
शिमला 8 अगस्त, 2025
विद्यार्थियों को जापान के शिक्षण भ्रमण पर किया गया रवाना
शैक्षणिक सत्र के मध्य शिक्षकों की सेवानिवृित्त न करने पर किया जा रहा विचार पुरानी पेंशन योजना नहीं होगी वापिसः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला में आयोजित एक समारोह के दौरान नव चयनित 312 ड्राइंग शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इन्हें राज्य में विभिन्न स्कूलों में नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर, उन्होंने जापान के शैक्षिक भ्रमण पर जा रहे सरकारी स्कूलों के पांच विद्यार्थियों के एक समूह को भी रवाना किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। ये विद्यार्थी जापान के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने विद्यार्थी-केंद्रित समाचार मंच एडस्क एक्सप्रेस, बेसलाइन स्कूल रैंकिंग मान्यता रिपोर्ट, जियो-टैग्ड और जियो-फेंस्ड स्मार्ट उपस्थिति (उपस्थिति निगरानी प्रणाली) और विद्या समीक्षा केंद्र सहित कई शैक्षिक पहलों का शुभारंभ किया।

नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए, मुख्यमंत्री ने पिछले अढाई वर्षों में हिमाचल प्रदेश द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में की गई प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता संभाली थी तब हिमाचल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर था।

शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने के लिए किए गए प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान में हिमाचल पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मामले में हिमाचल प्रदेश कक्षा 3 में दूसरे, कक्षा 6 में पांचवें और कक्षा 9 में चौथे स्थान पर है। शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने में शिक्षकों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समुदाय के साथ मिलकर भविष्य की चुनौतियों पर भी जीत हासिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छात्रों की पढ़ाई को बाधित होने से बचाने के लिए शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों को सेवानिवृत्त न करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार लाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए अनेक स्कूल खोले, जबकि वर्तमान सरकार सार्वभौमिक शिक्षा के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पहले ही मेडिकल, नॉन-मेडिकल और कला संकायों में 5,100 टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) पदों पर नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्कूलों का युक्तिकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल भी स्थापित कर रही है, जिनमें विद्यार्थी विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही भर्तियां शुरू की जाएंगी। भर्ती प्रक्रिया में सुधारों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन वर्तमान सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप, कई पोस्ट कोड के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं और आज 312 ड्राइंग शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद स्वास्थ्य संस्थानों में एम्स की तर्ज पर आधुनिक तकनीकें उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाएगी और पुराने एमआरआई, सीटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड मशीनों को नई मशीनों से बदला जा रहा है ताकि मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों में अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना अस्पताल को एम्स स्तर की सुविधाओं का सृजन किया जाएगा और इसके उपरांत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों को चरणबद्ध तरीके से स्तरोन्नत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में श्रेष्ठ चिकित्सक सेवाएं प्रदान करें, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रोबोटिक सर्जनों को एक करोड़ रुपये तक का पैकेज दिया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में प्राकृतिक तरीके से उगाई गई मक्की, गेहूं, हल्दी और जौ पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है ताकि किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में भी बड़े निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में हेलीपोट का निर्माण और कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न मंचों पर प्रदेश के हक की लड़ाई लड़ रही है। हिमाचल के जल संसाधनों के अधिकारों की लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में वाइल्ड फ्लावर हॉल और जेएसडब्ल्यू से संबंधित मामलों में सरकार ने जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के सर्वोच्च कानूनी विशेषज्ञों की मदद ली और भविष्य में भी प्रदेश के अधिकारों को पुरजोर तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार ने यह निर्णय राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन देने के लिए लिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नई पेंशन योजना को दोबारा लाने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगी। विपक्ष पर जॉब ट्रेनी पॉलिसी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल की सेवा कार्यकाल के बाद प्रशिक्षुओं को नियमित किया जाएगा।शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मुख्यमंत्री के सशक्त नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि राज्य अब शत-प्रतिशत साक्षरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों और प्रदेशवासियों की दृढ़ इच्छाशक्ति से हम इस लक्ष्य को शीघ्र हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मेहनत से हिमाचल की शिक्षा रैंकिंग में सुधार हुआ है। पहले सरकारी स्कूलों के पांचवीं कक्षा के बच्चे पहली कक्षा की किताब नहीं पढ़ सकते थे, लेकिन अब हाल ही के सर्वेक्षणों के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए स्कूलों में स्थानीय बोलियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।इस अवसर पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसी के फलस्वरूप राज्य ने गुणात्मक शिक्षा में देशभर में पांचवां स्थान हासिल किया है।निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत सिंह, निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, उपायुक्त अनुपम कश्यप और अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर अपस्थित थे।
