Himachal Pradesh

रोजगार सृजन को लेकर संजय पराशर बना रहे कीर्तिमान 

रोजगार सृजन को लेकर संजय पराशर बना रहे कीर्तिमान 

-प्रदेश में तीन कार्यालय खोलने के बाद पराशर की कंपनी 382 युवाओं को दे चुकी है रोजगार

डाडासीबा-

बेशक कोरोना काल शुरू होने के बाद शहरी अौर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में भारी कमी दर्ज हुई है। लेकिन जसवां-परागपुर सहित प्रदेश के लिए राहत की बात यह रही कि कैप्टन संजय की कंपनी ने इसी विपरित समयाविध में में रोजगार सृजन को लेकर शानदार प्रदर्शन किया है। जिन युवाओं का रोजगार छिन गया था, उनकी काबियलित को पहचानते हुए संजय ने रोजगार उपलब्ध करवाया। प्रदेश की पहली शिपिंग कंपनी वीआर मेरीटाइम सर्विसेस प्रा. लिमिटेड ने जसवां-परागपुर और चिंतपूर्णी के अपने तीन कार्यालयों में 82 युवाओं को रोजगार प्रदान किया है। इस कंपनी के जहाजों पर इस समय ऑन बोर्ड एक सौ से ज्यादा हिमाचली कार्यरत हैं। बड़़ी बात यह भी है कि एक ही जहाज पर छह हिमाचली सीफरेर्रस भी अपनी सेवाएं प्रदान करने जा रहे है। कंपनी हिमाचल में स्थापित होने के बाद प्रदेश के कुल 382 युवाओं को रोजगार प्रदान कर चुकी है। कैप्टन संजय ने इस वर्ष के अंत तक कुल पांच सौ युवाआें काे रोजगार देने का लक्ष्य रखा है और जिस तरह से उनकी कंपनी युवाओं को मर्चेंट नेवी और अपने कार्यालयों में नौकरी प्रदान कर रही है, उससे साफ दिखता है कि पराशर आसानी से तय किए आंकड़े को पार कर जाएंगे। निश्चित तौर पर ऐसा सब संभव हुआ है कि कंपनी के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर के विजन के कारण, जहां उन्होंने युवाओं की प्रतिभा को तराशने और प्रशिक्षित करने के लिए निरंतर देश भर से विशेषज्ञों की टीम के साथ बेबीनार का आयोजन किया तो अब ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क कंप्यूटर और इंग्लिश लर्निंग सेंटर भी खोले जा रहे हैं। इसके अलावा पिछले समय से पराशर शिक्षण संस्थानों में कैरियर काउंसलिंग का भी आयोजन करते रहे हैं। बड़ी बात यह भी है कि देश की अन्य नामी मेरीटाइम कंपनियाें के लिए भी पराशर ट्रेंड सेटर बन चुके हैं। कुछ कंपनियां अगले वर्ष तक जसवां-परागपुर अौर आसपास के क्षेत्रों में अपने कार्यालय खोलने के लिए विचार कर रही हैं। अगर ऐसा होता है तो निस्संदेह इस क्षेत्र में समुद्र के रास्ते रोजगार की अपार संभावनाएं होंगी और इसका सीधा लाभ क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को मिलेगा।

दरअसल सामाजिक सरोकारों को लेकर कुल 132 प्राेजेक्टस पर काम कर रहे कैप्टन संजय पराशर की सबसे बड़ी प्राथमिकता शिक्षा व रोजगार ही है। पराशर का मानना है कि अगर रोजगार के साधन मिल जाएं तो व्यक्ति परिवार व समाज के लिए काफी कुछ कर सकता है। इन माध्यमों में विद्यार्थियों व युवाओं को निपुण बनाने के लिए सुदूर गांवों में भी प्रशिक्षण केन्द्र खोले जा रहे हैं। मेहड़ा के बाद कटोह टिक्कर ओर चौली के अलावा भीजसंवा-परागपुर क्षेत्र के दूरदाराज के गांवों में कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर ज खोलने पर विचार चल रहा है। इतना ही नहीं कैप्टन संजय इसी क्षेत्र के पढ़ाई में अव्वल लेकिन आर्थिक रूप से अक्षम 125 विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप भी प्रदान कर रहे हैं। पराशर के सानिध्य में मर्चेंट नेवी में रोजगार हासिल कर चुके अमन, अमित शर्मा, अनुज कुमार, शुभम और ऋतव ने बताया कि उन्होंने पराशर से इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन लिया और सफल रहे। वहीं, संजय पराशर का कहना था कि रोजगार के बिना सशक्त समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रयास है कि रोजगार सृजन के अवसर बढ़े ताकि क्षेत्र के विकास में भी युवा वर्ग अपना योगदान तय करे।

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