Punjab

कैप्टन अमरिन्दर सिंह के द्वारा पंजाब में कोविड बन्दिशें 10 अप्रैल तक बढ़ाने के आदेश, भीड़ वाले इलाकों में मोबाइल टीकाकरण के आदेश

जिलों में टेस्टिंग बढ़ाने और जेलों में योग्य कैदियों के लिए विशेष टीकाकरण मुहिम शुरू करने के निर्देश
कोविड समीक्षा मीटिंग के दौरान यू.के. वायरस के पंजाब में अधिक पाये जाने की दी जानकारी
चंडीगढ़, 30 मार्च
राज्य में यू.के. वायरस के अधिक पाये जाने से कोविड मामलों और मौतों की निरंतर बढ़ती संख्या को देखते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को कोविड के कारण लगाई बन्दिशों को आगे 10 अप्रैल तक बढ़ाने के आदेश किये गए। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी प्राथमिक वर्गों को जरूरी आधार पर निशाना बनाने के लिए टीकाकरण स्थानों की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए गए।
मुख्य सचिव और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बन्दिशें 31 मार्च तक लगाई गयी थी, उन सभी को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया जाये और इसके बाद वह फिर इसकी समीक्षा करेंगे।
नाभा ओपन जेल में 40 महिलाओं के कोविड पाॅजिटिव पाये जाने को देखते हुये मुख्यमंत्री ने कैदियों के लिए भी जेलों में विशेष टीकाकरण मुहिम शुरू करने के आदेश किये।
स्थिति पर गहरी चिंता जाहिर करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य सचिव विनी महाजन को टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों के साथ व्यस्त मार्केट क्षेत्रों में टीकाकरण शुरू करने के लिए जरूरी निर्देश जारी करने के लिए कहा। उन सभी डी.सीज़ और सिविल सर्जनों को टीकाकरण की मुहिम में और तेजी लाने के लिए ऐसे स्थानों की शिनाख्त करने के लिए कहा जहाँ मोबाइल कोविड टीकाकरण केंद्र स्थापित किये जा सकते हैं जैसे कि पुलिस लाईनज, कालेज और यूनिवर्सिटियाँ, बड़े औद्योगिक यूनिट, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, पी.आर.टी.सी./पंजाब रोडवेज बस डीपू, बाजार आदि।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों और अन्य वर्गों जैसे कि जजों, अध्यापकों आदि जिनको टीकाकरण के लिए कवर करने की विनती की थी, को 45 वर्षों की आयु सीमा पार करने पर टीकाकरण की सुविधा देने के लिए कहा। उन्होंने अधिक मामलों वाले जिलों में मौजूद साधन इकठ्ठा करने के आदेश दिए जिससे इस महामारी की रोकथाम करने के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया उचित ढंग से पूरी की जा सके।
खास तौर पर ताजा आंकड़े बताते हैं कि वायरस का यू.के. स्ट्रेन राज्य में सबसे ज्यादा पाया जा रहा है। वायरस के स्तर का पता लगाने के लिए शुरुआत में एन.सी.डी.सी. को भेजे 401 कोविड पाॅजिटिव सैंपलों में से 326 केस यू.के. वायरस के पाये गए। बाद में आई.जी.आई.बी. को भेजे 95 सैंपलों में से 85 सैंपल यू.के. स्ट्रेन के पाये गए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव ने कोविड महामारी की ताजा दशा और योग्य वर्ग के लाभार्थियों के टीकाकरण की स्थिति भी सांझा की। मीटिंग में सी.एम.सी. लुधियाना की तरफ से पेश किये रुझान बताते हुये यह सूचना दी गई कि कुछ जिलों में पाॅजिटिव मामलों और मौतों की संख्या में बहुत तेजी के साथ विस्तार हो रहा है। बढ़ते मामलों सम्बन्धी इस रुझान के अनुसार 6 अप्रैल, 2021 को शिखर पर होगा। अनुमानों के अनुसार मई, 2021 के अर्ध या आखिर में मामलों की संख्या घटने लगेगी। इसके इलावा यह भी बताया गया कि जालंधर, लुधियाना, पटियाला, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, होशियारपुर और कपूरथला में और केस आने की संभावना है और यह भी संभावना है कि 40 साल या इससे कम के नौजवानों में यह केस सबसे अधिक होंगे।