Himachal Pradesh

लाहौल-स्पीति जिले के लिए चालू वित्त वर्ष की वार्षिक ऋण योजना 106 करोड़ रुपये की-उपायुक्त 

किसानों की आर्थिक समृद्धि को अतिरिक्त सुदृढ़ता देने के लिए लघु कोल्ड स्टोर के निर्माण की बनाएं योजना
टिन्गरेट और चिमरट क्षेत्र के बैंकिंग सुविधा से वंचित गांवों को दी जाए प्राथमिकता

केलांग, 25 अगस्त- उपायुक्त कार्यालय सभागार में आज चालू वित्त वर्ष की वार्षिक ऋण योजना की पहली तिमाही की समीक्षा को  लेकर जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन हुआ। अग्रणी जिला बैंक के तत्वावधान में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त लाहौल- स्पीति एवं समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार ने की।

उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति जिले के लिए चालू वित्त वर्ष की वार्षिक ऋण योजना 106 करोड़ रुपये की है। कृषि क्षेत्र के लिए ही 77.86 करोड़ की राशि तय की गई है। जबकि विभिन्न उद्यम स्थापित करने के लिए 10 करोड़ 88 लाख की राशि के ऋण आवंटन का लक्ष्य रखा गया है। अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में  भी बैंकों द्वारा 8 करोड़ 25 लाख  के ऋण दिए जाएंगे।
उपायुक्त ने इस मौके पर सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं और स्कीमों के तहत विभागों द्वारा बैंकों के लिए भेजे गए ऋण आवेदनों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए 60 मामलों को स्वीकृति प्रदान करने का लक्ष्य था। जिसके मुकाबले 42 मामलों में लाभार्थियों को ऋण सुविधा दी जा चुकी है। उन्होंने लंबित 18 मामलों को लेकर कहा कि उद्योग विभाग और विभिन्न बैंक परस्पर समन्वय स्थापित करके अविलंब इन मामलों को भी स्वीकृत करके लाभार्थियों को वित्तीय मदद  सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत ऋण मामले का आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संबंधित बैंक को भेजा जाता है। इस आवेदन की जांच करके बैंक को 7 दिनों के भीतर इस पर अपना निर्णय लेना होता है। यदि बैंक 7 दिन के भीतर इस पर कोई कार्यवाही नहीं करेगा तो आठवें दिन यह आवेदन स्वतः स्वीकृति के रूप में विभाग को वापिस स्थानांतरित हो जाता है। उन्होंने कहा कि संबंधित बैंक अधिकारी ऑनलाइन प्राप्त इन आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में प्रति व्यक्ति आय अन्य क्षेत्रों की तुलना में पहले से ही अधिक है। ऐसे में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए विशेष कार्य योजना के तहत कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मौजूदा समय में
अपनाए जा रहे खेती के पैटर्न को कुछ हद तक बदलने को लेकर भी संबंधित विभागों द्वारा कार्य किया जाना चाहिए। इसमें कृषि विशेषज्ञों की सलाह भी ली जाए ताकि
किसानों द्वारा अर्जित की जा रही आय को और बढ़ाने के विकल्प मिल जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि पुष्प उत्पादन के बजाय यदि किसान टिशू कल्चर के माध्यम से कन्द (बल्ब) उत्पादन की ओर भी अपना रुझान बढ़ाएं तो उन्हें और बेहतर आमदनी हासिल हो सकती है। उपायुक्त ने क्षेत्र में मधुमक्खी पालन और खुम्ब उत्पादन में भी किसानों को जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन और खुम्ब उत्पादन उन किसानों के लिए आमदनी का बढ़िया जरिया हो सकता है जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं है। इन योजनाओं में करीब 80 फ़ीसदी तक अनुदान भी दिया जाता है।
उपायुक्त ने किसानों की आर्थिक समृद्धि को अतिरिक्त सुदृढ़ता देने के लिए लघु कोल्ड स्टोर के निर्माण करने के भी निर्देश दिए ताकि इनका व्यापक लाभ किसानों को मिल सके और उन्हें अपने उत्पादों के और ज्यादा दाम मिलना सुनिश्चित हो सकें।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बागवानी विभाग मधुमक्खी पालन को व्यवसाय बनाने के लिए किसानों का एक समूह तैयार करेगा। इन्हें कुल्लू जिला में संचालित डाबर की शहद उत्पादन इकाई का भ्रमण भी करवाया जाएगा ताकि वे इस व्यवसाय से जुड़ने के लाभ को जान सकें।
उपायुक्त ने कहा कि लाहौल घाटी के टिन्गरेट और चिमरट क्षेत्र के वे गांवों जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से पूरी तरह से नहीं जुड़े हैं, उनके लिए बैंक सेवाएं उपलब्ध करने की दिशा में भी विशेष प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने बैठक में मौजूद भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी को कहा कि यदि मौजूदा मानकों में बदलाव  किए जाने की जरुरत है तो इस मुद्दे को राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति में भी रखा जाए ताकि इस पर कोई निर्णय हो और इस दुर्गम क्षेत्र के ग्रामीणों को बैंकिंग योजनाओं का लाभ निरंतर मिल सके।
उपायुक्त ने कहा कि हालांकि ऋण- जमा अनुपात में पिछ्ले वर्ष की तुलना में 0.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अब ये पहली तिमाही के अन्त तक 19.50 फीसदी था। लेकिन फिर भी बैंकों को चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे और बढ़ाने को लेकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और मुद्रा योजना के तहत भी अधिकाधिक लोगों को जोड़ने की बात कही। बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक नोरबू छेरिंग के अलावा समिति से जुड़े अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने ‘जंगली फल लगाओ, फसल को बचाओ’ नारे के साथ किया पौधरोपण
 नाहन 25 अगस्त – जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरमौर ने नाहन के सैन की सेर में वन विभाग के साथ मिलकर ‘जंगली फल लगाओ फसल को बचाओ’ और ‘स्वस्थ वातावरण, स्वस्थ जीवन’ नारे के तहत पौध रोपण किया। इस पौध रोपण अभियान में जिला एवं सत्र न्यायधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरमौर आर.के. चौधरी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
     इस पौध रोपण अभियान में कचनार, आंवला, बेहड, शीशम और जामुन जैसे 150 उपयोगी व औषधीय पौधें रोपित किए गए। इस दौरान उन्होंने मौजूदा लोगों को बताया कि पौध रोपण अभियान को भी एक विधिक सेवा के भाग के रूप में शामिल किया गया है। यह अभियान प्रतिवर्ष मानसून के शुरू होने के समय चलाया जाता है। इस दौरान उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लोगो को दी जाने वाली निशुल्क कानूनी सलाह व सहायता की जानकारी भी प्रदान की तथा जनता से अनुरोध किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदत निःशुल्क सेवाओं का लाभ उठाएं।
इस अभियान में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी डा0 अबीरा बंासु, वन अधिकारी सौरव जाखड, पंचायत व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया।

