Punjab

Breaking : जो गांव ही नहीं है उसकी पंचायत के नाम पर पिछले 5 सालों से जारी किए जा रहे फंड्स, पंजाब सरकार को नोटिस जारी

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस भेज मांगा जवाब

पंजाब का एक गांव जो किसी रेवेन्यू रिकॉर्ड में ही नहीं है उसकी पंचायत के नाम पर पिछले पांच सालों से पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड, एम.पी. लैड, मनरेगा आदि के फंड जारी किए जाने का एक मामला हाईकोर्ट पहुंचा है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को 7 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। हालांकि पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले की शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी गई है जो जल्द ही पूरी होने वाली है। इस पर हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच रिपोर्ट अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दे दिए हैं।
इस मामले को लेकर जालंधर नूरमहल के दो निवासी पूरन सिंह और गुरनाम सिंह सीनियर के एडवोकेट बलतेज सिद्धू के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि यहां दिव्य ग्राम नाम का कोई गांव ही नहीं है और ऐसा कोई गांव सरकार के रेवेन्यू रेकॉर्ड में भी नहीं है। फिर भी इस गांव की पंचायत के नाम पर पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड, एम.पी. लैड, मनरेगा आदि के फंड जारी किए जा रहे हैं।  याचियों ने पी.एस.पी.सी.एल. से आर.टी.आई. से इसकी जानकारी मांगी तो बताया गया कि इस गांव के नाम कोई बिजली का कनेक्शन ही नहीं है, तहसीलदार ने बताया कि ऐसा कोई गांव लैंड रिकॉर्ड में भी नहीं है, लेकिन बी.डी.पी.ओ. से जानकारी मिली कि इस गांव को 2015-16 से 2019-20 के बीच पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड, एम.पी. लैड, मनरेगा आदि की ग्रांट जारी हुई हैं।  इसके खिलाफ याचियों ने सरकार को लीगल नोटिस भेजा, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसीलिए अब इस मामले की जांच और करवाई की हाईकोर्ट से मांग की गई है। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस भेज इस पर जवाब देने के आदेश दे दिए हैं

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