Punjab

स्कूल शिक्षा की दर्जाबन्दी संबंधी बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाने पर मनीष सिसोदिया को मुख्यमंत्री का करारा जवाब-आपके लिए अंगूर खट्टे होने वाली बात

साल 2022 की पंजाब विधान सभा चुनाव में नजऱ आने वाली प्रत्यक्ष हार से घबरा कर हो-हल्ला मचा रही है केजरीवाल की आम आदमी पार्टी
मुख्यमंत्री ने मनीष सिसोदिया को स्कूल शिक्षा की बेहतरी का सबक सीखाने के लिए पंजाब आकर स्कूल देखने और मेरे साथ जुगलबन्दी करने के लिए कहा
चंडीगढ़, 12 जून:
स्कूल शिक्षा दर्जाबन्दी के मामले में केंद्र और पंजाब सरकार के दरमियान राजनैतिक मिलीभुगत होने के दोष लगाने के लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री को करारा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि साल 2022 की विधान सभा चुनावों में अपनी प्रत्यक्ष हार को पहले से भाँपते हुए आम आदमी पार्टी द्वारा अनावश्यक हो-हल्ला मचाया जा रहा है।
मनीष सिसोदिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) के दरमियान छिपा हुआ समझौता होने के लगाए गए दोषों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आप’ लीडरशिप चुनावी राजनीति में इतनी घबारायी हुई है कि इस को स्कूल शिक्षा जैसे बुनियादी मामलों में भी चुनावी साजिश दिखाई देने लग पड़ी है। उन्होंने कहा कि असली तथ्य यह है कि आम आदमी पार्टी साल 2017 की विधान सभा चुनावों में बुरी कारगुज़ारी दिखाने से लेकर पिछले चार सालों में पंजाब के राजनैतिक क्षेत्र में कोई भी प्रभाव छोडऩे में बुरी तरह नाकाम रही है और साल 2022 के चंनावों में भी इसको अपना यही हश्र होता दिखाई दे रहा है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सिसोदिया को कहा, ‘‘पंजाब आओ, मैं आपको हमारे स्कूलों की कारगुज़ारी दिखाऊँगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहल के आधार पर स्कूलों की कायाकल्प करने का जिम्मा उठाया था और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में साल 2019-20 की जारी की गई परफॉर्मैंस ग्रेडिंग इंडैक्स (पी.जी.आई.) 2019-20 के नतीजों से हमारे प्रयासों की सफलता की झलक साफ़ नजऱ आती है। सिसोदिया द्वारा मोदी और उनके (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) के दरिमआन ‘जुगलबन्दी’ होने के दोषों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि आप सचमुच ही दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए इछुक्क हो तो आपको मेरे साथ जुगलबन्दी करनी चाहिए और मैं आपको सिखाऊँगा कि स्कूलों की स्थिति को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता संभाली थी तो उस समय पर ग्रेडिंग इंडैक्स में पंजाब की दर्जाबन्दी 22वें स्थान पर थी और उसके बाद पंजाब की स्कूल शिक्षा की मुकम्मल कायाकल्प करने के स्वरूप पी.जी.आई. में अव्वल स्थान हासिल किया। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी राजनैतिक टिप्पणियाँ इस सफलता पर पर्दा नहीं डाल सकतीं।’’ उन्होंने सिसोदिया की राजनैतिक टिप्पणियों को ‘अंगूर खट्टे हैं’ वाली बात के साथ जोड़ते हुए कहा कि एन.सी.आर. दिल्ली ने इस सूची में बड़ी मुशकिल से छटा रैंक हासिल किया है।
‘आप’ नेता द्वारा हज़ारों स्कूल अध्यापकों, प्रबंधकों, शिक्षा अधिकारियों आदि की सख़्त मेहनत और वचनबद्धता के तौर पर मिले शानदार नतीजों को राजनैतिक रंगत देने की शर्मनाक कोशिश पर हैरानी ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी हर चीज़ को राजनैतिक नज़रिए से देखती आई है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह हैरानी की बात है कि केजरीवाल सरकार के छह सालों के बाद भी दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ पीने योग्य पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी रही है।
दिल्ली में कोविड की दूसरी लहर के शिखर के समय लोगों की दयनीय हालत का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल का बहु-चर्चित प्रशासन मॉडल मीडिया द्वारा की गई मशहूरी के सिवा और कुछ नहीं थी, जिसको राष्ट्रीय राजधानी में ‘आप’ सरकार के इश्तिहारबाज़ी के लिए रखे बड़े बजटों से लाभ मिल रहा था। उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों से लेकर स्कूल शिक्षा प्रणाली तक, दिल्ली सरकार के पूरे मॉडल की पूरी तरह पोल खुल गई है, कि यह ‘आप’ के मीडिया और सोशल मीडिया अमले द्वारा किए जा रहे खोखले दावों के बिना और कुछ नहीं था। ऐसा लगता है कि केजरीवाल अपने अक्स को चमकाने में इतने व्यस्त हुए थे कि वह ज़मीनी स्तर पर कोई निवेश करना ही भूल गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले चार सालों के दौरान एक समान ढंग से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों के विकास में निवेश किया है। केंद्रित रणनीति के हिस्से के तौर पर लगभग 14000 स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तबदील किया गया, जिसमें प्री-प्राईमरी शिक्षा की शुरूआत, सर्वोत्त्म डिजिटल शिक्षा बुनियादी ढांचा, प्रशासकीय सुधार, अध्यापकों की भर्ती और तबादलों में पारदर्शिता आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में दाखि़ले बढऩा और नतीजों में शानदार सुधार होना, इन प्रयासों की सफलता की गवाही देता है।
पी.जी.आई. रैंकिंग में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए 70 मापदण्डों में 1000 में से 929 अंक प्राप्त करके पंजाब ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अव्वल दर्जा हासिल किया। पंजाब को बुनियादी ढांचा और सुविधाओं के कार्य-क्षेत्र में पूरे (150/150) अंक मिले जिसमें क्लासरूम, लैबोरेट्रियों, पखाने, पीने वाला पानी और पुस्तकालय की उपलब्धता शामिल है। पंजाब ने समानता (228/230) और पहुँच (79/80) के कार्य-क्षेत्रों में भी बहुत बढिय़ा प्रदर्शन किया है, जिसमें कमज़ोर वर्गों के बच्चों को मुख्य धारा में लाना, विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों के लिए सुविधाएं, दाखि़ला अनुपात, रिटैंशन रेट, संचार दर और स्कूलों की उपलब्धता शामिल है।

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