
— नागरिक अब गैंगस्टर से संबंधित अपराधों की गुप्त रिपोर्टिंग कर सकते हैं: डीजीपी पंजाब
— डीजीपी गौरव यादव ने हेल्पलाइन की शुरुआत के अवसर पर इसकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए ट्रायल कॉल की
— हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त सभी सूचनाओं पर एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान की सीधे निगरानी में तत्काल और समन्वित कार्रवाई की जाएगी
चंडीगढ़, 28 सितंबर:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार नागरिकों को सशक्त बनाने और संगठित अपराधों के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने आज नागरिकों के लिए एक समर्पित टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-330-1100 की शुरुआत की। इसके माध्यम से नागरिक डराने-धमकाने, जबरन वसूली और गैंगस्टरों से संबंधित गतिविधियों सहित संगठित अपराधों की गुप्त रूप से रिपोर्टिंग कर सकेंगे।
यह उल्लेखनीय है कि यह हेल्पलाइन पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए जी टी एफ ) द्वारा नागरिकों को संगठित अपराध की रिपोर्ट करने के लिए एक सीधा और गुप्त चैनल प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
हेल्पलाइन की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए, डीजीपी ने शुरुआत के दौरान 1800-330-1100 पर एक ट्रायल कॉल की और इस नई प्रणाली के कार्यप्रणाली को समझने के लिए प्रतिनिधि से बातचीत की।
डीजीपी गौरव यादव ने अपने वीडियो संदेश में नागरिकों को भरोसा दिलाया कि इस हेल्पलाइन पर प्राप्त सभी सूचनाओं की उच्च स्तरीय गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी और कॉल करने वालों की पहचान सुरक्षित रखी जाएगी। उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे यह नंबर सेव कर लें और बिना किसी डर या झिझक के ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करके सुरक्षित प्रदेश बनाने के मिशन में पंजाब पुलिस का सहयोग दें।
डीजीपी ने कहा, “यह हेल्पलाइन नागरिकों द्वारा पुलिस की सहायता करने का एक शक्तिशाली साधन है। इस हेल्पलाइन पर प्राप्त रिपोर्टों पर तुरंत और समन्वित कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन की निगरानी एडीशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजीपी) ए जी टी एफ प्रमोद बान द्वारा की जाएगी, ताकि प्रत्येक सूचना पर प्रभावी ढंग से तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
डीजीपी ने बताया कि इस हेल्पलाइन के सुचारू संचालन के लिए 112 हेल्पलाइन के स्थापित बुनियादी ढांचे का उपयोग किया जा रहा है, हालांकि इस नंबर पर आने वाली कॉलें ए जी टी एफ के विशेष अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से मामलों का निपटारा करने और जरूरत पड़ने पर संबंधित जिलों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए स्वतंत्र रूप से सुनी जाएंगी।
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