
सिरसा, 31 जुलाई: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में कहा कि उनका जीवन देशभक्ति, साहस और आत्मबलिदान का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने पंचकूला में कम्बोज सभा को प्लॉट देने, तथा हिसार के गांव बाड़ा सुलेमान का नाम “उधमपुरा” रखने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री सिरसा के बाबा भूमणशाह जी धाम, संगर सरिस्ता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उधम सिंह का बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा है।
मुख्य घोषणाएं:
- पंचकूला में कम्बोज सभा को प्लॉट, अन्य स्थानों पर प्राथमिकता से देने का वादा।
- गांव बाड़ा सुलेमान का नाम “उधमपुरा” किया जाएगा।
- राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय व अस्पताल की मांग पर फिजिबिलिटी जांच के बाद निर्माण।
- रंगोई नाला निर्माण के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट के निर्देश।
- ओबीसी वर्ग को क्लास-1 व क्लास-2 की नौकरियों में आरक्षण की सिफारिश ओबीसी आयोग को भेजी जाएगी।
शहीद उधम सिंह का बलिदान और प्रेरणा:
मुख्यमंत्री ने कहा कि उधम सिंह ने 13 मार्च 1940 को लंदन में माइकल ओ डायर को गोली मारकर जलियांवाला बाग कांड का बदला लिया और 31 जुलाई 1940 को फांसी दे दी गई। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रभक्ति, साहस और त्याग की प्रेरणा देता रहेगा।
1857 के सेनानियों की स्मृति में युद्ध स्मारक:
अंबाला में युद्ध स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹40,000 की गई है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाएं:
- पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग (A) को 8% व पिछड़ा वर्ग (B) को 5% आरक्षण।
- शहरी निकायों में मेयर/प्रधान पदों पर पिछड़ा वर्ग (B) को 5% आरक्षण।
- ₹1.80 लाख वार्षिक आय तक की परिवारों की लड़कियों के विवाह हेतु ₹51,000 सहायता।
राष्ट्रीय एकता और नव-निर्माण का संकल्प:
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से राष्ट्र की एकता व अखंडता की रक्षा तथा नव-निर्माण में भागीदारी का आह्वान किया। शहीदों की कुर्बानी को याद कर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का अनुरोध किया।
बाबा ब्रह्म दास का संदेश:
बाबा भूमणशाह जी के गद्दीनशीन बाबा ब्रह्म दास ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और युवाओं से शहीदों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा में समर्पित होने की अपील की। उन्होंने नशे के खिलाफ जनसमूह से इसे जड़ से खत्म करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
उपस्थित गणमान्यजन:
स्वामी ब्रह्मानंद, महेश मुनी, महंत गोमती दास, महंत सागर नाथ, जर्मनी के सांसद राहुल कम्बोज, उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल गणेशीलाल, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, करण देव कम्बोज, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल और पूर्व विधायक दुड़ा राम सहित अनेक प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।