हरियाणा मंत्रिमंडल ने ग्रुप ए और बी की भर्ती के लिए आधार प्रमाणीकरण को मंजूरी दी
एचपीएससी पोर्टल पर विभिन्न पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आधार प्रमाणीकरण होगा अनिवार्य
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा आयोजित ग्रुप ए और बी पदों के लिए परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग को मंजूरी दी गई। एचपीएससी पोर्टल पर इन पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा।
आधार प्रमाणीकरण की शुरुआत का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, धोखाधड़ी करने वाले उम्मीदवारों पर अंकुश लगाना और डी-डुप्लीकेशन के माध्यम से उम्मीदवारों के डेटा की सटीकता सुनिश्चित करना है। यह कदम भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में जनता का विश्वास और बढ़ेगा।
आधार प्रमाणीकरण उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने में मदद करता है, जिससे धोखाधड़ी वाले आवेदन और प्रतिरूपण की संभावना कम हो जाती है। यह आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है, सटीक और प्रमाणित डेटा सुनिश्चित करता है। उम्मीदवारों को पंजीकरण के दौरान अपना आधार नंबर देना होगा और भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के दौरान बायोमेट्रिक सत्यापन (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) से गुजरना होगा। इसके अलावा, नाम, जन्म तिथि और पते जैसे जनसांख्यिकीय विवरणों को आधार डेटाबेस के साथ क्रॉस-सत्यापित किया जाएगा। यह निर्णय सुशासन (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम, 2020 के लिए आधार प्रमाणीकरण के नियम 5 और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 8 मार्च, 2024 के निर्देश के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करेगा।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने यात्रा भत्ता नियमों में संशोधन को दी मंजूरी
अब प्रशिक्षण संस्थान या राज्य सरकार द्वारा आवास और भोजन की व्यवस्था न किए जाने पर प्रशिक्षु की पात्रता के अनुसार होटल शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (यात्रा भत्ता) नियम, 2016 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, यदि प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार द्वारा आवास और भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन प्रशिक्षु द्वारा इसका लाभ नहीं उठाया जाता तो उसे इस नियम के प्रयोजन के लिए ऐसी व्यवस्था का लाभ उठाया हुआ माना जाएगा और कोई होटल शुल्क स्वीकार्य नहीं होगा। हालांकि, यदि प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार आवास और भोजन की व्यवस्था नहीं करती तो प्रशिक्षु की पात्रता के अनुसार होटल शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
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हरियाणा सरकार ने राज्य कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी में 25 प्रतिशत की वृद्धि की, जो 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी है
अब डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये निर्धारित
चंडीगढ़, 28 दिसंबर -हरियाणा सरकार ने राज्य सरकार ने न्यायिक अधिकारियों व अपने कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है, इसे 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। यह वृद्धि 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जो राज्य के वित्त मंत्री भी हैं, की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।
इन निर्णयों का उद्देश्य राज्य सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ-साथ राज्य सरकार के न्यायिक अधिकारियों को बढ़ी हुई वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
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मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के क्रियान्वयन के लिए एसओपी को मिली मंजूरी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2024-25 से मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के क्रियान्वयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दी गई।
योजना की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई, पीएमकेएमवाई, पीएमएसवाईएमवाई और पीएमएलवीएमवाई के लाभार्थियों को प्रीमियम की प्रतिपूर्ति करने के बजाय, प्रति वर्ष प्रति पात्र परिवार 1000 रुपये दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु) में हस्तांतरित किए जाएंगे। जिन परिवारो की सभी स्रोतों से आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम या उसके बराबर हो और उनके पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) हो, वो पात्र होगे।
मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) को 6 फरवरी, 2020 को अधिसूचित किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित पात्र परिवारों को जीवन/दुर्घटना बीमा और पेंशन लाभ सहित वित्तीय सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। एमएमपीएसवाई उन परिवारों को कवर करता है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है।
