
पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता चैतन्य शर्मा ने मुख्यमंत्री के गगरेट दौरे को पूरी तरह फ्लॉप करार देते हुए प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “प्रदेश सरकार की साँसें केंद्र सरकार की ऑक्सीजन पर चल रही हैं”, लेकिन योजनाओं का श्रेय खुद लेने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
चैतन्य शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए 75 करोड़ रुपये के कार्यों में अधिकांश धनराशि केंद्र सरकार की है। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार ने सिर्फ 80 लाख रुपए खर्च किए, बाकी पूरी राशि केंद्र सरकार की ओर से मिली है।” शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि इन परियोजनाओं में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम कहीं भी पट्टिका पर क्यों नहीं था, जो कि स्पष्ट रूप से प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के पिछले दौरे में किए गए वादों की भी याद दिलाई – जैसे दौलतपुर अस्पताल का अपग्रेडेशन डीएसपी ऑफिस, सदानी वाला पुल और मिनी सचिवालय – जिन पर अब तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल घोषणाएं करती है, धरातल पर कुछ नहीं है।
चैतन्य शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक राकेश कालिया को टिकट न मिलने के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र है। उन्होंने सवाल किया, “क्या यह सच नहीं है कि मुख्यमंत्री ने खुद मुझे चुनाव लड़ने को कहा था?” मुख्यमंत्री फूट की बात करते है लेकिन जितनी फूट कॉंग्रेस में उतनी दूसरी किसी पार्टी में नही है क्या ये झूठ है जब मैं विधायक था तब प्रदेश के लोक निर्माण विभाग का गगरेट में दौरा प्रस्तावित था तब उसे खुद मुख्यमंत्री ने ही कैंसल करवाया था क्यों ?
इसके अलावा चैतन्य शर्मा ने सरकार पर कानून व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि “यह सरकार कंगाल है और अपनी विफलताओं के लिए पिछली सरकार को दोष दे रही है, जबकि खुद को सत्ता में आए दो साल से ऊपर हो चुके हैं।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भविष्य में उनके खिलाफ कोई झूठी टिप्पणी की गई तो वह न्यायालय का रुख करेंगे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में एचपीसीएल प्रोजेक्ट की अनदेखी, अधिकारियों की बदहाली और डीजीपी के कार्यकाल के विवादास्पद अंत को लेकर भी सवाल उठाए।
अंत में उन्होंने विधायक राकेश कालिया को “एक्सीडेंटल विधायक” बताते हुए कहा कि “आज हालत यह है कि विधायक के आगे पायलट गाड़ी चलाई जा रही है और जनता की गाढ़ी कमाई को फिजूल खर्च किया जा रहा है।”एक तरफ प्रदेश पैसे न होने का बहाना बनाती है दूसरी तरफ विधायक पाइलट गाड़ी लेकर चलते है ।
चैतन्य शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक काम बखूबी किया है वो है लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की आवाज़ दबाने की प्रदेश के अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा झूठे मामलें इस सरकार ने पत्रकारों पर बनाए है और वो भी झूठे मामलें जबकि मीडिया का काम है समाचार देना लेकिन अब लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया जा रहा है ।