सिरमौर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 252 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत, 214 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण – सुरेश कश्यप

नाहन, 25 अगस्त –  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत जिला सिरमौर में अभी तक 252 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हुई जिन पर 682 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा रही है। स्वीकृत 252 सड़क परियोजनाओं में से 214 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है जबकि शेष 38 सड़को का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
यह जानकारी सांसद लोक सभा सुरेश कश्यप ने आज यहां परिधि गृह में लोक निर्माण विभाग द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए दी। योजना के तहत वर्तमान में 38 सड़क परियोजनाओं का निर्माण प्रगति पर है जिन पर 170 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत जिला में 1674 कि0मी0 सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत 1486 कि0मी0 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिला की 274 बस्तियों को सड़क सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अभी तक 272 बस्तियों को सड़क सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है।
सांसद ने बताया कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश भर में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित कर सभी विभागों द्वारा किये गए विकास कार्यों के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई पूर्व प्रधानमन्त्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ना था ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सके।
सुरेश कश्यप ने कहा कि सिरमौर में ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़कों का जाल बिछाया गया है जिससे किसानों व बागवानों की नकदी फसलें अब मण्डियों तक आसानी से पहुंच रही हैं। इससे पहले सांसद लोक सभा सुरेश कश्यप ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर व दीप प्रज्वलित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने इस योजना के तहत जिला के 16 भूमि दान दाताओं को शॉल-टोपी देकर सम्मानित किया तथा परिधि गृह परिसर में आंवला का पौधा भी रोपित किया।
अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग वि एन पराशर ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए पीएमजीएसवाई और विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे विस्तृत जानकारी दी।
अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग विजय अग्रवाल ने मुख्य अतिथि सहित उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष कृषि विपणन बोर्ड बलदेव भंडारी, जिला परिषद अध्यक्षा सीमा कन्याल, नगर परिषद नाहन अध्यक्षा श्यामा पुण्डीर, भाजपा जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता, अधीक्षण अभियन्ता जल शक्ति विभाग जे एस चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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