पंजाब द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने के साथा-साथा संयुक्त राष्ट्र और विश्व की अन्य एजेंसियों के सहयोग से महिलाओं की रक्षा के लिए कदम उठाने की पूरी तैयारी
पंजाब द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने के साथा-साथा संयुक्त राष्ट्र और विश्व की अन्य एजेंसियों के सहयोग से महिलाओं की रक्षा के लिए कदम उठाने की पूरी तैयारी
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री 2407 अध्यापिकाओं को नियुक्ति पत्र सौंपेगे और सांझ शक्ति पुलिस हेल्पलाइन सहित 8 नयी स्कीमों की शुरुआत करेंगे
चंडीगढ़, 7 मार्च:
पंजाब सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी रक्षा करने के लिए की जा रही कोशिशों के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक एजेंसियों के साथ हाथ मिलाने की तैयारी में है जिस सम्बन्धी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार को आठ विशेष पहलकदमियों की शुरुआत की जायेगी।
मुख्यमंत्री द्वारा शुरुआत की जाने वाली पहलकदमियों में 2407 मास्टर कैडर महिला अध्यापकों को नियुक्ति पत्र सौंपने, सभी पुलिस थानों में महिलाओं के लिए सांझ शक्ति हेल्प डैस्क और 181 सांझ शक्ति हेल्पलाइन स्थापित किये जाने शामिल हैं, जिनमें मुख्य तौर पर महिला ऑपरेटर काम करेंगी ताकि महिलाओं के खि़लाफ़ अपराधों के प्रति संवेदनशील प्रतिक्रिया दी जा सके।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब भवन, चण्डीगढ़ से वर्चुअल ढंग से महिला समर्थकीय पहलकदमियों की शुरुआत करने के साथ-साथ पंजाब के जि़ला हैडकुआटरों और ब्लॉक स्तर के प्रोग्रामों की भी शुरुआत होगी। इस मुख्य समारोह में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी बाकी मंत्रीयों और विधायकों के साथ शामिल होंगी।
इस मौके पर स्कूल शिक्षा विभाग में नये भर्ती हुईं महिला अध्यापकों में से कुछ अध्यापकों को मुख्यमंत्री निजी तौर पर नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। कुल 2407 महिला अध्यापकों को राज्यभर में नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना, महिलों को अपराधों से बचाना और स्कूली सिलेबस में लिंग संवेदना पाठ्यक्रम शुरू करना है। राज्य सरकार के साथ जुडऩे वाली एजेंसियों में यू.एन. वूमन, यू.एन.डी.पी. (संयुक्त राष्ट्र विकास फंड), यू.एन. पॉप्यूलेशन फंड, जे-पी.ए.एल. (अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब) और एफ.यू.ई.एल. (फ्रैंड्ज़ फॉर ऐनरजाईजिग़ लाईव्ज) शामिल हैं। यह सहयोग महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण में विस्तार करने, उनके लिए रोजग़ार योग्यता की पहचान और विस्तार करने, सामथ्र्य बढ़ाने और अनीमिया बीमारी के ख़ात्मे पर केंद्रित होगा।
यू.एन. वूमन के साथ आपसी सहमति का समझौता (एम.ओ.यू.) लिंग केंद्रित प्रोजेक्टों, राज्य में इस बारे सामथ्र्य बढ़ाने, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और अन्यों के विरुद्ध हिंसा रोकने की शुरुआत करेगा। राज्य सरकार यू.एन. वूमन के साथ टैक्निकल फैस्ट (टैकशिक्षा) भी शुरू करने जा रही है जिसके अंतर्गत सूचीबद्ध लड़कियों को प्रशिक्षण और प्लेसमेंट दिया जायेगा।
यू.एन. पॉप्यूलेशन फंड के साथ एम.ओ.यू. राज्य के विभागों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ लिंग आधारित हानिकारक प्रथाओं जैसे कि महिलाओं और लड़कियों के खि़लाफ़ हिंसा और लिंग आधारित चयन को रोकेगा। पंजाब सरकार महिलाओं और बच्चों में अनीमिया और कुपोषण को ख़त्म करने के लिए यू.एन.डी.पी. के साथ साझेदारी स्थापित करेगी।
जे-पी.ए.एल. के साथ समझौता सभी सरकारी स्कूलों में लिंग संवेदना पाठ्यक्रम प्रोग्राम को और उत्साहित करेगा जबकि एफ.यू.ई.एल. के साथ समझौता घर-घर रोजग़ार स्कीम अनुसार नौजवानों को कौशल प्रदान करेगा।
ये पहलकदमियां कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की महिला सशक्तिकरण केंद्रित नीतियों का हिस्सा हैं जिसको पिछले चार सालों में निरंतर बढ़ाया गया है। एक ऐतिहासिक फ़ैसले में राज्य सरकार पहले ही महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण और पंचायतों व म्युंसिपलों में 50 प्रतिशत आरक्षण मुहैया करवा चुकी है।
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