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पी.पी.ए समझौते में कही तय नहीं कि निजी पावर प्लांट पीक सीजन में देंगे पूरी बिजली, इसी लिए धान की बुवाई के मौसम में दो बिजली संयंत्रों किये बंद :नवजोत सिद्धू

पी.पी.ए समझौते में कही तय नहीं कि निजी पावर प्लांट पीक सीजन में देंगे पूरी बिजली, इसी लिए धान की बुवाई के मौसम में दो बिजली संयंत्रों किये बंद :नवजोत सिद्धू

जब तक पी.पी.ए. समझौता रद्द नहीं किया जाता, तब तक 300 यूनिट मुफ्त बिजली देना एक खोखला वादा: सिद्धू
सिद्धू बोले, इस पी.पी.ए समझौते में कही तय नहीं कि निजी पावर प्लांट पीक सीजन में देंगे पूरी बिजली

एक तरफ आज कैप्टन दिल्ली दरबार में हाजरी लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर नवजोत सिद्धू लगातार राज्य के बिजली संकट को लेकर ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने 15 मिनट के भीतर 5 ट्वीट दाग कर पावर परचेज अग्रीमेंट (पी.पी.ए.) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब तक यह पी.पी.ए. समझौता रद्द नहीं हो किया जाता है, तब तक राज्य के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देना एक सपना और खोखला वादा ही बना होगा।
सिद्धू ने कहा है कि यह और भी चिंताजनक है कि पी.पी.ए. के तहत पीक सीजन के दौरान इन निजी पावर प्लांट्स से हर हाल में पूरी बिजली लोगों को दी जाएगी, ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। इसी लिए इन्होने इस धान की बुवाई के मौसम में दो बिजली संयंत्रों को मरम्मत के बंद कर दिया है और पंजाब को अतिरिक्त बिजली खरीदनी पर मजबूर होना पड़ रहा है।
पी.पी.ए. समझौते के तहत पंजाब को बिजली उत्पादन का शत-प्रतिशत फिक्स्ड चार्ज देना पड़ता है। जबकि अन्य राज्यों में यह फिक्स्ड चार्ज 80 प्रतिशत है। अगर यह फिक्स्ड चार्ज देना बंद कर दिया जाए तो पंजाब में प्रति यूनिट बिजली की कीमत घट कर 1 रूपए 20 पैसे रह जाएगी।

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