कोरोना के कहर में अब निजी कंपनियां आएं आगे, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) से दें सहयोग: हाईकोर्ट
केंद्र ने बताया, पंजाब और हरियाणा का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया जा चूका
हाईकोर्ट ने अब पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बड़ी निजी कंपनियों को आगे आ कोरोना की इस महामारी से निपटने के लिए सरकारों को सहयोग दिए जाने का आग्रह किया है। हाईकोर्ट ने कहा की बड़ी निजी कंपनियों को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) में अपने मुनाफे से जो सहयोग देना होता है, वह अब सरकारों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में इसमें से अपना सहयोग दें।
काबिलेगौर है कि एक कंपनी को जिसका सालाना नेटवर्थ 500 करोड़ों रुपए या उसकी सालाना आय 1000 करोड़ रुपए या उसका वार्षिक मुनाफा 5 करोड़ का हो तो उनको (CSR) पर खर्च करना जरूरी होता है। यह जो खर्च होता है, उनके 3 साल के एवरेज प्रॉफिट का कम से कम दो प्रतिशत तो होना ही चाहिए। हाईकोर्ट ने अब ऐसी कंपनियों को अपने (CSR) में सरकारों को कोरोना महामारी से निपटने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया है।
सुनवाई पर पंजाब ने एक बार फिर वेक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया है, जिस पर केंद्र सरकार ने आश्वाशन दिया है कि वह जल्द ही इसकी सप्लाई सुनिश्चित कर देंगे। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र ने पंजाब का ऑक्सीजन का कोटा 227 मैट्रिक टन से बढाकर 247 मैट्रिक टन कर दिया है और वहीं हरियाणा का ऑक्सीजन का कोटा 267 मैट्रिक टन से बढाकर 307 मैट्रिक टन कर दिया है। चंडीगढ़ ने हाईकोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों पर चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला (ट्राईसिटी) में यूनिफाइड कमांड सेंटर शुरू कर दिया गया है और बीते कल ही चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर ने पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों से बैठक कर अब आगे ट्राईसिटी को लेकर एक दूसरे के सहयोग करने निर्णय ले लिया है।