*अकाली नेता गुलज़ार सिंह रणिके न अब विधायक और ना ही उन्हें कोई खतरा, इसलिए सुरक्षा ली गई वापिस*
*पंजाब सरकार ने रणिके की याचिका पर हाईकोर्ट को दी जानकारी*
अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व विधायक रहे गुलज़ार सिंह रणिके ने भी अपनी सुरक्षा वापिस लिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जो याचिका दाखिल की है, उस पर आज पंजाब सरकार ने आज अपना जवाब दाखिल कर बताया है कि रणिके अब न तो विधायक हैं और अब नाही उन्हें कोई खतरा है, इसलिए उनकी सुरक्षा वापिस ली गई है।
सरकार की तरफ से बताया गया कि 29 मार्च को हुई सिक्युरिटी रिव्यु कमेटी की मीटिंग में आई लेटेस्ट रिपोर्ट में पाया गया कि रणिके 2017 के बाद से विधायक नहीं है, इसलिए पद पर मिलने वाली सुरक्षा उन्हें नहीं दी जा सकती, वहीँ उन पर खतरे का आंकलन कर सौंपी रिपोर्ट के अनुसार अब उनके कोई खतरा भी नहीं है। इसलिए उनकी सुरक्षा वापिस लिए जाने का निर्णय लिया गया है। हाईकोर्ट ने सरकार के इस जवाब पर रणिके के वकील को अपना पक्ष रखने का समय देते हुए सुनवाई 11 जुलाई तक स्थगित कर दी है।
गुलज़ार सिंह रणिके ने अपनी याचिका में बताया है कि वह पूर्व विधायक और मंत्री रह चुके हैं और उन्हें अब चार सुरक्षा कर्मी मिले हुए थे, इनमे से दो सुरक्षा कर्मी और बाद में बाकि बचे दोनों सुरक्षा कर्मी भी पंजाब सरकार ने वापिस ले लिए हैं। अब उनके पास एक भी सुरक्षा कर्मी नहीं है। ऐसे में उनके लिए खतरा बना हुआ है, इसलिए उनकी सुरक्षा बहाल की जाए।