ज्यादा होता है।
आज कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ ने भी पिछले कुछ समय से कांग्रेस से चली आ रही नाराजगी और कांग्रेस को अलविदा कहने के लिए अपने शायराना अंदाज में इसे काफी बेहतरी से बयां किया। कांग्रेस को अलविदा कहते हुए उन्होंने अपनी पूरी बात में कई शेरों का सहारा लिया और अपनी बात को शायराना अंदाज में पार्टी तक पहुंचा दिया।
कांग्रेस को पहली नसीहत..
“घर को सजाने का तसव्वुर तो है बहुत,
पहले ये तो तय हो कि घर को बचाएं कैसे….”
उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर पर तंज कसते हुए जाखड़ ने इस शेर का सहारा लिया और कांग्रेस हाईकमान को नसीहत दी है कि यह चिंतन का समय नहीं बल्कि चिंता का समय है, चिंतन तभी बेहतर होगा अगर कोई हल निकाला जाए।
हरीश रावत पर तंज
“हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे…”
यह शेर जाखड़ ने खासतौर पर कांग्रेस के सीनियर नेता हरीश रावत पर सुनाया है। जाखड़ का कहना है कि रावत को पंजाब का प्रभारी बना दिया जबकि रावत खुद उत्तराखंड में खुद मुख्यमंत्री के उम्मीदवार थे। न वह उत्तराखंड को बचा पाए और नाही पंजाब को कोई फायदा हुआ।
“दिल भी तोडा तूने तो सलीके से न तोडा,
बेवफाई के भी कुछ आदाब होते हैं….”
जाखड़ ने उन्हें पार्टी से भेजे नोटिस का जवाब इस शेर के जरिए पार्टी को दिया है। इस शेर के जरिए जाखड़ ने खासतौर पर हाईकमान पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वह दशकों से पार्टी के लिए काम करते रहे हैं और अब कुछ चमचों के जरिए उन्हें नोटिस भेज दिया गया, उनसे सीधे बात करने तक की जरुरत नहीं समझी, यह बेवफाई है।
“वही कातिल, वही शहीद, वही मुंसिफ ठहरे,
ए खुदा मैं अपने क़त्ल का दवा करूं, तो करूं किसपे….”
जाखड़ को भेजे नोटिस के बाद जो कमेटी बनाई गई, उसमे उन लोगों को शामिल किए जाने पर उन्होंने सवाल उठाए हैं जोकि शय पर यह नोटिस उन्हें भेजा गया उन्होंने कहा कि जिन्होंने उन्हें आरोपी बना दिया जब वही उनके खिलाफ फैसला सुनाने वाले होंगे तो फैसला तो उनके खिलाफ ही आने वाला है वह अपने बचाव में क्या कर सकते हैं।
‘वक्त की फ़िक्र कर नादान के क़यामत आने वाली है, तेरा जिक्र भी होगा दस्तानों में….”
आखिर में सुनील जाखड़ ने पूरी कांग्रेस को इस शेर के जरिए नसीहत दी है कि अब भी अगर पार्टी को मजबूत नहीं किया और इसी ढर्रे पर पार्टी चलती रही तो पार्टी जल्द ही अपना वजूद खो देगी।