Himachal Pradesh

भावनाओं और गौरव की भाषा है हिंदी-कैप्टन संजय पराशर

भावनाओं और गौरव की भाषा है हिंदी-कैप्टन संजय पराशर

-हिंदी दिवस पर राजकीय महाविद्यालय, चिंतपूर्णी में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन

चिंतपूर्णी-

कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि हिंदी गौरव व भावनाओं की भाषा है। अपनी मातृभाषा हिंदी में बात करना सुकून देता है। सही मायनों में हिंदी हमारे लिए प्राणशक्ति है। मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय, चिंतपूर्णी के प्रांगण में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संजय ने कहा कि हिंदी ऊर्जा का संचार करने वाली भाषा है। भारत के फिर से विश्वगुरू बनने के लिए हिंदी के ही मजबूत कंधों की आवश्यकता है। हिंदी अब केवल अपने देश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विदेश में भी अपनी धाक जमा रही है। इंटरनेट मीडिया के जमाने में हिंदी और सशक्त हुई है। हिंदी का प्रयोग करने वालों की संख्या अब बढ़ी है। विश्व भर के अनेक देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी में पठन-पाठन हो रहा है। अपना एक अनुभव सांझा करते हुए कहा कि एक विदेशी व्यक्ति से वह सांझा व्यवसाय को लेकर कागजात तैयार करवा रहे थे। उन कागजात पर उस विदेशी ने अपनी मातृभूमि में हस्ताक्षर किए। संजय ने कहा कि वो इतने प्रभावित हुए कि उस दिन के बाद से लेकर आज तक वह हिंदी में ही हर जगह हस्ताक्षर करते हैं। कहा कि हिंदी उनके रोम-रोम में बसी हुई है। अपनी जुबान में पहला शब्द मां निकला था और यह भी सच है कि इस दुनिया से जाते वक्त हे राम शब्द ही इस सांसारिक यात्रा को पूरा करेंगे। यह अटल सत्य है कि हम अपनी राष्ट्रभाषा के बिना अधूरे हैं। हिंदी देशवासियों को स्नेहसूत्र में बांधने वाली भाषा है। इससे पहले मुख्य वक्ता बीबीएन शिप मैनेजमेंट कंपनी की प्रबंध निदेशक व संजय की पत्नी सोनिका पराशर ने कहा कि हिंदी भाषा में स्वदेश की महक है, जिसे बोलने व सुनने के बाद गर्व व सुकून की अनुभूति होती है। कहा कि हर भाषा का अलग-अलग महत्व होता है। ऐसे में विद्यार्थियों को हिंदी के सम्मान के साथ अन्य विषयों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करनी चाहिए। वहीं, हिंदी दिवस पर हुई भाषण प्रतियोगिता में स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा नीलम प्रथम रही तो दूसरे स्थान पर वाणिज्य तृतीय वर्ष की छात्रा तन्वी रही। तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से कॉलेज के तृतीय वर्ष के छात्र शुभम व अनीष रहे। विजेता छात्रों को कैप्टन संजय की तरफ से नकद ईनाम, ट्राफी और दीवार घड़ी प्रदान की गई। आठ विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार से भी पराशर द्वारा नवाजा गया। कार्यक्रम में सभी एक सौ अस्सी विद्यार्थियों को पराशर की तरफ से श्रीमद्भागवत गीता भी भेंट की गई। इस समारोह में कॉलेज के प्राचार्य डा. एस के बंसल, कॉलेज स्टाफ में डा. ज्योति, डा. विनोद, प्राे. प्रवीण सैणी, डा. ऋचा, नीलम शर्मा, सुरेन्द्र, शिव कुमार, पूर्व शिक्षक जीत राज कालिया और रामधन शर्मा भी मौजूद रहे।

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