Punjab

आंगनवाड़ियों को खोलने वाला पंजाब पहला राज्य

 

मुख्यमंत्री द्वारा त्योहारों के मौसम को देखते कोविड पाबंदियां 30 सितम्बर तक बढ़ाने के हुक्म

त्योहार समागमों के मौके पर सिर्फ़ टीकाकरण करवाने वाले स्टाफ /हिस्सा लेने वालों को ही इजाज़त, ज़िम्मेदारी समागम करवाने वालों /राजनैतिक दलों की होगी

मुख्य सचिव को पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त फ्लायंग सकुऐड कायम करने के हुक्म जिससे रैस्टोरैंटों /मैरिज पैलेसों में पाबंदियां लागू करवाई जा सकें

आंगनवाड़ियों को खोलने वाला पंजाब पहला राज्य बशर्ते स्टाफ के टीकाकरण /अन्य दिशा- निर्देशों की पालना हो

चंडीगढ़, 10 सितम्बरः

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को अगामी त्योहारों के मौसम को देखते हुए मौजूदा कोविड पाबंदियों में 30 सितम्बर तक विस्तार किये जाने के हुक्म दिए हैं और सभी भीड़ों, राजनैतिक भीड़ों समेत, में सम्मिलन करने वालों की संख्या 300 तय कर दी है। इसके साथ ही मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बना कर रखने को भी सख़्ती से लागू करने के हुक्म दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने समूह प्रबंधकों, राजनैतिक पक्षों समेत, के लिए यह जरूरी करार दिया है कि उनकी तरफ से यह यकीनी बनाया जाये कि त्योहारों से सम्बन्धित समागमों के मौके पर लगाऐ जाने वाले खाने के स्टालों आदि में तैनात स्टाफ, मैनेजमेंट और शिरक्त करने वालों ने पूर्ण तौर पर टीकाकरण करवाया हो या कम से कम एक टीका लगवाया हो।

त्योहारों को देखते हुए लगातार चौकसी रखने का न्योता देते हुए मुख्यमंत्री ने समूह राजनैतिक पार्टियों को इस सम्बन्ध में मिसाल पेश करने के लिए कहा और इसके साथ ही डी.जी.पी. को निर्देश दिए कि पाबंदियों की पालना प्रत्येक द्वारा यकीनी बनाई जाये। डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि कोविड के मामलों की घटती संख्या के मद्देनज़र लोग मास्क पहनने के मामले में लापरवाह हो रहे हैं और इस सम्बन्धी स्वास्थ्य विभाग को पुलिस की मदद से कोविड पाबंदियाँ सख़्ती से लागू करवानी चाहिये। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य सचिव विनी महाजन को निर्देश दिए कि हरेक ज़िले में पुलिस और प्रशासन के संयुक्त फ्लायंग सकुऐड कायम करके रैस्टोरैंटों और मैरिज पैलेसों में सख़्ती से पाबंदियाँ लागू करवाना यकीनी बनाया जाये।

एक उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा की वर्चुअल तौर पर अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा विभाग को इसी महीने आंगनवाड़ी केंद्र खोलने की तैयारी करने के लिए कहा जिससे पंजाब ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। इन केन्द्रों का खुलना स्टाफ के टीकाकरण और अन्य दिशा निर्देशों पर निर्भर करेगा जो कि स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा तौर पर तय किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी हुक्म दिए कि टेस्टिंग सामर्थ्य में विस्तार करते हुए इसको मौजूदा 45 हज़ार प्रति दिन से बढ़ा कर कम से कम 50 हज़ार प्रति दिन किया जाये जिससे कोविड की तीसरी संभावित लहर सम्बन्धी पहले से ही तैयारियाँ की जा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सैंटीनल टेस्टिंग के साथ ही आऊटरीच कैंप और टेस्टिंग भी की जाये ख़ास कर उन स्थानों पर जहाँ कि त्योहारों के मद्देनज़र लोगों का जलसा होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि बुनियादी ढांचे के सुधार से सम्बन्धी सभी कामों में तेज़ी लाकर इनको पूरा किया जाये।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सभी जिलों में अब स्थानीय पाबंदियों से सम्बन्धित एक स्वैचालित प्रणाली, जी.आई.एस अधारित निगरानी और रोकथाम प्रबंधन लागू हो चुका है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को यह दिशा निर्देश भी दिए कि इस प्रणाली की सहायता से माईक्रो कंटेनमैंट सम्बन्धी कदम उन इलाकों /मोहल्लों में उठाये जाएँ जहाँ केसों या मामलों की संख्या पाँच से अधिक है।

