हरियाणा में दवा घोटाला: तिहाड़ जेल में बंद व्यक्ति ने टेंडर प्रक्रिया में लिया था भाग, बहुत की कंपनियों के पास ड्रग लाइसेंस ही नहीं थे
हरियाणा के सरकारी हस्पतालों में करोड़ों रूपए की दवा और उपकरणों की खरीद घोटाले के मामले की ई.डी. से जांच करवाए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने अब इसे जनहित याचिका के तौर पर सुने जाने के आदेश दे दिए हैं।
इस मामले में हाईकोर्ट को बताया गया है की दवा की खरीद के लिए एक ऐसे व्यक्ति ने भी टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था जो तिहाड़ जेल में बंद था, उसकी जगह पर स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने हस्ताक्षर किए थे। हिसार की एक दवा कम्पनी जिस अड्रेस पर दर्ज है वहां एक धोबी बैठा है, हिसार और फतेहाबाद के सामान्य हस्पतालों में चिकित्सा उपकरण की सप्लाई करने वाली कम्पनी का मालिक नकली सिक्के बनाने के केस में था और जेल से ही उसने इस टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। इसके अलौका बहुत साडी कंपनियों के पास ड्रग लाइसेंस ही नहीं थे। जिन कंपनियों से दवाओं की खरीद की गयी वह कागजों में किराने और घी के कारोबार करती हैं।
याचिका में कई गुना अधिक दामों में खरीद किए जाने के आरोप लगाते हुए इस मामले की एनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (ई.डी.) से जांच करवाने की हाईकोर्ट से मांग की है। हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर सुने जाने के लिए इसे चीफ जस्टिस को भेज दिया है, अब चीफ जस्टिस की खंडपीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।