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हरियाणा सिविल सेवा के नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त विभाग के हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 तथा हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित कैरियर प्रगति) नियम, 2008 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
संशोधन के अनुसार, हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 को हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) संशोधन नियम, 2024 कहा जाएगा। ये नियम 1 सितंबर, 2009 से लागू माने जाएंगे। इसी प्रकार, हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित कैरियर प्रगति) नियम, 2008 को हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित कैरियर प्रगति) संशोधन नियम, 2024 कहा जाएगा। ये नियम 1 सितंबर, 2009 से लागू माने जाएंगे।
राज्य के तीन प्रमुख इंजीनियरिंग विंग के पदों पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), सिंचाई एवं जल संसाधन, तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में इन नियमों में संशोधन किया गया है। संशोधन के बाद किसी भी कर्मचारी के वेतन को फिर से निर्धारित करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएनएल) द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पूंजीगत व्यय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 800 करोड़ रुपये के स्वीकृत नए पूंजीगत व्यय ऋण के विरुद्ध केनरा बैंक, सेक्टर-17 सी चंडीगढ़ के पक्ष में 800 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने के लिए घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएनएल) द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पूंजीगत व्यय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 400 करोड़ रुपये के स्वीकृत नए पूंजीगत व्यय ऋण के विरुद्ध बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर-17बी चंडीगढ़ के पक्ष में 400 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने के लिए भी घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड एक सरकारी स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी है जो राज्य के दस उत्तरी जिलों में उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करती है। इस कंपनी का संचालन हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग द्वारा विनियमित किया जाता है।
हरियाणा कैबिनेट ने केंद्रीय सशस्त्र बलों और सीएपीएफ के शहीदों के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर: हरियाणा मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय सशस्त्र बल कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों के युद्ध में मृत्यु हो जाने पर उनके परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि में संशोधन को मंजूरी दे दी है। संशोधित अनुग्रह राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2024-25 के अपने बजट भाषण में शहीदों और उनके परिवारों के बलिदान को मान्यता देते हुए अनुग्रह राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी। आज उसे मंत्रिमंडल में मंजूरी दे दी गई।
हरियाणा से संबंधित केंद्रीय सशस्त्र बल कर्मियों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के शहीदों के परिवार के सदस्यों/निकटतम रिश्तेदारों को रक्षा अधिकारियों/गृह मंत्रालय द्वारा ‘युद्ध में मृत” घोषित किए गए विभिन्न प्रकार की घटनाओं सहित अनुग्रह अनुदान दिया जाता है, चाहे किसी भी ऑपरेशन या ऑपरेशन के किसी निर्दिष्ट क्षेत्र में सशस्त्र बलों या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल का कोई सदस्य युद्ध/आईईडी विस्फोट/आतंकवादी या उग्रवादी हमलों/सीमा पर मुठभेड़ और संयुक्त राष्ट्रीय शांति सेना में वास्तविक आधिकारिक कर्तव्यों के निष्पादन में शहीद हो, जिसमें वाहन दुर्घटना, हृदय गति रुकना, हवाई दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाएं शामिल हैं, जिनमें कर्तव्यों के निष्पादन के प्रति असाधारण साहस और निर्णय की आवश्यकता होती है।
सीएपीएफ कर्मियों के मामले भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। युद्ध में शहीद हुए हरियाणा के सीएपीएफ कर्मियों के परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान दिया जाता है, जो अपने प्राणों की आहुति देते हैं। जैसे कि युद्ध में परिचालन क्षेत्र में सेवा करते समय या आतंकवादी/आतंकवादी हमले के दौरान प्राकृतिक आपदाओं, चुनाव, बचाव कार्यों आदि के दौरान अपनी ड्यूटी के दौरान जिनकी मृत्यु हो जाती है।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 के विस्तार को दी मंजूरी
यह नीति व्यवसाय करने की लागत को कम करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 के साथ-साथ इसके तहत अधिसूचित योजनाओं के विस्तार को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 व्यवसाय करने की लागत को कम करने और हरियाणा में लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इकाइयों को कौशल विकास पर समर्थन के साथ-साथ निवेश पर प्रोत्साहन – पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति, ईडीसी प्रतिपूर्ति और बिजली शुल्क छूट के माध्यम से समर्थन दिया जाता है।
