जिला ऊना की सभी 245 पंचायतों ने जारी किए आदेश; घंगरेट पंचायत के प्रधान वरिंदर कुमार ने खुद संभाला मोर्चा
ऊना (9 मई)- जिलाधीश ऊना राघव शर्मा के निर्देश पर जिला की सभी 245 ग्राम पंचायतों ने कोविड अनुरूप व्यवहार पर पंचायतवासियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। पंचायतों ने निर्देशों की प्रतियां सावर्जनिक स्थानों पर लगा दी हैं, ताकि सभी पंचायतवासी इन आदेशों से अवगत हो सकें। अवहेलना पर 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
वहीं घंगरेट पंचायत के प्रधान वरिंदर कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन के निर्देशों पर पंचायत की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही लोगों को इन निर्देशों की जानकारी प्रदान की जा रही है। कोरोना महामारी के समय में सभी को इन निर्देशों की पालना करनी चाहिए, ताकि संक्रमण को आगे फैलने से बचाया जा सके। सभी पंचायतों के साथ सहयोग करें। प्रधान ने बताया की जिलाधीश राघव शर्मा के निर्देशानुसार हमने ये सुनिश्चित करने पर बल दिया है की ग्राम पंचायत में घरों से बाहर निकलने पर सही ढंग से मास्क लगाना होगा।आज हमने बहार से आए लोगो को भी यही समझाया है की कोविड-19 के लक्षण आने पर अनिवार्य रूप से टेस्ट करवाएंगे। संक्रमण से अत्याधिक प्रभावित राज्य पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात तथा कर्नाटक से आने वाले सभी व्यक्ति वापसी के बाद अलग कमरे में रहेंगे तथा अपना कोविड टेस्ट करवाएं। इसके अतिरिक्त कोविड संक्रमित मरीज आशा वर्कर की सलाह के अनुरूप घर के अंदर ही रहेंगे तथा दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए वार्ड पंच से संपर्क करेंगे। जिला प्रशासन की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। अनुमति के साथ ही शादी व अंतिम संस्कार के कार्यक्रम अधिकतम 20 लोगों के साथ किए जा सकते हैं। गांव में किसी भी प्रकार के भोज, भंडारों, व जगरातों का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके आलावा हमने एक रजिस्टर भी रखा है जिसमे बाहर से पंचायत में आए सभी लोगो की जानकारी दर्ज की जाएगी । साथ ही चौकीदार से इसके बारे में भी सबको अवगत करवा दिया गया है ।
ग्राम पंचायत भगड़ा के प्रधान स्वर्ण सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशों पर पंचायत की ओर से यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही लोगों को इन निर्देशों की जानकारी प्रदान की जा रही है।
वहीं मुच्छाली पंचायत के प्रधान विजय शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में सभी को इन निर्देशों की पालना करनी चाहिए, ताकि संक्रमण को आगे फैलने से बचाया जा सके। सभी पंचायतों के साथ सहयोग करें।
इस संबंध में उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 13 (ट) में ग्राम पंचायतों को महामारी के प्रसार को दूर करने और रोकने के आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया गया है। इन शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंचायतों ने निर्देश पारित किए हैं, ताकि पंचायत में रहने वाले व्यक्तियों को महामारी के दौर में अपने दायित्व का पता चल सके, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके।
कुटलैहड़ नहीं देखा, तो क्या देखा
करोड़ों रुपए की परियोजनाओं से कुटलैहड़ में विकसित हो रहा पर्यटन के लिए आधारभूत ढांचा
गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ाएं जल्द होंगी शुरू, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर
चंडीगढ़ व पंजाब के साथ सटा होने के चलते ऊना जिला का कुटलैहड़ विस क्षेत्र वीकेंड पर्यटन गतिविधियों को केंद्र बन कर उभर रहा है। कुटलैहड़ के प्राकृतिक नजारे व मजबूत होता आधारभूत ढांचा पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध होते जा रहा है। यहां आकर हर कोई कहता है “कुटलैहड़ नहीं देखा तो क्या देखा”।
कुटलैहड़ में जल क्रीड़ाओं के लिए विशाल गोबिंद सागर झील है तथा इस झील में बोटिंग व अन्य साहसिक खेलों की गतिविधियां आयोजित करने के लिए बीबीएमबी से अनुमति मिल गई है। अंदरौली में गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ाओं के आयोजन के लिए वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा तथा यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी, जिस पर कार्य शुरू हो चुका है। जल्द ही गोविंद सागर झील की लहरों पर रोमांच का खेल शुरू होगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा कुटलैहड़ में आर्थिक समृद्धि का द्वार खुलेगा। कुटलैहड़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुटलैहड़ टूरिज्म डेवलेपमेंट सोसाइटी (केटीडीएस) का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष उपायुक्त ऊना हैं।
कुटलैहड़ से विधायक एवं ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर कहते हैं “कुटलैहड़ में साहसिक पर्यटन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर आसरी गुफा, ब्रह्र्मोती मंदिर, जमासणी माता मंदिर, सदाशिव मंदिर, चामुखा मंदिर, पीर गौंस पाक तथा पिपलू में भगवान नरसिंह का प्राचीन मंदिर है। कुटलैहड़ को धार्मिक पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की योजनाएं अंतिम चरण में हैं जिससे यहां के धार्मिक महत्व वाले स्थानों को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर सोलह सिंगी धार के प्रसिद्ध किले भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं। सरकार इन्हीं स्थानों को सुविधा संपन्न बनाकर पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।”
कुटलैहड़ के जाने-माने तीर्थ स्थल ब्रह्मौती के लिए सड़क, स्नानघाट व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का निर्माण किया गया। उसी को आगे बढ़ाते हुए अब इस स्थान के सौंदर्यीकरण का कार्य भी किया जाना प्रस्तावित है जिससे कुटलैहड़ में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को बल मिल सके। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर इस ओर अपने अथक प्रयासों से सफलता की ओर अग्रसर हैं।
इसके साथ ही सोलहसिंघी धार के पुराने किले हैं व पर्यटक यहां तक सुगमता व आनंद से पहुंच सकें, इसके लिए डोहगी से किले तक ट्रैकिंग रूट यानी पर्यटन मार्ग का निर्माण किया जाना है। पर्यटकों को प्रकृति का समीप से अनुभव मिल सके, इसके लिए 70 लाख रुपए की लागत से सोलहसिंगी धार के कोट में व 70 लाख रुपए की लागत से ही घरवासड़ा में विश्राम गृह का निर्माण किया गया है जिनका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा। घरवासड़ा-चोगाठ में तालाब निर्मित कर उस क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है तथा परोईयां कलां-घरवासड़ा के लिए ट्रैकिंग रूट भी तैयार किया जा रहा है।
वीरेंद्र कंवर कहते हैं “कुटलैहड़ में मनरेगा के माध्यम से जगह-जगह आधुनिक जन सुविधा युक्त वर्षा शालिकाओं का निर्माण किया जा रहा है। कुटलैहड़ के टीहरा में हैलीपैड के निर्माण के लिए भी 50 लाख रुपए की पहली किस्त मिल चुकी है। इसके साथ ही बंगाणा में 80 लाख रुपए लागत से भव्य इकोपार्क भी लगभग बनकर तैयार हो चुका है। पर्यटन के साथ-साथ अपनी संस्कृति व कला को सहेज कर रखना भी आवश्यक है। इसके लिए 12 करोड़ रुपए की लागत से समूर में भाषा व संस्कृति केंद्र स्थापित किया गया है। “