Punjab

मुख्यमंत्री ने अप्रैल के अंत तक 45 साल से अधिक उम्र की आबादी को टीकाकरण अधीन लाने के लिए रोज़ाना का 2 लाख का लक्ष्य रखा

केंद्र सरकार को अधिक जोखि़म वाले इलाकों में 45 साल से कम उम्र के लोगों के टीकाकरण की इजाज़त देने के लिए कहा
राज्य की स्थिति चाहे सँभली है परन्तु मुख्यमंत्री ने पाबंदियों को सख़्ती से लागू करने और घरेलू एकांतवास की निगरानी के लिए विशेष कंट्रोल रूम स्थापित करने के आदेश दिए
राज्य के पास ऑक्सीजन रैमेडिसिविर आदि का उपयुक्त स्टॉक मौजूद-स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया
चंडीगढ़, 15 अप्रैल:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में कोविड मामलों की स्थिति कुछ संभल जाने पर तसल्ली ज़ाहिर करते हुए कोरोना वायरस फैलाने वाले किसी भी समागम को रोकने के लिए कोविड संबंधी एहतियातों की सख़्ती से पालना करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने टीकाकरण की रोज़ाना की संख्या बढ़ा कर दो लाख करने के आदेश देते हुए कहा कि घरेलू एकांतवास के मामलों में व्यक्तिगत तौर पर निगरानी को और प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिए एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
मौतों और पॉजि़टिविटी के आंकड़ों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय पर लागू की गईं बन्दिशों के नतीजे दिखाई दे रहे हैं और इन बन्दिशों को राज्य में ख़ासकर मोहाली में फैलने की बढ़ती दर (ट्रांसमिशन रेट) और पॉजि़टिविटी की उच्च दर दिखा रहे शहरों में और अधिक सख़्ती से लागू करने की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की पॉजि़टिविटी दर 8.1 प्रतिशत है, हालाँकि, 40 साल से कम उम्र वर्ग में पॉजि़टिविटी की दर 54 प्रतिशत (सितम्बर 2020) से कम होकर 50 प्रतिशत (मार्च 2021) तक आ गई है। सभी सम्बन्धित लोगों के सख़्त यत्नों से इन बंदिशों के स्वरूप 60 साल से कम उम्र वर्ग में मृत्यु दर 50 प्रतिशत (सितम्बर 2020) से घटाकर 40 प्रतिशत (मार्च 2021) करने में मदद मिली है और इसकी सख़्ती से पालना की जानी चाहिए। हालाँकि, मुख्य मंत्री ने अपनी माँग को दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अधिक मामलों वाले इलाकों में 45 साल से कम उम्र वर्ग के लोगों के टीकाकरण की भी इजाज़त दी जानी चाहिए, क्योंकि वायरस के यू.के. स्ट्रेन से नौजवान अधिक शिकार हुए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव विनी महाजन को इस मामले की केंद्र सरकार के पास पैरवी करने के आदेश दिए, जबकि डॉ. के.के. तलवाड़ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि गुरदे और जिगर की बीमारी से पीडि़त मरीज़, जो 45 साल से कम उम्र के हैं, को तो कम से कम कोरोना से बचाव की वैक्सीन देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन आज हुई वर्चुअल मीटिंग के दौरान राज्य में कोविड और वैक्सीन की स्थिति का जायज़ा लिया गया। इस मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू, शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी समेत कई मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि इस सम्बन्ध में ढील बरतने की कोई गुंजाईश नहीं है। उन्होंने कहा कि समर्पित टीम वाले विशेष कंट्रोल रूम के लिए ए.एन.एम्ज़., आशावर्कर मैडीकल कॉलेजों के शिक्षार्थियों की सेवाएं ली जा सकती हैं, जिससे टैलिफ़ोन करने से आगे जाकर व्यक्तिगत तौर पर निगरानी की जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए कि सरकारी मैडीकल कॉलेजों द्वारा जि़ला स्तर पर आर.आर.टीज़. के लिए विद्यार्थी तुरंत मुहैया करवाए जाने चाहिएं।
