Himachal Pradesh

जसवां-परागपुर के किसानों को खेती के नए तरीकों से अवगत करवाएंगे कैप्टन संजय

-कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में प्रशिक्षण के लिए किसानों को अपने खर्च पर भेजेगें पराशर
डाडासीबा-
जसवां-परागपुर क्षेत्र में किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य को लेकर कैप्टन संजय पराशर ने प्रारूप तैयार किया है। पराशर किसानों को खेती के नए तरीकों से अगवत करवाएंगे। वह अपने खर्च पर किसानों को चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के लिए भेजेगें। इसके साथ पराशर किसानों के खेतों की मिट्टी की परीक्षण भी करवाएंगे ताकि किसान अनुकूल फसल की पैदावार कर सकें। साेमवार देर शाम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हरिन्द्र कुमार चौधरी और संजय पराशर के बीच इस विषय पर लंबी चर्चा हुई । चौधरी ने भरोसा दिलाया कि उनकी टीम न सिर्फ किसानों को खेती की नई किस्मों के बारे में जानकारी देकर प्रशिक्षण देगी, बल्कि वह व्यक्तिगत रूप से भी जसवां-परागपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे।
संजय ने रक्कड़ तहसील के चमेटी गांव में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा की जा रही प्राकृतिक खेती को भी प्रोत्सािहत किया था और उनके उत्पाद खरीदकर इस सेल्फ हेल्प ग्रुप का हौसला भी बढ़ाया। अब पराशर ने क्षेत्र के किसानों की आर्थिकी को मजूबत करने का बीड़ा उठा लिया है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. चौधरी से उन्होंने किसानों के मुद्दे पर चर्चा करते हुए पूछा कि कैसे किसान नकदी फसलों का उत्पादन कर सकते हैं और जसवां-परागपुर क्षेत्र में किस तरह की खेती की जाए, जिससे कि किसानों की आय में वृद्धि दर्ज हो। इसके अलावा खेती के नए तरीकों से लेकर उत्तम बीजोें और फसल बीजने के बाद किसानों को आने वाली समस्याओं के निदान के लिए भी कुलपति से सुझाव मांगे। इस पर डा. चौधरी ने कहा कि अब किसानों को गेंहू, मक्की या धान की फसलों से आगे भी सोचना होगा। इन फसलों से किसान जीविकोपार्जन ताे कर सकते हैं, लेकिन इन परंपरागत फसलों से आय बढ़ाने के अवसर बहुत कम होते हैं। कहा कि प्रदेश की जलवायु ऐसी है कि जहां पैदा हुई फसल गुणवता के मुकाबले में सबसे बेहतर है। प्रदेश के राजमाश और लाल चावल का पूरे देश में नाम है। जापानी मशरूम की उदाहरण देते हुुए चौधरी ने बताया कि छिटाके नामक मशरूम बाजार में प्रतिकिलोग्राम पांच सौ रूपए में बिक रहा है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। इसके अलावा पशु पालन, मधुमक्खी पालन, मत्सय पालन और पोल्ट्री फार्म से भी किसानों की आय बढ़ सकती है। जसंवा-परागपुर में भी किसानों को नए प्रयोग करने होंगे। किसानों को जागरूक करने के लिए वह जसवां-परागपुर क्षेत्र का दौरा भी करेंगे। वहीं, कैप्टन संजय का कहना था कि किसानों की समस्याओं से वह भली-भांति परिचित हैं। उनका ध्येय है कि किसानों की आमदनी हर हालत में बढ़े। इसके लिए खेतों की मिट्टी के परीक्षण के बाद किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए पालमपुर भेजा जाएगा। किसानों को यह व्यवस्था निशुल्क होगी। इसके बाद उत्तम किस्म के बीजों को लेकर कार्य किया जाएगा।

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