ऊना, 11 नवंबर. रियायती श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को बेहतर, पारदर्शी और व्यवस्थित सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने आरएफआईडी आधारित ‘हिम बस कार्ड’ प्रणाली की शुरुआत की है। इस कार्ड के माध्यम से पात्र लाभार्थियों को रियायत का लाभ सुगमता से उपलब्ध होगा और यात्रा प्रक्रियाओं में अनावश्यक औपचारिकताओं से भी राहत मिलेगी। ऊना क्षेत्र में ‘हिम बस कार्ड’ तैयार करने की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू कर दी गई है।
एचआरटीसी ऊना के उपमंडलीय प्रबंधक सुरेश धीमान ने बताया कि यह कार्ड उन सभी यात्रियों के लिए लागू है, जो निगम की बसों में निःशुल्क अथवा रियायती श्रेणी के अंतर्गत यात्रा सुविधा प्राप्त करते हैं। कार्ड बनवाने के इच्छुक विद्यार्थी एवं लाभार्थी एचआरटीसी ऊना बस संस्थान की पास शाखा में जाकर अपना कार्ड बनवा सकते हैं।
कौन-कौन बनवा सकता है ‘हिम बस कार्ड’
वर्तमान में निगम की बसों में रियायती यात्रा सुविधा प्राप्त करने वाले सभी श्रेणियाँ इस कार्ड प्रणाली के अंतर्गत आती हैं। इनमें 10+2 तक के सरकारी एवं मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, राज्य व केंद्र सरकार तथा बोर्ड/निगम कर्मचारी, निजी क्षेत्र के कर्मचारी, महिला यात्री, पुलिस एवं जेल विभाग (निर्धारित रैंक तक), पूर्व विधायक और पूर्व सांसद, स्वतंत्रता सेनानी एवं उनकी पत्नियाँ, मान्यता प्राप्त पत्रकार, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिक, युद्ध विधवाएँ, दिव्यांगजन, एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं उनकी विधवाएँ, राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार प्राप्त अध्यापक एवं बालक (21 वर्ष तक) सहित अन्य पात्र श्रेणियाँ शामिल हैं।
कार्ड कैसे बनवाएं
लाभार्थी हिम एक्सेस पोर्टल https://sso.hp.gov.in
पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। नागरिक श्रेणी में नया उपयोगकर्ता पंजीकरण कर आधार संख्या व मोबाइल नंबर सत्यापित करने के बाद, एचआरटीसी सर्विसेज में पासेज (Passes) विकल्प चुनकर संबंधित रियायती श्रेणी के अनुसार आवेदन पत्र भरना होगा। आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने व निर्धारित शुल्क (जहाँ लागू हो) जमा करने के पश्चात आवेदन स्वीकृत हो जाएगा। इसके बाद लाभार्थी अपने निकटतम/निर्धारित पास केंद्र से ‘हिम बस कार्ड’ प्राप्त कर सकते हैं।
उपमंडलीय प्रबंधक सुरेश धीमान ने सभी पात्र यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे समय रहते अपना ‘हिम बस कार्ड’ बनवा लें, ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो और रियायती सुविधा का लाभ सुचारू रूप से प्राप्त हो सके।