यह नीति लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों के लिए नियामक कानूनों और प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों के लिए कुशल श्रम पूल के निर्माण पर लक्षित मानव पूंजी विकास पहलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ गुणवत्ता और लागत प्रतिस्पर्धी मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग बुनियादी ढांचे के साथ-साथ खुदरा-उन्मुख बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
इस नीति का उद्देश्य बड़े उद्योग और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के अलावा, निजी क्षेत्र के निवेश के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों में पीपीपी निवेश को आकर्षित करना भी है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकों के उन्नयन और अपनाने को बढ़ावा देना भी है।
यह उल्लेखनीय है कि उद्योग और वाणिज्य विभाग हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल पॉलिसी, 2024 को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में है। 2019 की नीति 5 वर्षों के लिए वैध थी जोकि 8 मार्च, 2024 को समाप्त हो गई। इसे आज कैबिनेट द्वारा 31 दिसंबर, 2024 तक या अंतिम लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिंग और रिटेल पॉलिसी, 2024 को मंजूरी मिलने तक, जो भी पहले हो, तक बढ़ा दिया गया है।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने शहीद के परिवार को भूखंड आवंटन की दी मंजूरी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हरियाणा मंत्रिमंडल ने विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा शहीद उपनिरीक्षक जय भगवान की पत्नी कमलेश शर्मा को शामलात देह भूमि से 200 वर्ग गज का भूखंड आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
शहीद जय भगवान फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ ब्लॉक के गांव हीरापुर के निवासी थे। उन्होंने 12 दिसंबर, 1995 को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।
कमलेश शर्मा के पास वर्तमान में कोई आवासीय मकान नहीं है। ऐसे में जयभगवान के परिवार के सम्मान के प्रतीक के रूप में यह भूखंड दिया जाएगा।
यह निर्णय पंजाब ग्राम साझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के नियम 13 के अनुरूप है। यह प्रावधान राज्य सरकार से पूर्व अनुमोदन के साथ ग्राम पंचायत को आवासीय उद्देश्यों के लिए 200 वर्ग गज तक शामलात देह भूमि उपहार में देने की अनुमति देता है। इस प्रावधान के तहत विशेष रूप से रक्षा और अर्धसैनिक बलों के उन सदस्यों को लाभ पहुंचाया जाता है जो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और विकलांग हो गए हैं, या युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियानों में शहीद हो गए हैं। शर्त यह है कि आश्रित परिवारों के पास पर्याप्त आवासीय सुविधा नहीं होनी चाहिए।
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मंत्रिमंडल ने मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन में बढ़ौतरी को किया मंजूर
अब सत्याग्रहियों को मिलेगी 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई है। मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ाने का भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र में भी वादा किया था जिसे आज मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।
संशोधित योजना के अनुसार, लाभार्थियों के लिए पेंशन राशि तुरंत प्रभाव से 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी है। पेंशन राशि में वृद्धि के बावजूद, योजना की पात्रता मानदंड और अन्य नियम व शर्तें वही रहेंगी।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक में हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 में और संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने के निर्णय को मंजूरी दी गई।
इस संशोधन के तहत, “एक कैलेंडर वर्ष में” वाक्यांश को “अनुबंधित सेवा की एक वर्ष की अवधि के दौरान” से बदल दिया जाएगा। यह संशोधन संविदा कर्मचारियों द्वारा उनके सेवा दिवसों की गणना के संबंध में उठाए गए अनुरोध को देखते हुए किया जा रहा है।
वर्तमान में, कर्मचारियों ने अनुरोध किया था कि 240-दिवसीय सेवा आवश्यकता की गणना कैलेंडर वर्ष के बजाय एक वर्ष की संविदा सेवा अवधि के दौरान वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जाए। वर्तमान प्रणाली ने मई और दिसंबर के बीच शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए चुनौतियां पेश कीं, क्योंकि उनके रोजगार के पहले वर्ष के सेवा दिवसों की पूरी तरह से गणना नहीं की जा रही थी। उदाहरण के लिए, जिन कर्मचारियों की ज्वाइनिंग की तिथि मई के बाद और दिसंबर से पहले पड़ती है, वे अपनी सेवा के पहले कैलेंडर वर्ष के लिए 240 दिन की सेवा की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाएंगे, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा प्रभावित होगी।
