
पंजाब के किसानों का सब्सिडी वाला यूरिया इंडस्ट्री को खाने नहीं देंगे, सरकार कर रही किसानों के साथ धोखा : परगट सिंह
चंडीगढ़, 25 अगस्त 2025 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक परगट सिंह ने पंजाब के किसानों का सब्सिडी वाला यूरिया चोरी से फैक्ट्रियों और इंडस्ट्री को दिए जाने के घोटाले की जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों को सब्सिडी वाला यूरिया मुहैया करवाने की बजाए 3-4 गुणा दामों पर खरीदने के लिए मजबूर करने वाले रैकेट में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने चेताया कि किसानों के साथ कांग्रेस धोखा नहीं होने देगी।
परगट सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार किसानों को सब्सिडी वाला यूरिया दिलाने में नाकाम साबित हो रही है। सरकार यूरिया की कमी दिखाकर घोटाला कर रही है और इंडस्ट्री को प्रफुल्लित करने के लिए किसानों के साथ धोखा कर रही है। महंगा यूरिया खरीदने के कारण किसानों की फसलों की लागत भी अधिक हो रही है। किसान और पंजाब पहले ही कर्ज में डूब हैं। किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
इन दिनों बाढ़ के कारण किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं। जानवर मर रहे हैं। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार को चाहिए कि वह तुरंत तबाह हुई फसलों की गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दे। परगट सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों को गेहूं और आलू की फसलों के लिए इन दिनों यूरिया की जरूरत होती है। लेकिन किसानों का यूरिया इंडस्ट्री को गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने को दिया जा रहा है। क्योंकि इंडस्ट्री वाले इस यूरिया का इस्तेमाल प्लाईबुड, एडहैसिव (फैबिकोल), कैटल फीड और कुछ कैमिकल प्रोसैस के लिए करते हैं।
इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला टैक्नीकल ग्रेड इंडस्ट्रीयल यूरिया पर सरकार कोई सब्सिडी नहीं देती है। इतना ही नहीं एग्रीकल्चरल ग्रेड यूरिया सब्सिडाइज होने के साथ-साथ इसकी कीमत भी कम होती है। इंडस्ट्री सिर्फ नॉन टैक्नीकल ग्रेड यूरिया ही इस्तेमाल कर सकती है। इसलिए इंडस्ट्री को यह यूरिया गलत तरीके से मुहैया कराया जा रहा है।
परगट सिंह ने मार्किट में 45 किलोग्राम के बैग के लिए 275 रुपए की आधिकारिक कीमत है, लेकिन इसे किसानों को तीन-चार गुणा ज्यादा दाम पर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सब्सिडी वाला यूरियो मुहैया करवाने वाले डीलर पर आपूर्ति से इनकार करके या अनावश्यक ख़रीद पर बिक्री की शर्तें लगाकर किसानों का शोषण कर रहे हैं। उन्हें डीलर यूरिया के हर बैग के साथ अन्य कैमिकल खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में किसानों को सब्सिडाइज यूरिया मुहैया करवाने के लिए 25000 से अधिक अधिकृत डीलर्स और कमीशन एजेंट्स हैं। 3000 कोऑप्रेटिव सोसायटिज हैं। उसके बावजूद यूरिया बांट में घोटाला हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह कपूरथला में बीते दिनों यूरिया ब्लैक करने वाले रैकेट का भंडाफोड हुआ है। औद्योगिक उद्देश्यों के लिए सब्सिडी वाले यूरिया के अवैध उपयोग के लिए फ़ैक्टरी मालिकों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए गए हैं और अधिकारी इस वितरण से संबंधित संभावित टैक्स चोरी की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में रैकेट चला रहे लोगों की तुरंत निष्पक्ष जांच करवाए, ताकि किसानों को सब्सिडी वाला यूरिया मिलने में कोई परेशानी न आए।