
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और आबकारी नीलामी की प्रगति की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
चंडीगढ़, 17 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और आबकारी नीलामी की प्रगति की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान अपराधियों के खिलाफ ‘हाई ऑक्टेन अभियान’ चलाने और हरियाणा में पुलिस की प्रभावी व उत्तरदायी उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है
मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए
कुरुक्षेत्र में एक आबकारी लाइसेंसधारी की हत्या की रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए, मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिन नागरिकों को धमकी या फिरौती संबंधी कॉल मिल रही हैं, उन्हें तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए। इस उद्देश्य के लिए, एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर जारी करने और उसे इमरजेंसी सेवा ‘112’ से लिंक करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आबकारी नीलामी की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करें और यह सुनिश्चित करें कि राज्य को मिलने वाला राजस्व समय पर प्राप्त हो। उल्लेखनीय है कि आबकारी नीलामी में, अब तक विभाग ने 934 आबकारी जोनों की नीलामी कर ली है। इस प्रकार, विभाग अधिकांश आबकारी जोनों की नीलामी करने में सक्षम रहा है। खास बात यह है कि इस बार राज्य को 11,054 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष के 5037 करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक है। इसके परिणामस्वरूप, नीलामी प्रक्रिया को अब तक अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।
अपराधियों में कानून का भय स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो : सैनी
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस बल को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धरातल पर पुलिस की उपस्थिति इतनी प्रभावी होनी चाहिए कि आमजन स्वयं को सुरक्षित महसूस करें, वहीं असामाजिक तत्वों एवं अपराधियों में कानून का भय स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में नागरिकों के लिए एक सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण सुनिश्चित किया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।
आगे बढ़ते हुए, मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि गंभीर आपराधिक मामलों की निगरानी नियमित रूप से और उच्चतम स्तर पर की जानी चाहिए। इस संदर्भ में, उन्होंने स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) को अतिरिक्त मैनपावर और संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि लंबित मामलों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सके और कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से बच न सके।
इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में, मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, आबकारी एवं कराधान विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ तथा पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।