इसके अलावा, वर्ष 2024 के लिए, कर्मचारियों ने चिंता जताई कि 15 अगस्त, 2024 की कट-ऑफ-डेट तक दिनों की संख्या केवल 227 है, जो आवश्यक 240 दिनों से कम है।
इन वास्तविक अनुरोधों के जवाब में, हरियाणा मंत्रिमंडल ने एक वर्ष की संविदा सेवा की अवधि के दौरान 240 दिनों की सेवा पर विचार करने के लिए संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिससे इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा। अब संशोधन से संविदा कर्मचारियों के लिए नौकरी सुरक्षा बेहतर ढंग से सुनिश्चित होगी।
हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 के तहत, नौकरी की सुरक्षा का लाभ उन संविदा कर्मचारियों को मिलेगा जो 15 अगस्त 2024 से पहले 5 साल की संविदा सेवा पूरी कर लेंगे।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने मृतक न्यायिक सेवा सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा सहायता प्रदान करने के लिए हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम, 2007 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 में संशोधन को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम, 2007 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 में संशोधन को मंजूरी दी गई, जो हरियाणा राज्य के लिए लागू है। ये संशोधन हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा और हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति के प्रावधान से संबंधित हैं।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अनुरोध में, मंत्रिमंडल ने हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम, 2007 में नियम 24 के पश्चात नियम 24ए को सम्मिलित करने तथा पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 में भाग ई के पश्चात भाग ईई को जोड़ने को मंजूरी दी, जैसा कि हरियाणा पर लागू है।
नए सम्मिलित नियम 24ए के तहत, हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति, समय-समय पर संशोधित हरियाणा सिविल सेवा (अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति) नियम, 2019 के अनुसार प्रदान की जाएगी।
इसी प्रकार, नए सम्मिलित भाग ईई के अनुसार, हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति भी समय-समय पर संशोधित हरियाणा सिविल सेवा (अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति) नियम, 2019 द्वारा शासित होगी।
इन नियमों को हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा (संशोधन) नियम, 2024 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) हरियाणा संशोधन नियम, 2024 कहा जाएगा तथा ये समय-समय पर संशोधित होकर 1 अगस्त, 2019 से प्रभावी होंगे।
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चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2021 (2021 का अधिनियम 23) में संशोधन को मंजूरी दी गई। नए अधिनियम को पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2024 कहा जाएगा।
हरियाणा नई राजधानी (परिधि) नियंत्रण अधिनियम, 1952 (1953 का पंजाब अधिनियम 1) की शक्तियों का प्रयोग मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा करने के लिए 2021 के मूल अधिनियम-23 में सक्षम प्रावधान करने तथा नगर परिषद, कालका की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के संबंध में उपयुक्त धाराओं और खंडों में प्रासंगिक प्रविष्टियां करने के लिए संशोधन किया जाना आवश्यक है।
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2021 की धारा 15 हरियाणा अनुसूचित सडक़ और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध अधिनियम, 1963 (1963 का पंजाब अधिनियम 41) के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन, हरियाणा की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को समर्थ बनाती है परन्तु जैसाकि प्राधिकरण का अधिकांश क्षेत्र हरियाणा नई राजधानी (परिधि) नियंत्रण अधिनियम, 1952 (1953 का पंजाब अधिनियम 1) के तहत घोषित नियंत्रित क्षेत्र का हिस्सा है, इसलिए 1953 के अधिनियम-1 प्रावधानों के तहत प्रदत्त निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, चंडीगढ़ की शक्तियों का प्रयोग भी प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किया जाना आवश्यक है। इसके अलावा, मूल अधिनियम में केवल नगर निगम, पंचकूला का उल्लेख है जबकि नगर परिषद, कालका की सीमा के भीतर स्थित क्षेत्र भी प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है।
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण की स्थापना पीएमडीए अधिनियम, 2021 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य पंचकूला महानगर क्षेत्र में निरंतर, सतत और संतुलित विकास को बढ़ावा देना है। प्राधिकरण के उद्देश्यों में जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना और निवासियों के लिए उचित जीवन स्तर प्रदान करना, एकीकृत और समन्वित योजना सुनिश्चित करना, बुनियादी ढांचे का विकास, शहरी सुविधाओं का प्रावधान, गतिशीलता प्रबंधन, शहरी पर्यावरण, सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना शामिल है।
