A significant meeting was held by the Chief Commissioner of Punjab Transparency and Accountability Commission V.K. Janjua.
चंडीगढ़, 28 जनवरी: पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य आयुक्त वी.के. जंजूआ ने पंजाब के सभी अतिरिक्त उपायुक्तों (जनरल) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम के तहत नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करना था। इस अवसर पर आयोग के सचिव डॉ. नयन जस्सल भी उपस्थित थे।
जंजूआ ने अधिनियम के तहत अपील प्राधिकरण के रूप में अतिरिक्त उपायुक्तों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नागरिकों को यह अधिकार है कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं, जो सेवाओं में देरी करते हैं या उन्हें अस्वीकार करते हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त 5000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं
अतिरिक्त उपायुक्त इन मामलों का स्वतः संज्ञान भी ले सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों को सेवाएं देने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर अतिरिक्त उपायुक्त 5000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं।
बैठक के दौरान एक पावरपॉइंट प्रस्तुति दी गई, जिसमें यह बताया गया कि अतिरिक्त उपायुक्त जिला स्तर पर सरकारी सेवाओं की सुचारू पहुंच सुनिश्चित करने में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जंजूआ ने सभी अतिरिक्त उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने जिलों में लंबित मामलों की मासिक रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करें। इसके साथ ही, जो अधिकारी सेवाएं समय पर प्रदान करने में विफल रहे हैं, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण भी रिपोर्ट में शामिल करने को कहा गया।
पंजाब पारदर्शिता ; जंजूआ ने ए.डी.सीज़ को निर्देश दिया कि सभी सेवा केंद्रों पर बोर्ड लगाए जाएं
नागरिकों को जागरूक करने के लिए श्री जंजूआ ने ए.डी.सीज़ को निर्देश दिया कि सभी सेवा केंद्रों पर बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सभी अधिसूचित सेवाओं की सूची हो। साथ ही, प्रत्येक सेवा के लिए जिम्मेदार अधिकारी और अपील प्राधिकरण के विवरण भी प्रदर्शित किए जाएं।
इस व्यापक प्रयास का उद्देश्य पंजाब भर में सार्वजनिक सेवाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। यह पहल सरकार की प्रभावी प्रशासन और नागरिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।