हाईकोर्ट का सवाल: क्या हिन्दू धर्म को अपनाने के लिए महज एक एफिडेविट देना काफी है?
हाईकोर्ट का सवाल: क्या हिन्दू धर्म को अपनाने के लिए महज एक एफिडेविट देना काफी है?
धर्मपरिवर्तन कर एक हिन्दू लड़के से शादी कर हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन मांगने वाले एक प्रेमी जोड़े की याचिका पर हाईकोर्ट ने अब यह सवाल पूछ लिया है कि क्या हिन्दू धर्म को अपनाने के लिए महज एक एफिडेविट देना काफी है? हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े के वकील से अब यह सवाल पूछ लिया है और अगली सुनवाई पर इसका जवाब देने के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल एक प्रेमी जोड़ा जिसमे लड़की मुस्लिम है और लड़का हिन्दू और लड़की ने हिन्दू धर्म अपना शादी कर ली और शादी के बाद दोनों ने हाईकोर्ट से अपनी प्रोटेक्शन की मांग को लेकर याचिका दाखिल की। लड़की ने बताया कि 28 अप्रैल को उन्होंने शादी कर ली थी और शादी से पहले उसने एफिडेविट दे दिया था कि अब उसने हिन्दू धर्म अपना लिया है। उन्हें अब अपने परिवार से खतरा है, इसलिए उन्हें प्रोटेक्शन दी जाए।
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर कहा कि हिन्दू मैरिज एक्ट-1955 के अनुसार वैध हिन्दू विवाह की यह अनिवार्य शर्त है कि दोनों पक्ष हिन्दू होने चाहिए, अब यह सवाल उठता है कि क्या महज एक एफिडेविट देकर हिन्दू धर्म को अपनाया जा सकता है। इसलिए पहले याचिकाकर्ता इस सवाल का जवाब दें। हाईकोर्ट के इस सवाल पर याचिकाकर्ता पक्ष ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा, जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें समय देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है।