आतंकवाद के दौरान हजारों शवों को लावारिश बता संस्कार करने के आरोपी पुलिस अधिकारीयों की याचिकाएं ख़ारिज
पंजाब में आतंकवाद के दौरान कई बड़ी संख्या में शवों को लावारिस बता उनका शमशान घाटों में संस्कार करने के मामले में सी.बी.आई. द्वारा जम्मू में दर्ज एफ.आई.आर. को सही बताते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले के सभी आरोपी पुलिस अधिकारीयों की याचिकाएं ख़ारिज कर दी है।
इस मामले को लेकर 1995 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया गया था कि पंजाब के कई शमशान घाटों में आतंकवाद के दौरान हजारों शवों को लावारिश बता उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सी.बी.आई. को सौंप दी थी। सी.बी.आई. ने 1997 में एफ.आई.आर. दर्ज कर दी थी। जिसमे से कई एफ.आई.आर. जम्मू- में दर्ज कर दी गई थी। और मामले में आरोपी पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में आरोपी पुलिस अधिकारीयों ने याचिकाएं दायर कर कहा था कि मामला पंजाब का है तो एफ.आई.आर. जम्मू में कैसे दायर कर दी गई।
इस मामले में हाईकोर्ट ने 2016 में ट्रायल पर रोक लगा दी थी। अब हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि सी.बी.आई. की जम्मू की SIU-XVI ब्रांच के क्षेत्राधिकार में यह मामला है और यह सही है। लिहाजा हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए इन सभी मामलों के ट्रायल पर लगी रोक को हटा लिया है।