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मंत्रिमंडल ने बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) की गणना के लिए इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के संशोधन को मंजूरी दी
ईडीसी दरों में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मिली मंजूरी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विभिन्न संभावित क्षेत्रों के बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) की गणना के लिए इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के संशोधन को मंजूरी दी गई।
इंडेक्सेशन नीति वर्ष 2015 के लिए ईडीसी दरों पर आधारित थी और इनमें आज तक कोई वृद्धि नहीं की गई थी। इंडेक्सेशन नीति से पहले, ईडीसी दरों में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाती थी। तदनुसार, मंत्रिमंडल ने अब से हर साल ईडीसी दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मंत्रिमंडल ने भविष्य में इंडेक्सेशन दरों के निर्धारण के लिए आधार ईडीसी दरें तय करने के लिए एक परामर्शदाता की नियुक्ति को भी मंजूरी दी और जब तक आधार ईडीसी दरें निर्धारित नहीं हो जातीं, तब तक हर साल 1 अप्रैल से 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रभावी रहेगी। इस मंजूरी से हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 9ए के तहत नीति निर्देश जारी करने के साथ-साथ हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन नियम, 1976 में संशोधन करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री, लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री वाली मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों पर इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के तहत ईडीसी की दरें तय की गई थीं। वर्ष 2018 में सरकार ने गुरुग्राम और रोहतक सर्कल की ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य आईआईटी दिल्ली और फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार सर्कल के लिए आईआईटी रुड़की को सौंपा था। हालांकि, दोनों संस्थानों ने ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण आज तक वही इंडेक्सेशन नीति और ईडीसी दरें जारी रहीं।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर, जिला गुरुग्राम के संभावित क्षेत्रों को कम संभावित क्षेत्र से मध्यम संभावित क्षेत्र में संशोधित करने को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर- हरियाणा मंत्रिमंडल की आज यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा जिला गुरुग्राम के पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर संभावित क्षेत्रों को कम संभावित क्षेत्र से मध्यम संभावित क्षेत्र में संशोधित करने को मंजूरी दी गई।
पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर (जिला गुरुग्राम) के क्षेत्र वर्तमान में हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों के विनियमन नियम, 1976 की ‘अनुसूची’ के अनुसार ‘कम क्षमता वाले क्षेत्र’ के अंतर्गत आते हैं, जिसमें विभिन्न संभावित क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं जो निम्न, मध्यम, उच्च और अति संभावित क्षेत्र हैं। इस प्रकार यह देखा गया है कि ये क्षेत्र अब कॉलोनियों के विकास और संस्थानों, उद्योगों, गोदामों आदि जैसी अन्य गतिविधियों के लिए बहुत संभावित हो गए हैं। इसलिए, यह प्रस्ताव है कि पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर के क्षेत्रों को ‘कम क्षमता वाले क्षेत्र’ से ‘मध्यम क्षमता वाले क्षेत्र’ में अपग्रेड किया जा सकता है। इससे राज्य के खजाने में राजस्व में वृद्धि होगी।
1 अगस्त, 2024 को एक रेपरजेंटेशन प्राप्त हुई थी जिसमें कहा गया था कि फर्रुखनगर और पटौदी-हेली मंडी के क्षेत्र कम क्षमता वाले क्षेत्र की श्रेणी में आते हैं, और इसलिए, बहुत कम राजस्व प्राप्तियां प्राप्त होती हैं। अनुरोध किया गया कि इन क्षेत्रों की श्रेणी को उच्च क्षमता वाले क्षेत्र में अपग्रेड किया जाए ताकि बाहरी विकास शुल्क, आंतरिक विकास शुल्क, लाइसेंस शुल्क, रूपांतरण शुल्क आदि के रूप में राजस्व प्राप्तियों में सुधार हो सके।
फर्रुखनगर और पटौदी-हेली मंडी कस्बे गुड़गांव-मानेसर अर्बन कॉम्प्लेक्स (जीएमयूसी) के हाइपर पोटेंशियल जोन के बहुत करीब स्थित हैं। रिलायंस के मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप, केएमपी एक्सप्रेसवे और तेजी से विकसित हो रहे रेलवे नेटवर्क के कारण फर्रुखनगर ने डेवलपर्स का बहुत ध्यान आकर्षित किया है। इसी तरह, पटौदी-हेली मंडी में भी एनएच-8 और केएमपी एक्सप्रेसवे के करीब होने के कारण विकास की बहुत संभावनाएं हैं।
इसलिए, फर्रुखनगर और पटौदी-हेली मंडी संभावित क्षेत्रों को अपग्रेड करके, हरियाणा सरकार लाइसेंस शुल्क और बाहरी विकास शुल्क, रूपांतरण शुल्क आदि की दरों में वृद्धि के कारण डेवलपर्स से अधिक राजस्व प्राप्तियां एकत्र करने में सक्षम होगी।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर को मध्यम क्षमता वाले क्षेत्रों में अपग्रेड करने को दी मंजूरी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जिला गुरुग्राम के पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर के संभाव्यता क्षेत्रों को कम संभाव्यता क्षेत्र से मध्यम संभाव्यता क्षेत्र में अपग्रेड करने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई।
