परिवार के विरोध के बावजूद बालिग को अपना जीवन साथी चुनने का है मौलिक अधिकार: हाईकोर्ट
एक प्रेमी जोड़े याचिका पर हाईकोर्ट ने दिए आदेश
एक लड़का या लड़की जो बालिग हो चुके हैं, उन्हें अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार है। घर से भाग प्रेम विवाह कर चुके एक प्रेमी जोड़े द्वारा अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर दायर याचिका का निपटारा हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने इस प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देते हुए कहा कि जब दोनों बालिग हैं तो वह अपनी पसंद से अपना जीवन साथ चुन सकते हैं, यह उनका मौलिक अधिकार है। फिर चाहे परिवार के सदस्य इससे सहमत हो या नहीं। यह मामला मोहाली का है, जहां एक हिन्दू युवक ने मुस्लिम लड़की के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। प्रेमी जोड़े ने पहले मोहाली के एस.एस.पी. को अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर रिप्रजेंटेशन दी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा सुरक्षा प्रत्येक नागरिग का संवैधानिक अधिकार है और जब प्रेमी जोड़े में दोनों बालिग हैं तो उन्हें अपना जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार है, फिर चाहे इस विवाह से उनके परिवार को आपत्ति क्यों न हो। ऐसे में हाईकोर्ट ने मोहाली के एस.एस.पी. को आदेश दे दिए हैं कि वह इनकी मांग पर गौर कर उचित कार्रवाई करें।