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि पिछली मीटिंग से जब कोविड प्रोटोकोलों का उल्लंघन करने वालों के चालान करने और साथ ही आर.टी-पी.सी.आर. टेस्टिंग का फैसला लिया गया था, उस समय से 90,360 व्यक्तियों के चालान और कोविड टैस्ट किये गए हैं। उन्होंने पुलिस लाईनों में एक विशेष टीकाकरण मुहिम के लिए भी विनती की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में एल-2 और एल-3 बैड उपयुक्त संख्या में उपलब्ध हैं परन्तु कुछ प्राईवेट अस्पतालों में बैडों की उपलब्धता को बढ़ाने की जरूरत है जो बेहद गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने सभी जिलों को नमूने लेने की गति तेज करने और विशेष तौर पर कोविड पाॅजिटिव मरीजों के संपर्कों के नमूने लेने और आर.ए.टी. को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने सम्बन्धी हिदायत की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि घरेलू एकांतवास के अधीन मरीजों की सख्त निगरानी की जानी चाहिए और जरूरत पड़ने पर उनको उचित स्तर के अस्पताल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी डीसीज और सिविल सर्जनों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि नियमों के अनुसार एल-2 स्वास्थ्य संस्था में कोई मौत न हो और जब मरीज को गंभीर देखभाल की जरूरत पड़ती है तो उसे एल-3 स्वास्थ्य संस्था में जल्द स्थानांतरित करना चाहिए।
सभी जिलों को अपनी टीमों को मजबूत करने के लिए भी कहा गया है जिससे कोविड नमूने लेने सम्बन्धी डाटा एंट्री और निर्धारित लेबों में नमूने ले जाने में कम से कम समय लगे और टैस्ट का नतीजा 24 घंटों के अंदर उपलब्ध करवाया जाये।
टीकाकरण सम्बन्धी मुख्यमंत्री ने हिदायत की कि लाभार्थियों को टीकाकरण सम्बन्धी मंजूरी देने के लिए कोई भी फोटो आधारित शिनाख्ती कार्ड पर्याप्त होगा। सभी जिलों को सब-सैंटर स्तर तक की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं, डिसपैंसरियों, आयुर्वैदिक और होम्योपैथिक स्वास्थ्य संस्थाओं और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को शामिल करके टीकाकरण केन्द्रों की संख्या में विस्तार करने के आदेश दिए गए हैं।
45 साल से अधिक आयु वर्ग के लिए 1 अप्रैल, 2021 से टीकाकरण शुरू किया जायेगा। टीकाकरण सम्बन्धी बुनियादी ढांचे को समझने के मकसद से सभी जिलों की सभी स्वास्थ्य सहूलतें जितनी जल्दी हो सके कोविड टीकाकरण केन्द्रों के तौर पर काम शुरू करना और 31 मार्च, 2021 तक काम करना यकीनी बनाऐंगी जिससे टीकाकरण केन्द्रों की संख्या में विस्तार किया जा सके और लाभार्थियों को निर्विघ्न टीकाकरण सहूलतें मुहैया करवाई जा सकें।
मुख्य सचिव ने वर्चुअल मीटिंग के बाद बताया कि सभी जिलों को सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों और एफ.एल.डब्ल्यू को स्वयं को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने की सलाह भी दी गई है और जो टीके नहीं लगवाते, उनको हर हफ्ते कोविड टैस्ट करवाने की सख्त हिदायत की जाये जिससे उनको संक्रमण न हो और उनकी तरफ से दूसरों को संक्रमण ना फैलना यकीनी बनाया जा सके।
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य और मैडीकल शिक्षा सलाहकार डा. के. के. तलवाड़ ने सुझाव दिया है कि कुछ चुनिंदा प्राईवेट अस्पतालों में कोविड के इलावा अन्य मरीजों के इलाज को 2-4 हफ्तों के लिए स्थगित किया जा सकता है और जहाँ कोई मैडीकल कालेज नहीं है, उन जिला अस्पतालों में और ऐंबूलैंसें उपलब्ध करवाई जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री को भरोसा दिया गया कि स्वास्थ्य विभाग आर.टी.-पी.सी.आर. टेस्टिंग को बढ़ा कर 35,000 टैस्ट प्रति दिन करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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