वर्तमान में, पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर को पंजाब अनुसूचित सड़क नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध नियम, 1965 (नियम 1965) की ‘अनुसूची-IV’ के अंतर्गत ‘कम संभावित क्षेत्र’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये नियम भूमि के उपयोग को परिवर्तित करने के उद्देश्य से संभावित क्षेत्र के आधार पर नियंत्रित क्षेत्रों में रूपांतरण शुल्क की दरों को रेखांकित करते हैं।
संशोधन के साथ, पटौदी-हेली मंडी विकास योजना और फर्रुखनगर विकास योजना के अंतर्गत नियंत्रित क्षेत्रों को अब मध्यम क्षमता वाले क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। यह परिवर्तन 1965 के नियमों की अनुसूची-IV में परिलक्षित होगा और हरियाणा अनुसूचित सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध अधिनियम, 1963 के तहत लागू शुल्क और प्रभारों पर लागू होगा।
इन क्षेत्रों को उन्नत करने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि इनमें विकास की महत्वपूर्ण संभावनाएँ दिख रही हैं, जिसमें कॉलोनियों, संस्थानों, उद्योगों और गोदामों का विकास शामिल है। इस उन्नयन से क्षेत्र के आगे विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी और रूपांतरण शुल्क में वृद्धि के माध्यम से अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
मंत्रिमंडल ने ई-एचआरएमएस 2.0 के माध्यम से मानव संसाधनों के व्यवस्थित प्रबंधन के लिए हरियाणा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (प्रशासन) नीति, 2024 नामक मसौदा नीति को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 28 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (प्रशासन) नीति, 2024 नामक मसौदा नीति को मंजूरी दी गई।
इस नीति का उद्देश्य कर्मचारियों की सेवाओं का सही उपयोग करना है। यह नीति हरियाणा सरकार के अधीन विभिन्न विभागों और संगठनों में कार्यरत सभी हरियाणा सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगी, चाहे वे नियमित या अनुबंध के आधार पर काम कर रहे हों। ई-एचआरएमएस 2.0 विभागों/ऑर्गेनाइजेशन में कर्मचारियों के लिए प्लेसमेंट, स्थानांतरण/पोस्टिंग और सेवा की अन्य शर्तों के प्रबंधन के लिए सिंगल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा।
मानव संसाधन विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा कि विभिन्न विभागों/संगठनों द्वारा ई-एच.आर.एम.एस. 2.0 पर केवल सही और विधिवत सत्यापित डेटा ही होस्ट किया जाए। ई-एच.आर.एम.एस. 2.0 पर होस्ट किए गए डेटा को दस्तावेजी साक्ष्य माना जाएगा, जिसकी एक प्रति संबंधित विभाग/ऑर्गेनाइजेशन के साथ-साथ मानव संसाधन विभाग के रिकॉर्ड में भी रखी जाएगी।
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सरकार ने ग्रुप-सी और डी पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी स्टेज 1 में) नीति, 2022 में संशोधन किया
राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए दी मंजूरी
संशोधन के बाद, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट, (संशोधन) नियम, 2024 के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति बनाई गई
चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रुप-सी और डी पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी स्टेज 1 में) नीति, 2022 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति को सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति(संशोधन) नियम, 2024 कहा जाएगा।
संशोधनों के अनुसार, हरियाणा के मूल (बोना-फाइड) निवासियों के लिए प्रदान किए गए सामाजिक आर्थिक मानदंडों हेतु 5 प्रतिशत वेटेज को हटा दिया गया है। उक्त संशोधन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार किए गए हैं।
राज्य सरकार के विभागों या किसी बोर्ड, निगम, वैधानिक निकाय या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित किसी अन्य एजेंसी में, राज्य अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित किसी विश्वविद्यालय के अलावा, सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति, (संशोधन) नियम, 2024 पुलिस सेवा, कारागार और गृह रक्षक आदि के पदों सहित ग्रुप सी पदों पर सीधी भर्ती के लिए लागू होगी, जिसमें (i) शिक्षण पद (ii) भूतपूर्व अग्निवीर और (iii) ग्रुप डी के पद शामिल नहीं होंगे, जिनके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2018 (2018 का 5) के तहत मैट्रिकुलेशन से कम है।
राज्य सरकार ने आम जनता का विश्वास हासिल करने और बनाए रखने तथा हरियाणा सरकार में पदों पर विश्वसनीय और भरोसेमंद भर्तियां सुनिश्चित करने और शिक्षण पदों को छोडक़र पुलिस, जेल, होमगार्ड आदि के पदों सहित ग्रुप-सी और डी के सभी सीधी भर्ती के पदों पर सरकारी रोजगार के लिए भर्ती प्रक्रिया को मानकीकृत करने के उद्देश्य से 5 मई, 2022 को ग्रुप-सी और डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा शुरू की थी।
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