Himachal Pradesh

5 साल बाद जेसीसी की बैठक तय होने से कर्मचारी वर्ग में खुशी: रमेश ठाकुर

5 साल बाद जेसीसी की बैठक तय होने से कर्मचारी वर्ग में खुशी: रमेश ठाकुर
ऊना 15 नवम्बर: जिला ऊना अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा है कि राज्य स्तरीय जेसीसी की बैठक तय होने पर प्रदेश के 3 लाख कर्मचारियों में एक बार फिर उम्मीद की किरण जगी है। हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की 27 नवंबर को आयोजित होने जा रही राज्य स्तरीय संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में कर्मचारियों की लंबित मांगों पर चर्चा होगी। जेसीसी की बैठक को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों में भी भारी उत्साह देखने को मिल रहा है चाहे वह सेवानिवृत्त कर्मचारी हो या वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी। राज्य स्तरीय जेसीसी की बैठक में कर्मचारी महासंघ की लंबित समस्याओं का समाधान हो पाएगा या नहीं इसका पता तो बैठक होने के बाद ही चल पाएगा।
  उन्होंने कहा कि इस बैठक में कर्मचारियों से जुड़ी कुल 62 सूत्रीय मांगों पर चर्चा होने की हर कर्मचारी को उम्मीद है जिनके पूरा होने का विश्वास है। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला ऊना के अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर, चेयरमैन भूपेंद्र सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान वीरेंद्र शर्मा, महासचिव तारा सिंह, प्रदेश प्रतिनिधि अश्विनी जसवाल, मुख्य सलाहकार रविंद्र शर्मा, गगरेट ब्लाक के प्रधान व महासचिव रणवीर सिंह व रविंद्र ठाकुर, अम्ब ब्लॉक के प्रधान हरभगवान सिंह महासचिव विजय शर्मा, हरोली ब्लॉक के प्रधान दिलबाग सिंह महासचिव विनय शर्मा, ऊना ब्लाक के प्रधान पपिद्र शर्मा  महासचिव बलवीर सिंह, शहरी इकाई की वरिष्ठ उपप्रधान इंदु वाला महासचिव राजेश शर्मा, बंगाणा ब्लॉक के वरिष्ठ उपप्रधान सुभाष चंद्र, विज्ञान अध्यापक संघ के प्रधान चन्द्रकेश ब समस्त जिला कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
प्रधान ने बताया कि कर्मचारी की मुख्य मांगों में छठे वेतन आयोग को लागू करना, शेष बचे महंगाई भत्ते की घोषणा करना, ओल्ड पेंशन योजना को लागू करना, अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करना, अनुबंध काल की नियुक्ति के समय से देने की मांग, मृत्यु व अपंगता की अधिसूचना 2009 को लागू करना, 2014  से 4-9-14 की विशेष वेतन वृद्धि का लाभ बहाल करना, आईटसोर्स कर्मचारियों की नीति बनाने, दैनिक भोगी कर्मचारियों को 5 वर्ष की बजाय 3 वर्ष से नियमित करना, नियमित कर्मचारी व पेंशन भोगी कर्मचारियों के मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए वजट का प्रावधान करना, करूणामूल के आधार के जितने भी विभागों के लंबित मामले उनका निपटारा करना,एन एम एच स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित वेतनमान देना, विभिन्न विभागों में पड़े रिक्त पदों को भरना, इसके अलावा विभागीय स्तर पर  कर्मचारियों  की विभिन्न प्रकार की मांगों का भी निपटारा करना ऐसी अन्य मांगों पर चर्चा होगी ।

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