Punjab
*परिणाम प्रमुख नई आबकारी नीति राज्य में शराब माफिया के ताबूत में कील साबित होगी: आबकारी कमिशनर*
शराब की अंतरराज्यीय तस्करी पर भी लगेगी रोक
चंडीगढ़, 9 जून:
आबकारी कमिशनर वरुण रूजम ने आज कहा कि परिणाम प्रमुख नई आबकारी नीति राज्य में शराब माफिया के ताबूत में कील साबित होने के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से होने वाली शराब की तस्करी को रोकने में सहायक होगी।
आबकारी कमिशनर ने कहा कि राजस्व बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए ग्रुपों की संख्या को घटाया गया है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति बनाने से पहले लाइसेंस धारकों के साथ बैठकों के दौरान मौजूदा परचून लाइसेंस धारकों की माँग थी कि ग्रुप का आकार मौजूदा (07-08 करोड़) स्तर से बड़ा और 30 करोड़ के स्तर तक होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इससे ग्रुपों की आपसी रंजि़शबाज़ी घटेगी, जबकि ग्रुप का आकार छोटा होने के कारण पहले रंजि़शबाज़ी आम बात थी। उन्होंने कहा कि इससे शराब कारोबार से असामाजिक तत्वों को बाहर निकालने और इस कारोबार में कुशलता लाने में मदद मिलेगी।
आबकारी कमिशनर ने आगे कहा कि नई आबकारी नीति के मुताबिक राज्य भर में ठेकों की संख्या पहले जितनी ही रहेगी और अगर ग्रुपों की संख्या घटाई गई तो परचून क्षेत्र में रोजग़ार के मौके पहले जितने ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब से सम्बन्धित उत्पादन क्षेत्र में पंजाब के लोगों के लिए नए रोजग़ार के अवसर सृजन किए जाएंगे। वरुण रूजम ने कहा कि डिस्टिलरियों, बॉटलिंग प्लांट और ब्रियूवरियां स्थापित करने के लिए लाइसेंस को फिर खोल दिया है और यह नीति पंजाब में माल्ट उत्पादन इकाईयाँ कायम करने की भी इजाज़त देती है, जिसमें नए इथैनॉल प्लांट लगाने पर ज़ोर दिया गया है। इससे युवाओं के लिए रोजग़ार के नए अवसर पैदा होंगे।
आबकारी कमिशनर ने कहा कि कीमतों में गिरावट के साथ शराब का उपभोग नहीं बढ़ेगा, बल्कि इससे ग्राहकों को कम कीमत देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से तस्करी के कारण पंजाब को नुकसान हो रहा था और शराब की कीमत घटने से शराब की अंतरराज्यीय तस्करी घटेगी। वरुण रूजम ने कहा कि इस नीति से वास्तव में उपभोक्ता को फ़ायदा मिलेगा।
आबकारी कमिशनर ने आगे कहा कि नई नीति में सर्कल और जि़ला स्तर पर आबकारी गतिविधियों पर सख़्ती से निगाह रखने का प्रस्ताव है, जिसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों के जि़ला पुलिस के साथ तालमेल पर ज़ोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग ने पहले ही राज्य स्तर पर पंजाब पुलिस के साथ संपर्क साधा हुआ है, जिसके अंतर्गत सभी जि़ला पुलिस हैडक्वार्टरों पर नारकोटिक्स और एक्साईज सैल बनाए गए हैं। वरुण रूजम ने कहा कि नई आबकारी नीति में उत्पादन से लेकर शराब की मुकम्मल आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभावशाली तरीके से नजऱ रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें राज्य में सभी शराब स्पलायरों पर बार कोडिंग का प्रयोग के साथ ट्रैक और ट्रेस सॉफ्टवेयर लाया है। इसके साथ-साथ सभी ठेकों पर पी.ओ.एस. मशीनें, सभी उत्पादन इकाईयों पर सपीरिट के उत्पादन, प्रयोग एवं वितरण को मापने के लिए इलैक्ट्रोमैगनैटिक मास फ्लो मीटर, सी.सी.टी.वी. कैमरे (24 घंटे) काम करेंगे। उन्होंने बताया कि सभी उत्पादन और थोक इकाईयों के गेट्स पर बायोमैट्रिक से चलने वाले बूम बैरियर अनिवार्य किए गए हैं।
आबकारी कमिशनर ने कहा कि राजस्व में अनुमान लगाए गए इज़ाफे को हरेक ग्रुप की असली क्षमता को ध्यान में रखते हुए गिना गया है। उन्होंने कहा कि यह अनुमान सर्कल और जि़ला स्तर पर तैनात अधिकारियों द्वारा इी गईं ज़मीनी हकीकतों पर अधारित हैं। वरुण रूजम ने कहा कि तस्कर विरोधी कार्यवाहियों के साथ-साथ नाजायज़ शराब निकालने के विरुद्ध की गई कार्यवाहियों से राजस्व बढ़ाने में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
आबकारी कमिशनर ने कहा कि नई आबकारी नीति नाजायज़ शराब को रोकेगी, जिससे पिछले समय में बहुत सी मौतें हुई थीं। उन्होंने कहा कि नई नीति के साथ कम कीमत वाली 40 डिग्री पी.एम.एल. को पंजाब के नाजायज़ शराब से प्रभावित क्षेत्रों में पाऊच में बेचा जा सकेगा, जो बिना शक लोगों को नाजायज़ या ग़ैर-कानूनी शराब पीने से लोगों को एक तरफ़ करेगा। वरुण रूजम ने कहा कि लोगों को ग़ैर-कानूनी तौर पर तैयार की गई नाजायज शराब की बजाय कानूनी तौर पर तैयार होने वाली 40 डिग्री पी.एम.एल. सस्ती शराब का विकल्प मिल सकेगा, जिससे नाजायज शराब निकालने पर भी बहुत हद तक रोक लगाई जा सकेगी।
आबकारी कमिशनर ने कहा कि नयी आबकारी नीति में स्पष्ट तौर पर मैन्यूफैक्चजऱ्, थोक विक्रेता और परचून विक्रेताओं के नापाक गठजोड़ को तोडऩे की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि वह एक दूसरे से दूरी बनाकर रखेंगे और अपने-अपने हित में शराब के कारोबार के अलग-अलग हिस्से (मैन्यूफैकचजऱ्, थोक विक्रेता और परचून विक्रेता) एकजुट नहीं कर सकेंगे।