राज्य की कोविड माहिर कमेटी के प्रमुख डा. के.के. तलवाड़ के इस मौके पर कहा कि मौजूदा समय हालाँकि हालात काबू में हैं परन्तु तीसरी लहर और आगामी त्योहारों के सीजन सम्बन्धी सचेत रहने की ज़रूरत है। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह अपील की कि सभी धार्मिक संगठनों को कहा जाये कि वह मंदिरों और गुरुद्वारों से नियमित तौर पर मास्क पहनने सम्बन्धी ऐलान करें। उन्होंने सुझाव दिया कि मार्केट कमेटियों को भी बाज़ारों में भीड़ के मद्देनज़र ऐसा ही करने के लिए कहा जाना चाहिए और दुकानदारों और उनके कामगारों की जांच भी त्योहारों के मौसम को मुख्य रखते हुए प्रमुखता से की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर गौर करते हुए कि म्यूकोरमायकोसिस के मामलों में भारी कमी आई है और बीते हफ़्ते सिर्फ़ एक मामला सामने आया है, यह संतोष ज़ाहिर किया कि पंजाब कई अन्य राज्यों जैसे कि हरियाणा के मुकाबले ठीक हुए लोगों की संख्या के पक्ष से काफ़ी आगे है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव आलोक शेखर ने मीटिंग में जानकारी दी कि राज्य में ओवरआल पॉज़िटीविटी दर सितम्बर 1से 9 तक केवल 0.1 प्रतिशत रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के विभिन्न प्रकारों सम्बन्धी एन.सी.डी.सी. को भेजी गई मासिक जीनोम अनुक्रमण में यह सामने आया है कि इसका डेल्टा प्रकार/वेरियंट उभर कर सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सरकारी मैडीकल कालेज और अस्पताल, पटियाला में पी.ए.टी.एच. के साथ मिलकर स्थापित की जीनोम सीकुऐंसिंग लैब ने अपना काम शुरू कर दिया है जिसमें 67 नमूने पहले ही जांच किये जा चुके हैं और कोई भी नया प्रकार/वेरियंट सामने नहीं आया।

 

 

कोविड वैक्सीन की एक भी खुराक न लेने वाले पंजाब के सरकारी कर्मचारियों को 15 सितम्बर के बाद जबरन अवकाश पर भेजा जाएगा: मुख्यमंत्री

सह-रोगों वाले स्टाफ को छोडक़र चार हफ़्ते पहले वैक्सीन की एक-एक खुराक लेने वाला अध्यापन और ग़ैर-अध्यापन स्टाफ जा सकता है स्कूल, परन्तु साप्ताहिक आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट की ज़रूरत होगी

मुख्यमंत्री द्वारा अध्यापकों, बच्चों के माँ-बाप, विक्रेताओं, खाने-पीने और मिठाई वाली दुकानों एवं ढाबों के स्टाफ के लिए प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन की पहली खुराक लगाने के आदेश

चंडीगढ़, 10 सितम्बर:

मेडिकल आधार को छोडक़र किसी भी अन्य कारण से अभी तक कोविड वैक्सीन की पहली खुराक न लेने वाले पंजाब सरकार के कर्मचारियों को 15 सितम्बर के बाद जबरन छुट्टी पर भेज दिया जाएगा।

