* भारतीय जनता पार्टी ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में राज्यपाल से मुलाकात कर एनआईऐ से जाँच करवाने की की मांग*
पंजाब सीमावर्ती संवेदनशील राज्य होने के चलते मौजूदा हालात अत्यंत विस्फोटक, जनता में है दहशत का माहौल: अश्वनी शर्मा
भगवंत मान सरकार में बढ़ा हत्याओं व अपराध का ग्राफ, पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त: शर्मा
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के जिम्मेदार केजरीवाल व राघव चड्डा की कठपुतली भगवंत मान सरकार तथा डीजीपी पंजाब को तुरंत किया जाए बर्खास्त: अश्वनी शर्मा
चंडीगढ़: 30 मई ( ), भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अध्यक्षता में भाजपा शिष्टमंडल ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड तथा पंजाब की बद से बदतर कानून-व्यवस्था को लेकर पंजाब के माननीय राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की तथा पंजाब के मौजूदा अत्यंत विस्फोटक हालातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। शर्मा ने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार पंजाब में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। पंजाब में आज कोई भी सुरक्षित नहीं है, हर तरफ दहशत और आंतक का माहौल है। शर्मा ने कहा कि पंजाब सीमावर्ती राज्य होने के कारण बहुत संवेदनशील राज्य है और पंजाब की जनता ने बहुत लंबा व असहनीय काले दौर का संताप झेला है। सीमा पार से पंजाब में अशांति और पंजाब के भाईचारे को तोड़ने की कोशिशें लगातार जारी हैं।
अश्वनी शर्मा ने पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर शोक व्यक्त कर कड़ी निंदा करते हुए कहा कि केजरीवाल और राघव चड्डा की कठपुतली के रूप में पंजाब की सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में आंतकियों तथा गैंगस्टरों के निशाने पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा हटा कर आंतकियों, गैंगस्टरों व अपराधियों को उनकी हत्याएं एवं अन्य वारदातें अंजाम देने का खुला निमंत्रण दिया है। भगवंत मान के इस फैसले ने जहाँ पंजाब को शर्मसार किया, वहीं पंजाब में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। पंजाब में पिछले दो महीनों में पंजाब सरकार व पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे 50 के लगभग हत्याएं, सैकड़ों लूटपाट की घटनाएं, डकैतियां आदि हो चुकी हैं। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी पंजाब इन मामलों में सिर्फ यह बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही आरोपी पकड लिए जाएंगे। जबकि आज भी जालंधर में पुलिस के ऐएसआई स्वर्ण सिंह की गढ़ा ईलाके में अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई है। इससे यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि पंजाब में मान सरकार का नहीं बल्कि गैंगस्टरों व अपराधियों का शासन है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि जब से पंजाब में आप सरकार बनी है तब से पंजाब में दोबारा गैंगस्टर कल्चर चरम पर पहुँच गया है। पिछले लगभग दो महीनों में 5 कब्बडी खिलाड़ियों जिनमें अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप नंगल सहित कई लोग मारे जा चुके हैं। कब्बडी मैचों में सरेआम गोलियाँ चलाई जाती हैं और पुलिस तमाशा देखती रहती है। पटियाला में पुलिस-प्रशासन की आँखों के समक्ष भड़की हिंसा और सभी के श्रद्धा के केंद्र महान तीर्थ स्थल श्री काली माता मंदिर की हुई बेअदबी पंजाब की भगवंत मान सरकार और पुलिस-प्रशासन की नालायकी का प्रत्यक्ष प्रमाण है। पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस के लिए इससे शर्मनाक बात क्या होगी कि पंजाब पुलिस के अपने गुप्तचर विभाग के मुख्यालय पर अपराधी ग्रेनेड से सरेआम दिन-दिहाड़े हमला कर फरार हो जाते हैं और पुलिस के गुप्तचर विभाग या सरकार को इसकी खबर भी नहीं मिलती। दर्जनों आधुनिक हथियारबंद लोगों द्वारा सिद्धू मूसेवाला की गई सरेआम हत्या इस बात कोई दर्शाती है कि पंजाब में गैंगस्टरों और अपराधियों को सरकार या पुलिस-प्रशासन का कोई डर नहीं है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि भगवंत मान ने केजरीवाल और राघव चड्डा के दबाव में पहले भी आंतकियों व गैंगस्टरों के निशाने पर रहने वाले पंजाब के कई लोगों की सुरक्षा वापिस ली वहीं बीते दिनों पंजाब के 424 लोगों की सुरक्षा वापिस लेकर उसे केजरीवाल की तरह झूठी वाहवाही लूटने के लिए मान सरकार ने इन सभी की गोपनीय जानकारी मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक कर ढिंढोरा पीटा। जिसका नतीजा सिद्धू मूसेवाला की हत्या के रूप में फिर सामने आया। इसलिए सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मुख्य आरोपी असल में केजरीवाल, राघव चड्डा, भगवंत मान और डीजीपी पंजाब हैं।
अश्वनी शर्मा ने माननीय राज्यपाल से मांग की कि उपरोक्त सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए पंजाब की निकम्मी भगवंत मान सरकार और निक्कमे डीजीपी पंजाब को तुरंत बर्खास्त करें तथा उपरोक्त हत्याओं की एनआईऐ से जांच के आदेश जारी करें। इस शिष्टमंडल में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरजीत सिंह गरेवाल, प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता, डॉ. सुभाष शर्मा, राजेश बागा, प्रवक्ता एस.एस. चन्नी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी आदि उपस्थित थे।