मंत्रीगण और विधायक जिला स्तरीय कार्यक्रमों से जुड़े
चंडीगढ़, 7 नवम्बर — भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज हरियाणा में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अंबाला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भाग लिया, जबकि प्रदेश के अन्य कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने जिला स्तरीय कार्यक्रमों में शामिल होकर इस ऐतिहासिक अवसर को गरिमा प्रदान की।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा द्वारा ‘वंदे मातरम्’ गीत के इतिहास पर एक आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें गीत की रचना, उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तथा स्वतंत्रता आंदोलन में उसके योगदान से जुड़ी जानकारी और चित्र प्रदर्शित किए गए। विद्यार्थियों और नागरिकों ने बड़ी उत्सुकता से इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और राष्ट्रीय गीत की गौरवशाली यात्रा के बारे में जाना। इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का लाइव प्रसारण के माध्यम से प्रेरणादायक संबोधन भी सुना गया।
वंदे मातरम केवल गीत नहीं, हमारी मातृभूमि की आत्मा है जिससे हमें स्वतंत्रता, एकता और त्याग की मिलती है प्रेरणा: मंत्री कृष्ण लाल पंवार
राष्ट्र गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को सोनीपत में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल कौशिक ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि यह हमारी मातृभूमि की आत्मा है, जो हमें स्वतंत्रता, एकता और त्याग की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चटर्जी ने 1875 में इस गीत की रचना उस समय की थी जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का प्रथम प्रकाशन उपन्यास आनंदमठ में हुआ था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम की चेतना को प्रज्वलित किया। यह गीत सुनकर उस समय के युवा क्रांतिकारी जोश से भर उठे थे और यही गीत स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बना।
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम आज़ादी की लौ और एकता का रहा प्रतीक: शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गौरवपूर्ण 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पानीपत में शुक्रवार को भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जब वंदे मातरम गीत लिखा गया था, तब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, परंतु इस गीत ने देशवासियों में स्वाधीनता का संकल्प जगाया। वंदे मातरम वह शस्त्र था जिसने आज़ादी के परवानों को एक सूत्र में बांधा था।
वंदे मातरम् केवल गीत नहीं, यह राष्ट्र की आत्मा: रणबीर सिंह गंगवा
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हिसार में शुक्रवार को जिला स्तरीय स्मरण उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा और विशिष्ट अतिथि डॉ. कमल गुप्ता ने मां सरस्वती और भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की आत्मा, हमारी अस्मिता और हमारी संस्कृति का प्रतीक है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह गीत हमारे स्वाधीनता संग्राम की प्रेरणा रहा है। जब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के दिन इस गीत की रचना की थी, तब उन्होंने केवल कविता नहीं लिखी थी, बल्कि एक ऐसी चेतना का संचार किया था, जिसने गुलामी की बेड़ियों में जकड़े भारतवासियों के हृदय में आज़ादी की ज्वाला प्रज्वलित कर दी।
वंदे मातरम् सम्पूर्ण भारत की आत्मा, चेतना और वीरता का प्रतीक : कृष्ण कुमार बेदी
सामाजिक, न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि “वंदे मातरम्” केवल दो शब्द नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत की आत्मा, चेतना और वीरता का प्रतीक है। जब-जब विदेशी शासन की बेड़ियाँ भारी हुईं, तब-तब “वंदे मातरम्” के उद्घोष ने स्वतंत्रता सेनानियों के मन में नई ऊर्जा और साहस का संचार किया। कैबिनेट मंत्री शुक्रवार को वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जींद में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने वर्ष 1875 में अपनी रचना आनंद मठ में “वंदे मातरम्” की अमर पंक्तियाँ लिखीं।
हर भारतीय को कर्तव्य, मर्यादा, अनुशासन और त्याग की भावना से जोड़ता: श्याम सिंह राणा
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम’ के 150वीं वर्षगांठ पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन यमुनानगर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा मुख्य अतिथि तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, यह राष्ट्र की धडक़न है, यह भारत की पहचान है, यह भारत की आत्मा है। यह एक ऐसी उदयीमान शक्ति है, जिसने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए भारत के स्वराज्य आंदोलन को नई ऊर्जा दी। यह हमारी मातृभूमि को मां के रूप में देखने वाली सनातन दृष्टि है। यह गीत हर भारतवासी को कर्तव्य, मर्यादा, अनुशासन और त्याग की भावना से जोड़ने वाला मंत्र है।
देशभक्ति की भावना, एकता, संस्कृति और समृद्धि का दर्पण है वंदे मातरम : कृष्ण मिड्ढा
हरियाणा के विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि वंदे मातरम गीत मात्र शब्दों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति के प्रति हमारी भावना, एकता, संस्कृति और समृद्धि का दर्पण है। वंदे मातरम की रचना के समय हमारा देश विदेशी शासनों के अधीन था। पूरे विश्व के अंदर एक हमारा ही देश ऐसा है, जिसे हम मां के नाम से पुकारते हैं। उन्होंने कहा विश्व में दूसरा कोई ऐसा देश नहीं है, जिसे मां के नाम से पुकारा जाए। इस गीत के माध्यम से भारत माता के लिए प्राणों की आहुति देने वाले महान वीरों को याद किया जा रहा है। हरियाणा के विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्ण मिड्ढा शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में वंदे मातरम के 150 वर्ष पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