टीकाकरण के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत की कि इस महीने के अंदर-अंदर समूची योग्य आबादी के टीकाकरण के लिए यत्न और तेज़ किए जाएँ और टीकाकरण के बाद यदि कोई मौत हुई है तो उसका भी लेखा-जोखा रखा जाए। उन्होंने कहा कि चाहे टीकाकरण की संख्या बढ़ा कर रोज़ाना 90,000 की गई है परन्तु हमें यह संख्या दो लाख प्रतिदिन तक बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने बताया कि पंजाब के पास इस समय पर स्टॉक में 3 लाख कोविशील्ड और एक लाख कोवैक्सीन मौजूद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि $खुराकों की बहुतायत हर समय यकीनी बनाई जानी चाहिए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ‘कोविन’ पोर्टल अपडेट होता रहे, जिससे असली स्थिति का पता लगता रहे। उन्होंने कहा कि जि़लों को एक ही समय पर कई कार्यों को अपने हाथ में न लेने और टीकाकरण की रणनीतियों के द्वारा यह यकीनी बनाया जाए कि टीकाकरण सबके लिए उपलब्ध रहे और किसी तरह की बर्बादी न हो। उन्होंने टीके लगाने वालों के लिए ओवरटाइम भत्ते और साप्ताहिक छुट्टी तुरंत देने के आदेश जारी किए, जिससे उन पर बोझ घटाया जा सके। उन्होंने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को भी व्यापक स्तर पर जागरूकता मुहिम चलाने के आदेश दिए और इस उद्देश्य के लिए फि़ल्म अभिनेता सोनू सूद की सेवाएं भी अच्छे तरीके से हासिल की जाएँ, जिसको राज्य सरकार ने मुहिम के लिए ब्रांड अम्बैंसडर नियुक्त किया है। 75 साल से अधिक उम्र वर्ग की 75 लाख आबादी में से अभी तक सिफऱ् 15.56 प्रतिशत लोगों ने टीका लगवाया है। उन्होंने वैक्सीन सम्बन्धी पाई जा रही हिचकिचाहट को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
पंजाब पुलिस द्वारा की गई केस स्टडी, जिसको डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने साझा किया, का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मुलाजि़मों में टीकाकरण बढऩे से पुलिस फोर्स में सक्रिय पॉजि़टिव मामलों में कमी आने के स्पष्ट रुझान सामने आए हैं। डी.जी.पी. ने केस स्टडी के हवाले से मुख्यमंत्री को बताया कि यह आंकड़े पुलिस मुलाजि़मों में वैक्सीनेशन के सकारात्मक प्रभाव को स्पष्ट रूप में दिखाते हैं कि इससे न सिफऱ् पुुलिस मुलाजि़मों में सक्रिय मामलों की संख्या घटी है, बल्कि गंभीर मैडीकल देख-रेख की ज़रूरत वाले पुलिसकर्मी भी नाम-मात्र रह गए हैं। उन्होंने खुलासा किया कि बीते साल रोज़ाना के 1700 मामलों के शिखर के विरुद्ध अब इस पीक के दौरान किसी न किसी दिन यह संख्या सिफऱ् 400 मुलाजि़मों तक जाती है। उन्होंने मीटिंग के दौरान यह भी बताया कि दूसरी $खुराक लेने से विभाग में कोविड से कोई भी मौत नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को आदेश दिए कि मैरिज पैलसों समेत सार्वजनिक स्थानों पर कोविड सम्बन्धी एहतियात न बरतने वाले लोगों को टेस्टिंग के लिए ले जाया जाए और यदि वह लोग सहमत और योग्य हों तो उन पर बिना किसी तरह के दबाव का प्रयोग किए टीकाकरण के लिए ले जाया जाए।
यह जि़क्र करते हुए कि हालाँकि मृत्यु दर (सी.एफ.आर.) में गिरावट आई है और लगभग 30 प्रतिशत मौतें भी अस्पताल में दाखि़ल होने के दो दिनों के अंदर ही हो रही हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 84 प्रतिशत मरीज़ों ने गंभीर लक्षणों के साथ पहली बार अस्पताल में रिपोर्ट किया है, जो देर से रिपोर्ट किए जाने को दिखाता है। उन्होंने कहा कि कुल मौतों में से 90 प्रतिशत मौतें सह-रोगों वाले व्यक्तियों की हुई हैं। उन्होंने विभाग को यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए कि कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य संस्था में रिपोर्ट करें, जिससे उनकी जानें बचाई जा सकें। उन्होंने कहा कि शुगर, हाइपरटेंशन, किडनी/फेफड़ों आदि की बीमारी वाले मरीज़ों की जाँच करवाई जाए और किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने की सूरत में अस्पताल को रिपोर्ट करने की सलाह दी जाए और योग्य व्यक्ति को टीकाकरण के लिए भी पहल दी जाए।
