Punjab

सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की माँग करने वालों के साथ अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने सुर मिलाया

साजिश का दोष लगाते हुये मंत्रियों ने कहा, मुख्यमंत्री विरोधी हमलों के साथ सिद्धू की आप और भाजपा के साथ छिपी सांझ को दरकिनार नहीं किया जा सकता
चंडीगढ़, 12 मई
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ अनावश्यक टकराव पैदा करने वाले पार्टी के ही विधायक के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुये बुधवार को पंजाब के अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ एकसुर मिलाया और पार्टी हाई कमांड से नवजोत सिद्धू के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की माँग रखी।
सिद्धू की तरफ से उत्तेजक होकर पिछले कुछ दिनों से कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर निशाना साध कर किये जा रहे हमलों को कांग्रेस के लिए तबाही का न्योता बताते हुये बलबीर सिद्धू, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु और गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने कहा कि सिद्धू और राज्य की विरोधी पार्टियों जैसे कि आम आदमी पार्टी या भारतीय जनता पार्टी के बीच आपसी मिलीभुगत से इंकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह संभव है कि सिद्धू की तरफ से मुख्यमंत्री पर निशाना साध कर किये जा रहे हमले राज्य में अपने चुनावी एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए पंजाब कांग्रेस में समस्या पैदा करने के लिए आप या भाजपा नेताओं की तरफ से उकसा कर करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जिस तरीके से सिद्धू की तरफ से राज्य सरकार खास कर कैप्टन अमरिन्दर के खिलाफ हमलावर ढंग से मुहिम शुरू की गई है, उससे तो मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिश का ही अनुमान लगता है।’
तीनों कैबिनेट साथियों की तरफ से सिद्धू के खिलाफ जवाबी कार्यवाही शुरू करने के दो दिनों बाद एक सांझे बयान में आज चार मंत्रियों ने कहा कि कांग्रेस विधायक के बेअदबी और अन्य मुद्दों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर जुबानी हमले पार्टी के खिलाफ शरेआम बगावत है। सिद्धू की हुक्म अदूली को पूरी तरह अनुशासनहीन करार देते हुये मंत्रियों ने कहा कि ऐसी पार्टी विरोधी गतिविधियों किसी भी राजनैतिक पार्टी के द्वारा बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं और वह भी उस समय जब राज्य में मतदान होने वाली हों। उन्होंने कहा, ‘उसे तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए, यदि वह निकाला नहीं गया तो पंजाब कांग्रेस में उसकी लगातार मौजूदगी पार्टी की राज्य इकाई में गड़बड़ पैदा कर रही है और मतदान की तैयारी के महत्वपूर्ण काम से ध्यान भटका रही है।’
सिद्धू के विवादित बयानों के रिकार्ड की तरफ इशारा करते हुये मंत्रियों ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर स्पष्ट तौर पर अपने ली बल्लेबाजी करते हुए प्रतीत होते हैं और उसमें टीम भावना की कमी है। यह वह गुण है जिसको उन्होंने राजनैतिक क्षेत्र में एक से अधिक बार मजागर किया। विधायक के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की माँग करते हुये मंत्रियों ने कहा कि जिस थाली में खाना, उसी में छेद करने की उसकी आदत के कारण उसने अपनी पूर्व पार्टी में अपनी अहमीयत गंवा ली है।
पार्टी की तरफ से पंजाब में अगले विधान सभा मतदान के लिए तैयारी में व्यस्त होने और राज्य सरकार के खतरनाक कोविड संकट से जूझने के समय कांग्रेस पार्टी में उस की जगह बनाये रखने के पीछे दलील पर सवाल करते हुये मंत्रियों ने कहा कि वह एक मुसीबत के अलावा कुछ नहीं है जो इतने सालों के दौरान पंजाब में कांग्रेस और राज्य सरकार के लिए योगदान डालने में असफल रहा है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से सिद्धू को उनके खिलाफ सार्वजनिक तौर पर भड़ास निकालने की बजाय सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ने की खुली चुनौती का हवाला देते हुए मंत्रियों ने कहा कि विधायक को चाहिए कि वह कांग्रेस छोड़ दें और मुख्यमंत्री के विरुद्ध मैदान में आएं यदि उसे सचमुच अपनी राजनैतिक शक्ति पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के विरुद्ध शाब्दिक हमले करने से उनका राजनैतिक रसूख या प्रसिद्धि ही हो सकती।

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