Himachal Pradesh

10 करोड़ से गोबिंद सागर झील के किनारों पर पर्यटन के लिए तैयार हो रही सुविधाएं, जल मार्ग से जुड़ेंगे दोनों झोर

 

10 करोड़ से गोबिंद सागर झील के किनारों पर पर्यटन के लिए तैयार हो रही सुविधाएं, जल मार्ग से जुड़ेंगे दोनों झोर

ऊना, 14 जूनः नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण गोबिंद सागर झील कुटलैहड़ विस क्षेत्र के लिए समृद्धि का प्रतीक बनने जा रही है। टूरिज्म का मजबूत ढांचा तैयार होने जा रहा है, जो बाहें खोलकर पर्यटकों का स्वागत करेगा, इससे स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा वह अपने परिवार का गुजारा बेहतर ढंग से कर पाने में सक्षम बनेंगे।

गोबिंद सागर झील के अंदरौली झोर पर 26.10 हेक्टेयर भूमि पर एथनो बोटेनिकल पार्क का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो अगस्त माह तक पूरा होने की उम्मीद है। पार्क का कार्य लगभग 50 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है, जिसमें गिफ्ट शॉप, सेल सेंटर, बीओ क्वार्टर, टिकट सेंटर, स्वच्छता कैफे, रेस्टोरेंट, ट्री-हाउस, शौचालयों व बड़ी पार्किंग का आधुनिक निर्माण किया जा रहा है। यहां पर कूड़ा प्रबंधन भी बेहतर ढंग से होगा। इसके अतिरिक्त यहां पर 2.60 करोड़ रुपए की लागत से वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण भी जोरों पर है, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने किया है। इसमें भी पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं होगीं। यहां पर 62 लाख रुपए की लागत से जल भंडारण स्कीम के तहत जल संग्रहण अधोसंचरना तैयार की जा रही है, जिनका निर्माण कार्य भी आधा हो चुका है। इस परियोजना के तहत एक ट्रेल भी बनाई जाएगी, जिसमें साइन बोर्ड इत्यादि लगाए जाएंगे, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक ट्रैकिंग पर जाकर यहां के मनोरम दृश्यों को निहार सकें। एथनो बोटेनिकल पार्क परियोजना के तहत पौधारोपण भी किया जाएगा और सारे क्षेत्र की फैंसिंग की जाएगी।

डीएफओ मृत्युंजय माधव ने बताया कि वन विभाग इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। झील के लठियाणी घाट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सोहारी में 2.40 करोड़ रुपए की लागत से ग्रामीण इको टूरिज्म पार्क का शिलान्यास किया गया है, जिसका निर्माण कार्य भी विभाग शुरू करने जा रहा है और विभाग का प्रयास है कि अक्तूबर माह तक झील के दोनों किनारों पर पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगे।

लठियाणी के साथ लगते सोहारी में बनने जा रहे ग्रामीण इको पार्क में पर्यटन की दृष्टि से पार्किंग, शौचालय, कैफे और रेस्त्रां की सुविधा विकसित की जाएगी। गोबिंद सागर झील के मनोरम दृश्यों से परिपूर्ण यह दोनों स्थल आने वाले समय में पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। अंदरौली में विकसित हो रहे वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स को सोहारी के इको पार्क के साथ जल मार्ग से जोड़ा जाएगा और पर्यटक दोनों स्थानों पर आकर यहां के खूबसूरत नज़ारे निहार सकेंगे।

कुटलैहड़ पर्यटन विकास समिति (केटीडीएस) के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि झील के दोनों किनारों को जोड़ने के लिए वन विभाग लगभग 62 लाख रुपए की लागत से दो बोट्स तथा अन्य सुरक्षा उपकरण खरीदेगा, जिससे कि अंदरौली आने वाले पर्यटक जल मार्ग से सोहारी तक जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि गोबिंद सागर झील के दोनों किनारे कुदरती खूबसूरती से भरपूर हैं, जिनके दोहन से पर्यटन को बढ़ावा मिलने की अपार संभावनाएं हैं। केटीडीएस के माध्यम से यही प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवा पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं और जिला प्रशासन उन्हें इसमें भरपूर मदद देने को तैयार है।

वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पर्यटन विकास के अगले चरण में अंदरौली में बटरफ्लाई पार्क बनाने की योजना भी है, जिसके लिए एक परियोजना तैयार कर एशियन डिवलेंपमेंट बैंक को भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इसके लिए भी पैसा स्वीकृत होगा और पर्यटन के लिए सुविधाएं जुटाने की यह पूरी परियोजना 20 करोड़ रुपए से अधिक तक पहुंच जाएगी। वाटर स्पोर्ट्स के अतिरिक्त चुल्हड़ी से अंदरौली तक पैराग्लाइडिंग का ट्रायल भी सफल रहा है। पैराग्लाइडिंग के लिए पायलटों की ट्रेनिंग में भी स्थानीय युवाओं को अधिमान दिया जाएगा। कंवर ने कहा कि साहसिक खेल आरंभ होने से जहां पर्यटन बढ़ेगा, वहीं युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

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