इन सख़्त आदेशों का ऐलान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किया, जिससे लोगों को इस बीमारी से सुरक्षित रखने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित बनाया जा सके कि वैक्सीन की खुराक लेने में अभी भी संकोच कर रहे लोगों के कारण वैक्सीन लगवा चुके लोगों को इसका हर्जाना ना भरना पड़े।

आज कोविड की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के असरदार रहने का सबूत अध्ययन किए जा रहे डेटा से मिल जाता है। सरकारी कर्मचारियों तक पहुँच करने के लिए विशेष प्रयत्न किए जा रहे हैं और जो कर्मचारी खुराक लेने से बच रहे हैं, उनको उस समय पर तक छुट्टी पर रहने के लिए कहा जाएगा, जब तक वह पहली खुराक नहीं ले लेते।

उन्होंने कहा ने चार महीने पहले कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक ले चुके टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्कूल स्टाफ को ड्यूटी करने की इजाज़त दे दी है, परन्तु इसके लिए हरेक हफ़्ते आर.टी.पी.सी.आर. की नेगेटिव रिपोर्ट जमा करवानी होगी। हालाँकि, सह-रोगों वाले स्टाफ को पुरी खुराकें लेने पर ही इजाज़त दी जाएगी।

इससे पहले स्कूल शिक्षा के सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि इस समय पर कोविड की पुरी खुराकें लेने वाले स्टाफ के सदस्यों को स्कूल आने की इजाज़त है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने सुझाव दिया कि स्कूल स्टाफ के लिए दूसरी खुराक लेने का समय घटाकर 28 दिन कर दिया जाए, परन्तु मुख्य सचिव ने मीटिंग में बताया कि राज्य द्वारा स्कूल स्टाफ को ज़रूरी सेवाओं के तौर पर विचारने के लिए की गई अपील को केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर तसल्ली ज़ाहिर की कि कारगर ढंग से टेस्टिंग करने के स्वरूप स्कूलों में स्थिति अभी तक नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि अगस्त महीने में कुल 5799 स्कूलों के अध्यापन और ग़ैर-अध्यापन के 33,854 अमले द्वारा 3,21,969 स्कूल के विद्यार्थियों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से अब तक 158 मामलों में टेस्ट पॉजि़टिव पाए गए जिसके मुताबिक पॉजि़टिविटी दर सिफऱ् 0.05 प्रतिशत बनती है।

ताज़ा सीरो-सर्वे का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि 6-17 साल के उम्र वर्ग के बच्चों के लिए पॉजि़टिविटी दर 60 प्रतिशत है, जबकि 14-17 साल के उम्र वर्ग में यह दर अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग और रिहायश की जगह के हिसाब से यह एक ही तरह से फैला, जिससे सिद्ध होता है कि हमारे बच्चे, यहाँ तक कि वह कोविड से भी प्रभावित हुए, बहुत हद तक गंभीर बीमारी से सुरक्षित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री से अपील की कि त्योहारों से पहले सभी योग्य लोगों के टीके लगाने को सुनिश्चित बनाने के लिए अपेक्षित मात्रा में टीके उपलब्ध करवाना निश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष इस मामले की पैरवी करेंगे, जिन्होंने पहले भी उनको अतिरिक्त आपूर्ति का भरोसा दिलाया था। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि मिठाई की दुकानों, खोखे, ढाबों आदि के सभी स्टाफ के टीकाकरण की कम से कम एक खुराक ज़रूर लगवायी हो।

यह ध्यान दिलाते हुए कि 1.18 करोड़ लोगों को पहली खुराक और 37.81 लाख लोगों को दूसरी खुराक के साथ राज्य ने पहले ही 57 प्रतिशत से अधिक योग्य जनसंख्या को टीकाकरण में कवर कर लिया है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने टीकाकरण मुहिम को आगे और तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी आदेश दिए कि अध्यापकों, नौजवान बच्चों के माँ-बाप और विक्रेताओं को कोविड टीकाकरण में पहल दी जाए।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य को प्राप्त हुए टीकों का स्टॉक बिना अपव्यय किए उपयोग किया गया।

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