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घंगरेट गावं के लिए बैंचों की मांग मन्दिर ट्रस्ट ने ठुकराई, कहा नहीं बनी सहमति

घंगरेट गावं के लिए बीस बैंचों की मांग मन्दिर ट्रस्ट ने ठुकराई

प्रधान ने प्रस्ताव बनाकर मंदिर ट्रस्ट को भेजा था

गांव के लोगों की सुविधा को ट्रस्ट ने किया इंकार

भरवाईं20 जनवरी:

विकास कार्यों पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने वाले मन्दिर ट्रस्ट चिंतपूर्णी ने घंगरेट गांव के लोगों की उस मांग को ठुकरा दिया है जिसमें पंचायत प्रधान की ओर से  पंचायत के वार्डों के लिए लोगों की सुविधा के लिए बीस बैंचों की मांग की गई थी।लेकिन अभी हाल ही में हुई मन्दिर ट्रस्ट की बैठक में ट्रस्ट के कुछ सदस्यों ने  गांव न्यास की ओर से बैंच देने की मांग पर असमति जताई है यही नहीं इस मांग को लेकर पंचायत की ओर से मंदिर न्यास को बकायदा एक प्रस्ताव भी भेजा गया था लेकिन मन्दिर ट्रस्ट की ओर से इस मांग को अस्वीकार करने से पता चलता है कि मन्दिर ट्रस्ट किस तरह कुछ पंचायतो के विकास को लेकर भेदभाव की स्थिति बना रहा है एक तरफ जहां   प्रधान वीरेंद्र शर्मा  लगातार गांव के विकास कार्यों को लेकर अधिकारीयों से लेकर सरकार के मंत्रियों से मिलकर गांव की समस्याओं को जोर शोर से उठा रहे हैं और ये बेंचों की मांग भी प्रधान ने गांव के लोगों की समस्याओं को देखकर ही मन्दिर ट्रस्ट के आगे इसलिए रखी ताकि न्यास की ओर से उन्हें कोई सहायता मिल पाती।देखने वाली बात ये है कि एक तरफ जंहा मन्दिर का पैसा चिंतपूर्णी इलाके के बाहर भी विकास कार्यों पर खर्च किया जा रहा है तो ऐसे में  पंचायत की मात्र जन सुविधा के लिए की गई बैंचों की मांग को ठुकराना कंही न कंही पक्षपात रवैये जैसे प्रतीत होता है।

 

उधर गांव के प्रधान वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि ट्रस्ट की ओर से भरवाईं से मुबारकरपुर तक कई बैंच धूल फांक रहे हैं और  घंगरेट गांव जो कि जिला ऊना का कांगड़ा की सीमा के साथ लगता आखिरी गांव है तो इस गांव के विकास को लेकर मन्दिर ट्रस्ट को आनाकानी न करके अपना सहयोग देना चाहिए था।

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