Punjab
मुख्यमंत्री ने सभी प्राईवेट और सरकारी अस्पतालों /स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं को 31 मार्च तक सप्ताह के सातों दिन रोजाना 8 घंटे टीकाकरण करने के लिए कहा
जिला प्रशासन को एक भी डोज न लगाने वाले 891 निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के खिलाफ सख्ती करने के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 19 मार्च:
राज्य में टीकाकरण की कम संख्या को गंभीरता से लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को सभी प्राईवेट और सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं को 31 मार्च तक सप्ताह के सातों दिन रोजाना कम-से-कम 8 घंटे निर्विघ्न टीकाकरण सेवाएं देने के लिए कहा है। उन्होंने आगे निर्देश दिए कि यदि कोई भी 45 साल से अधिक उम्र का योग्य व्यक्ति सह बीमारियों सम्बन्धी मैडीकल रिकार्ड लेकर आता है तो अन्य किसी भी अलग सर्टिफिकेट की जरूरत न समझी जाये।
यह निर्देश मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कोविड समीक्षा संबंधी हुई मीटिंग में दिए गए जिसमें यह बताया गया कि 1291 रजिस्टर्ड प्राईवेट स्वास्थ्य संस्थाओं में से 891 संस्थाओं ने एक भी डोज का प्रबंध नहीं किया। उन्होंने जिला प्रशासन को ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्ती करने के लिए कहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य और यहाँ के लोगों के बचाव के लिए प्राईवेट अस्पतालों को कोविड के खिलाफ जंग में सरकार का साथ देना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्राईवेट स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं में टीकाकरण की दरों का प्रचार होना लाजिमी है और इसकी अधिक कीमतें वसूलने की आज्ञा नहीं दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि उनको इस बात की खुशी है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पी.एच.सी.) और सरकारी अस्पतालों में सप्ताह के सातों दिन टीकाकरण की सेवाएं दी जा रही हैं परन्तु यह काफी नहीं है और जागरूक और संचार गतिविधियों को तुरंत सार्वजनिक करके सभी योग्य व्यक्तियों को टीका लगाने के लिए अपील करनी चाहिए और इसके लाभ बताने चाहिएं कि टीकाकरण सुरक्षित है।
उन्होंने सभी चुने हुए और स्थानीय नेताओं को कहा कि वह भी जनता तक पहुँच बनाते हुए उनके टीकाकरण से हिचकिचाहट दूर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग साझेदारी के द्वारा समाज की हिस्सेदारी को भी पुनर्गठित किया जाये और टीकाकरण की हिचकिचाहट और कोविड संबंधी एहतियात बरतने बारे लामबंदी की जाये।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सभी फ्रंटलाईन वर्करों को कवर करना यकीनी बनाने के लिए तेजी से गतिविधियां की जाएँ। उन्होंने कहा कि इसमें वह सभी शामिल किये जाएँ जो जरूरी सेवाएं मुहैया करवाते हैं या कफ्र्यू और लॉकडाऊन दौरान कोविड ड्यूटियां निभाते थे।
उन्होंने आगे निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिलों में दवाओं के स्टॉक और जनशक्ति और स्रोतों की उपलब्धता यकीनी बनाई जाये। एल-2 और एल-3 अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता बढाई जाये और अगले हुक्मों तक चुनिंदा ऑप्रेशनों को स्थगित किया जाये। उन्होंने आगे कहा कि एल-3 संस्थाओं के लिए रैफर करने की प्रणाली तैयार करके अमल में लाई जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान पंजाब में कोविड केस अपेक्षाकृत कम रहे और राज्य कोविड मामलों के मामले में देश के सभी राज्यों में से लगातार 18वें स्थान पर रहा। उन्होंने कहा कि हालाँकि मृत्युदर जरूर चिंता का विषय रही परन्तु पंजाब में प्रति मिलियन जनसंख्या के पीछे 206 मौतें हुई जबकि पंजाब की तुलना में दिल्ली में 542 और महाराष्ट्र में 431 हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि यह चिंता का विषय है और पिछले साल के अंत तक समस्या को नियंत्रण अधीन लाने के बाद राज्य में पिछले एक महीने से मामलों में फिर से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि रोजाना 200 मामलों और एकल अंकों में मौतों की संख्या से बढक़र पंजाब में अब 2000 केस प्रति दिन तक आने लगे हैं और मौतों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
1918 में स्पैनिश फ्लू की चार वृद्धियों की तरफ इशारा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘हमें दूसरी वृद्धि के लिए तैयार रहना पड़ेगा।’’ उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘हमें लम्बी लड़ाई के लिए तैयार रहना पड़ेगा।’’
मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार दूसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों /स्टाफ का इन चुनौतीपूर्ण समय में सख्त मेहनत करने के लिए धन्यवाद किया और यह विश्वास प्रकट किया कि इन साझे यत्नों से पंजाब महामारी पर काबू पाने में सफलता हासिल करेगा। उन्होंने अपील की, ‘‘कृप्या करके सुरक्षित रहो, टीका लगवाओ और अपनी देखभाल करो क्योंकि आपके कंधों पर दूसरों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है।’’
इससे पहले मीटिंग में भाग लेते हुए लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले में सभी स्वास्थ्य सेवाएं स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। जालंधर के डिप्टी कमिश्नर ने खुलासा किया कि जिले में टेस्टिंग बढ़ाकर 5000 प्रति दिन कर दी है जबकि संपर्क में आने वालों को ढूँढने की संख्या 18.6 है।
जालंधर के डिप्टी कमिश्नर ने आगे बताया कि कोविड निगरानी को मैरिज पैलेसों में लगाया गया है और सी.सी.टी.वी. की फुटेज 45 दिनों के लिए संभाल कर रखी जायेगी। उन्होंने खुलासा किया कि टीकाकरण के बाद जिले में पुलिस कर्मियों में सकारात्मकता दर नीचे गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कैमिस्टों और प्राईवेट प्रैकटीशनरों के लिए यह जरूरी बना रहा है कि उनके पास फ्लू के लक्षणों से इलाज करवाने वालों को रिपोर्ट किया जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि ट्रांसपोर्ट विभाग को मास्क का उल्लंघन करने वालों के चालान जारी करने के लिए अधिकृत किया जाये।
पटियाला जिले में इस महीने 5 प्रतिशत सकारात्मकता दर की तरफ इशारा करते हुए पटियाला के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पटियाला निगम क्षेत्र में से अधिक केस रिपोर्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सैंपलिंग की संख्या बढ़ाते हुए अगले एक-दो दिनों में 4000 प्रति दिन कर देनी है। उन्होंने कहा कि आने वाले दो सप्ताह बहुत नाजुक हैं।
मोहाली और दूसरे जिलों के डिप्टी कमीश्नरों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने जिलों की स्थिति बारे बताने के साथ-साथ महामारी के फैलाव को रोकनेे के लिए उठाए जा रहे कदमों से भी अवगत करवाया।