Punjab

सीएम साहब, आम की जगह तोरी ही लगा देते तो जल्दी मिल जाता फल

पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने चुनावों से पहले जो वादे किये थे अब उस पर भगवंत मान ने कहा है कि आज ही आम की गुठली बीजी है और आज ही पूछते हो कि आम क्यों नहीं लगे हमे थोड़ा समय दो हम सभी गारंटियां पूरी करेंगे।
सीएम मान के इस बयान को अगर देखा जाए तो आम की गुठली बिजने के करीब दो सालों बाद ही फल मिलता है अगर किसी खास किस्म के आम लगाया जाए और उसकी बेहतर देखभाल की जाए तो साल में भी फल हासिल किया जा सकता है। ऐसे में सीएम मान क्या पंजाब की जनता से दो साल इंतजार करने को कह रहे हैं।

 


सीएम मान के बयान पर कुछ लोगों का कहना है मान साहेब अगर आम की बजाय तोरी लगा देते तो फल भी जल्दी मिल जाता और जनता को ज्यादा इंतजार भी नहीं करना पड़ता और आपकी दी गारंटियों की हकीकत भी जल्द लोगों को पता चल जाती और विरोधियों के मुहं पर ताले लग जाते। लेकिन अब आम की गुठली बीजी है तो कम से कम एक से दो साल का इंतजार तो करना ही पड़ेगा।

 

पल्ले नहीं धेला ,करदी फिरे मेला मेला
पंजाबी की एक कहावत है कि पल्ले नहीं धेला ,करदी फिरे मेला मेला यह कहावत आप की भगवंत मान सरकार पर फिट बैठती है सत्ता में आने से पहले आप कि कनवीनर अरविंद केजरीवाल व भगवंत ने  पंजाब  के लोगो को गरंटी दे दी कि आप की सरकार आते ही लोगो को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी अब जब सरकार बनी तो पता चला कि ‘पल्ले नहीं धेला , हुन किवे लुटागे मेला ‘ सरकार कि लिए मुसीबत यह है कि अगर सरकार 300 यूनिट मुफ्त बिजली देती है तो पंजाब सरकार पर बिजली की सब्सिडी का बोझ बढ़ कर 22300 करोड़ हो जाएगा हालत यह है कि पंजाब सरकार ने अपना खर्च चलने कि लिए  14 दिन में  5500 करोड़ का मार्किट से कर्जा लिया है यह  कर्ज 10 मार्च से 24 मार्च तक लिया गया है ऐसे में सरकार कि लिए मुशकल यह है कि अबू चंद दिन सत्ता में आये हुए है ऊपर से ख़ाली खजाना है खर्च चलने के लिए केंद्र की तरफ हाथ फैलाया जा रहा है और मुख्यमंत्री भगवंत मान केंद्र से 1 लाख करोड़ मांग रहे है अब पंजाब के सेहत मंत्री डा विजय सिंगला भी केंद्र से पैसे मांगने के लिए पहुंच गए है उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री से मुलाकात कर स्वास्थ के बुनयादी ढांचे के लिए पैसे मांगे है के केंद्र सरकार  सरकारी हस्पतालो के बुनयादी ढांचे के लिए पंजाब सरकार को पैसा दे
पावर कार्पोरेशन लिमिटेड से संबंधित रहे अफसरों का कहना है कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के बाद पंजाब में मुफ्त बिजली का बिल चालू वित्तीय वर्ष के लिए 22,300 करोड़ रुपए के आस-पास बन जाएगा। इसमें 6936 करोड़ रुपए ट्यूवबैलों को जो मुफ्त बिजली दी जा रही है, उसकी सबसिडी बनती है। इसके अलावा 4 हजार करोड़ रुपए की पहले ही घरेलू खपतकारों को बिजली पर सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा 3 हजार करोड़ रुपए की उद्योगपतियों को बिजली पर सब्सिडी मिल रही है।
जो चुनाव वायदे के मुताबिक 300 यूनिट बिजली मुफ्त देनी है उसका बिल 1300 करोड़ रुपए के आस-पास बनेगा। इसके अलावा पिछले वित्तीय वर्ष की 7118 करोड़ रुपए का बिजली सब्सिडी का बकाया पंजाब सरकार ने अभी पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड को देना है। अगर ट्यूबवैलों को मुफ्त बिजली, घरेलू खपतकारों को मुफ्त बिजली, उद्योगपतियों को मुफ्त बिजली और पिछले साल का सब्सिडी का बकाया जोड़ लिया जाए, तो यह रकम 22300 करोड़ रुपए के आस-पास बनती है, जो चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पंजाब सरकार को अलग-अलग बिजली खपतकारों को मुफ्त बिजली देने के लिए पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड को देनी पड़ेगी। गौरतलब है कि पंजाब में घरेलू खपतकारों की गिनती 72 लाख के आस-पास है।

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