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कम होने संबंधी बात करते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने विभाग को हरेक पॉजि़टिव मरीज़ के पीछे 30 संपर्कों का पता लगाने का लक्ष्य निश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ट्रेस किए गए 100 प्रतिशत संपर्कों का आर.ए.टी. के साथ टैस्ट किया जाना लाजि़मी है, जिससे उनकी जल्द पहचान की जा सके और पॉजि़टिव पाए जाने वाले व्यक्तियों को एकांतवास किया जा सके। उन्होंने कहा कि आर.टी.पी.सी.आर. के नमूने लेने और नतीजे देने का समय एक दिन से भी कम करने की ज़रूरत है। टेस्टिंग के लिए प्राईवेट लैबों और सही ढंग से काम करने वाले अस्पतालों को मंज़ूर की गई सूची तुरंत सार्वजनिक दायरे में डाल देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चाहे सैंपलिंग 40,000 प्रतिदिन तक पहुँच गई है, इसको आगे बढ़ा कर कम से कम 50,000 प्रतिदिन करने की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए वेंटिलेटर उन अस्पतालों को दिए जाएँ, जहाँ इनकी ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि ऑक्सीजन किटों, रैमेडिज़ीविर और अन्य दवाएँ उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध हैं और इनका प्रयोग प्रभावशाली ढंग से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जालंधर, मोहाली, लुधियाना जि़लों जहाँ ज़्यादा प्रभावित एल-3 मरीज़ हैं, को प्राईवेट अस्पतालों को कोविड के लिए और बिस्तर आरक्षित रखने की हिदायत करते हुए एल-3 का सामथ्र्य बढ़ाना चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में इस समय पर ऑक्सीजन की कमी नहीं है और तीन ऑक्सीजन प्लांट पहले ही चल रहे हैं और दो अन्य प्रक्रिया अधीन हैं। उन्होंने कहा कि विभाग रैमेडिज़ीविर की 20,000 $खुराकें मुहैया करवाने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री का तहे दिल से धन्यवाद करता है, जोकि सरकारी (12,500) और अच्छे ढंग से चल रहे निजी अस्पतालों को (7,500 $खुराकें) दी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि पी.जी.आई. को तकरीबन 300 $खुराकें देने के बाद भी पंजाब के पास स्टॉक में अभी तक 7000 $खुराकें हैं।
मुख्यमंत्री ने मुलाजि़मों की सेवाओं का सर्वोत्त्म प्रयोग करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि पुलिस विभाग पहले ही कोविड सम्बन्धी गतिविधियों के लिए मुलाजि़मों की सेवाओं समेत हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है, इसलिए अन्य सभी विभागों, ख़ासकर स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा को भी तुरंत अपने विभाग में स्टाफ की उपलब्धता सम्बन्धी आदेश जारी करने चाहिएं।
मुख्यमंत्री ने फूड किटें बाँटने की भी शुरुआत की, जो उन मरीज़ों को मुहैया करवाई जानी हैं जो गरीब हैं और जिनको रिकवरी के दौरान अपना रोजग़ार चले जाने के कारण बड़ा नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री को निर्देश दिए कि हालाँकि, फ़तेह किटें उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध हैं, परन्तु यह यकीनी बनाना महत्वपूर्ण है कि यह किटें मरीज़ के पॉजि़टिव पाए जाने पर उसी दिन उन तक पहुंचाई जाएँ। जि़क्रयोग्य है कि राशन किट में 10 किलो गेहूँ का आटा, 2 किलो काले चने और 2 किलो चीनी होगी।
इससे पहले एक पेशकारी में, स्वास्थ्य सचिव ने मीटिंग को अवगत करवाया कि पंजाब में 8.1 प्रतिशत समूची पॉजि़टिव दर के मुकाबले मोहाली जि़ले में 18 प्रतिशत दर दर्ज की गई है। जालंधर, लुधियाना और पटियाला समेत मोहाली जि़ले में वायरस के फैलाव की दर अधिक है।
राज्य की कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. के.के. तलवाड़ ने कहा कि बढ़ रहे मामलों के मद्देनजऱ सावधानी बरतनी लाजि़मी है और किसी बड़े जलसे में शामिल होने के उपरांत सावधानी और उपाय के तौर पर चार दिनों के लिए घरेलू एकांतवास में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ़्तों में भी इतनी ही संख्या में मामलों के आने की उम्मीद है, जिसके बाद मामलों में कमी आने की संभावना है।

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