
नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025 —रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि भारत पहले दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, लेकिन धोखा मिलने पर उसकी कलाई मरोड़ना भी जानता है।उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले भारतीय सशस्त्र बलों ने हर पहलू का गहराई से विश्लेषण किया और ऐसे विकल्प चुने जिससे आतंकी ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे, जबकि पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो।राजनाथ सिंह के अनुसार, इस ऑपरेशन में9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया100 से अधिक आतंकवादी, ट्रेनर, हैंडलर और सहयोगी मारे गएउन्होंने चेतावनी दी, “पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया गया है, लेकिन अगर पाकिस्तान नहीं माना तो आगे भी कार्रवाई की जाएगी।”रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सीमाओं तक सीमित नहीं है, यह वैचारिक मोर्चों पर भी जारी है। प्रधानमंत्री द्वारा गठित सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बात मजबूती से रखी और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाया।1971 युद्ध का ज़िक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “हमने तब सरकार की पार्टी या विचारधारा नहीं देखी, बल्कि एकजुट होकर सेना और नेतृत्व की प्रशंसा की थी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उस समय किसी ने यह नहीं पूछा था कि कितने विमान गिरे या कितना नुकसान हुआ।राजनाथ सिंह के इस बयान को देश की सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जा रहा है।