अभूतपूर्व गर्मी और मानसून की देरी के कारण पंजाब में बिजली की मांग 14500 मेगावाट से हुई पार
अभूतपूर्व गर्मी और मानसून की देरी के कारण राज्य में बिजली की मांग 14500 मेगावाट से हुई पार
पंजाब का पावर डिस्टीब्यूशन सिस्टम 13000 मेगावाट से ज्यादा का बोझ नहीं संभाल सकता
पिछले कई दिनों से लगातार लग रहे बिजली के कट पर पंजाब सरकार ने अब साफ़ किया है कि इस बार अभूतपूर्व गर्मी और मानसून की देरी ने राज्य में बिजली की मांग को पिछले सालों की तुलना में काफी बढ़ा दिया है। इस बार राज्य में बिजली की मांग 14500 मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई है, जबकि राज्य में मांग 12000-12500 मेगावाट ही रहती है।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य का पावर डिस्टीब्यूशन सिस्टम 13000 मेगावाट से ज्यादा का बोझ नहीं संभाल सकता है। ऐसे में जब मांग ही 14500 मेगावाट हो गई तो, इस लोड के चलते फीडरों व सब-स्टेशनों पर ओवरलोडिंग हो रही है। अगर राज्य असीमित बिजली खरीदता भी है तो भी राज्य का पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम 13000 मेगावाट से अधिक का बोझ बर्दाश्त नहीं कर पाएगा और इसे प्रसारित नहीं किया जा सकता है।
यह भी बताया गया कि पिछले वर्षों में बिजली का लोड इतना अधिक कभी नहीं हुआ, क्योंकि बारिश से टियूब वेल्स और ए.सी. की मांग कम हो जाती है। लेकिन इस बार बारिश की देरी से बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और राज्य का पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम इतनी बिजली का बोझ नहीं उठा सकता है इसीलिए यह समस्या आ रही है।