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live-in-relationship को नैतिक और सामाजिक तौर पर नहीं किया जा सकता स्वीकार, इस रिश्ते के लिए नहीं दी जा सकती सुरक्षा:

live-in-relationship को नैतिक और सामाजिक तौर पर नहीं किया जा सकता स्वीकार, इस रिश्ते के लिए नहीं दी जा सकती सुरक्षा: हाई कोर्ट

 

 

 

live-in-relationship में रह रहे एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने ख़ारिज करते हुए कहा कि इस रिश्ते को सामाजिक और नैतिक तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है और इसके लिए हाईकोर्ट सुरक्षा नहीं दे सकता है।

 

याचिका ख़ारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि प्रेमी जोड़े ने यह याचिका अपने इस रिश्ते पर हाईकोर्ट की मोहर लगवाने के लिए दायर की है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। बइस मामले में लड़की उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से और लड़का पंजाब के तरनतारन से है, दोनों ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर कर बताया था कि वह फ़िलहाल live-in-relationship में रह रहे हैं और वह जल्द ही शादी कर लेंगे। लड़की का परिवार अपनी बेटी की अपनी पसंद के लड़के से शादी करना चाहता है। लेकिन लड़का और लड़की को एक दूसरे से प्रेम है, लड़की की ओर से बताया उसके परिवार वाले इस रिश्ते से सहमति नहीं थे आखिरकार दोनों ने अब परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर live-in-relationship में रहने का निर्णय कर लिया है।

दोनों ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके परिवार उनके इस रिश्ते से खुश नहीं है और उन्हें डर है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाया जा सकता है, लिहाजा उन्हें सुरक्षा दी जाए। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता सुरक्षा मांगने के नाम पर अपने अनैतिक रिश्ते जिसे सामाजिक और नैतिक तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता पर  हाईकोर्ट की मुहर लगवाना चाहता है, जिसे हाईकोर्ट स्वीकार नहीं करेगा। इसी टिपण्णी के साथ हाईकोर्ट ने यह याचिका ख़ारिज कर दी है।

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