किसान संघर्ष के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को नौकरियां जल्द: अरुणा चौधरी
- विभाग के उच्च अधिकारियों को सभी ज़रूरी प्रक्रियाएं तेज़ी से मुकम्मल करने को कहा
- चल रही भर्ती के अलावा पटवारियों के अन्य ख़ाली पद भरने के लिए प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश
- लोगों की परेशानियां घटाने के लिए पटवारियों के कार्यालयों में बैठने का समय होगा निर्धारित
- ज़िला स्तर पर पटवारियों के लिए पुनःबनेंगे वर्क स्टेशन
- ज़मीन के दस्ती इंतकाल के लम्बित मामले घटाने के लिए ऑटोमेटिड म्यूटेशन एंट्री सिस्टम विकसित करने के निर्देश
- राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग की पहली समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से लिया कामकाज का जायज़ा
चंडीगढ़, 30 सितम्बर:
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने आज विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ पहली समीक्षा बैठक के दौरान जहां राजस्व विभाग के कामकाज में और तेज़ी लाने के निर्देश दिए, वहीं किसान संघर्ष के दौरान मारे गए किसानों के पारिवारिक सदस्यों को नौकरी देने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की हिदायत दी।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा सरकारी कामकाज में तेज़ी लाने, पारदर्शिता और समयबद्ध तरीके से काम मुकम्मल करने की हिदायतें दी गई हैं, जिनकी पालना के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा और अगले कुछ महीनों में लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
कैबिनेट मंत्री ने वित्त कमिश्नर राजस्व श्रीमती रवनीत कौर, सचिव राजस्व श्री मनवेश सिंह सिद्धू, विशेष सचिव श्री केशव हिंगोनिया, विशेष सचिव श्रीमती बबीता, अतिरिक्त सचिव कैप्टन करनैल सिंह और पंजाब लैंड रिकॉर्ड सोसायटी की प्रोजैक्ट मैनेजर श्रीमती सुनीता ठाकुर को हिदायत की कि विभाग में पटवारियों के अन्य खाली पड़े पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द कार्यवाही आरंभ की जाए और विभाग के समूह अधिकारी और कर्मचारियों को बनती तरक्की देने की प्रक्रिया मुकम्मल की जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लोगों को होने वाली परेशानियों को रोकने के लिए पटवारियों को कार्यालयों में मिलने का समय निश्चित किया जाए। उनके लिए बनाए गए वर्क स्टेशनों को पटवारियों की माँग के मुताबिक पुन:बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ज़िला स्तर पर डिप्टी कमिश्नरों के नेतृत्व अधीन बनाई गई कमेटियों से 15 दिनों के अंदर-अंदर रिपोर्ट लेकर उस पर अमल किया जाए।
मंत्री ने ज़मीनों के इंतकाल के मामले बड़े स्तर पर लम्बित होने पर चिंता ज़ाहिर करते हुए विशेष तौर पर कहा कि कंप्यूटर तकनीक का प्रयोग करते हुुए ऑटोमेटिड म्यूटेशन एंट्री सिस्टम विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं, जिससे दस्ती ज़मीनी इंतकाल करने के काम के बोझ को घटाने के साथ-साथ लम्बित मामलों की संख्या को घटाया जा सके।
उन्होंने कहा कि कम्प्यूट्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए फील्ड स्टाफ़ के लिए निचले स्तर तक कंप्यूटर मुहैया करने के लिए हल निकाला जाए।
राज्य सरकार द्वारा किसान संघर्ष के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता और पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया तुरंत मुकम्मल करने के निर्देश देते हुए श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और जल्द ही पारिवारिक सदस्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। इसलिए वित्तीय सहायता मुहैया कराने और सरकारी नौकरी देने के मामलों का तुरंत सत्यापन करवा कर कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि फ़सलों की क्षतिपूर्ति के लम्बित मामलों की ओर विशेष ध्यान देकर इनका निपटारा सुनिश्चित किया जाए। मंत्री ने प्राकृतिक आपदा के सम्मुख फ़सलों के खऱाब होने की ज़िला स्तर पर देरी से आने वाली रिपोर्टों के लिए वित्त कमिश्नर राजस्व को विशेष तौर पर कहा कि डिप्टी कमिश्नरों को तुरंत हिदायतें जारी करके किसी असुखद स्थिति में फ़सलों की क्षति संबंधी रिपोर्टें समयबद्ध ढंग से भेजना सुनिश्चित बनाने के लिए कहा जाए।
कैबिनेट मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए बनाए गए नए नियमों के बारे में लोगों में जानकारी की कमी का संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों को नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ज़िला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर कैंप लगाने के निर्देश भी दिए।