Punjab

फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने की बजाय निजी स्कूलों से मांगी जाए उनकी बैलेंस शीट: नितिन गोयल

बिना एक्ट में शंशोधन किए फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के आदेश हाई कोर्ट में पड़ सकते हैं महंगे  
अकाली सरकार ने 2016 में कमजोर एक्ट बना इसे लागु कर दिया , पिछली कांग्रेस सरकार ने बेहद ही कमजोर कर दिया

सीएम भगवंत मान ने पंजाब के सभी प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने पर पाबन्दी जरूर लगा दी है, लेकिन अगर इस पाबन्दी के खिलाफ निजी स्कूल यह कोर्ट पहुंच गए तो वहां पंजाब सरकार को अपने इस फैसले का बचाव करना काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें पंजाब का अपना ही एक्ट आड़े आ जाएगा, बेहतर होगा की चंडीगढ़ ने प्राइवेट स्कूलों से बैलेंस शीट अपलोड करने के जो आदेश दिए हैं उन आदेशों को ही पंजाब में लागु कर दिया जाए
यह कहना है एडवोकेट नितिन गोयल का  नितिन गोयल एजुकेशन के विषय पर माहिर हैं  काबिलेगौर है की प्राइवेट स्कूलों की मुनाफाखोरी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी  हाई कोर्ट ने 2012 में पंजाब और चंडीगढ़ को आदेश दिए थे की वह फीस रेगुलेटरी अथॉरिटी बनायें और यह तय किया जाए की हर साल सिर्फ 8 प्रतिशत ही फीस बढ़ाई जाए  इस आदेश पर 2016 में पंजाब सरकार ने एक्ट बना इसे लागु कर दिया था  लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इस एक्ट में संशोधन कर दिया जिसके जरिए यह तय कर दिया की अगर कोई स्कूल फीस बढ़ता है तो वो इसके बारे में नोटिस बोर्ड पर जानकारी दे देगा  इस तरह इस एक्ट को बेहद ही कमजोर कर दिया गया है
नितिन गोयल ने बताया की अगर इस एक्ट में संशोधन किए बिना फीस बढ़ोतरी पर रोक लगायी गयी तो स्कूल हाई कोर्ट पहुंच जायेंगे जहाँ सरकार को इस एक्ट के चलते अपने इस फैसले को लागु करना मुश्किल हो जाएगा  बेहतर होगा की चंडीगढ़ ने पिछले साल प्राइवेट स्कूलों को अपने घाटे और लाभ का ब्यौरा देने के लिए स्कूल की बॅलन्स शीट वेबसाइट पर अपलोड करने के आदेश दिए थे उसी की तर्ज पर पंजाब को भी कार्रवाई करनी चाहिए  चंडीगढ़ के इस फैसले के खिलाफ स्कूलों को हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी 

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