रात 1 बजे के हाईकोर्ट के आदेशों से छुड़वाए जा सके भाजपा नेता, पंजाब सरकार ने कहा ऐसी घटनाएं स्वीकार नहीं की जाएंगी
मामले को लेकर 150 के करीब लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफ.आई.आर.
राजपुरा में हाईकोर्ट के एडवोकेट ब्रजेश्वर जसवाल सहित भाजपा के 14 अन्य लोगों को उनके घर में ही करीब 500 हथियारबंद लोगों द्वारा रविवार दोपहर से बंधक बनाए जाने के मामले में सोमवार को पंजाब सरकार ने कहा कि अब इन सभी 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, और इस मामले को लेकर 150 के करीब लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज कर दी गई है, साथ ही कहा गया कि ऐसी घटनाओं की सरकार निंदा करती है और इन्हे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
इस पर ब्रजेश्वर जसवाल के वकील अनिल मेहता ने हाईकोर्ट को बताया कि पिछले कई महीनों से पंजाब में ऐसी घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। इससे पहले भी किसान आंदोलन के नाम पर कई भाजपा नेताओं पर हमले हुए हैं और वह लगातार जारी है। अगर कल देर रात वह हाईकोर्ट से इसकी गुहार नहीं लगाते तो कोई भी अनहोनी घटना घट सकती थी। जो 14 लोग एक घर में बंधक बनाए गए थे उनमे दो नाबालिग बच्चे भी थे और पुलिस इस पूरी घटना को मूकदर्शक बन देख रही थी। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद ही इन सभी बंधकों को प्रदर्शनकारियों के चुंगल से बचाया जा सका है। पंजाब में अब लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही है, ऐसे में हाईकोर्ट को अब इस मामले में दखल देना चाहिए।
सुनवाई के दौरान बंधक बने एडवोकेट ब्रजेश्वर जसवाल भी मौजूद थे, उन्होंने पूरी घटना के बारे में हाईकोर्ट को जानकारी दी और बताया कि किस डर और खौफ के मौहोल में वह बंधक बने रहे। जसवाल ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाले जाने के लिए हाईकोर्ट का धन्यवाद किया और आगे से उनकी सुरक्षा की गारंटी भी मांगी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि बंधक बने सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चूका है, ऐसे में अब अगर उनकी कोई और मांग है तो इसके लिए उन्हें अलग से याचिका दायर करनी होगी। इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया सत्यपाल जैन ने कहा कि हाईकोर्ट पहले बंधक बने सभी लोगों का पक्ष सुन ले, उसके बाद ही अब याचिका का निपटारा किया जाए। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई 9 अगस्त तक स्थगित करते हुए सरकार के इस जवाब पर सभी याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष रखे जाने के आदेश दे दिए हैं।