
मुख्यमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट द्वारा मिसाली श्रम सुधार को मंज़ूरी: 95 फीसदी छोटे व्यापारियों को शर्तों की जटिलता से मिलेगी मुक्ति
चंडीगढ़, 4 जून : मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में आज हुई पंजाब कैबिनेट बैठक में पंजाब दुकान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी गई। इस संशोधन से 20 तक कर्मचारियों वाले 95% छोटे कारोबार अब कई जटिल प्रावधानों से मुक्त हो जाएंगे, जिससे कारोबार करना आसान होगा। प्रवक्ता के अनुसार, संशोधित नियमों के तहत ऐसे संस्थानों को अब केवल श्रम विभाग को जानकारी देनी होगी, पंजीकरण और रजिस्टर रखने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। वहीं, 20 या अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को अब 24 घंटे के भीतर स्वत: पंजीकरण स्वीकृति मिल जाएगी।
ओवरटाइम की सीमा बढ़ी, वेतन में पारदर्शिता
अब तिमाही ओवरटाइम की सीमा 50 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है और दैनिक कार्य समय 10 से बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है। 9 घंटे प्रतिदिन या 48 घंटे साप्ताहिक से अधिक कार्य पर कर्मचारियों को दोगुनी दर से भुगतान अनिवार्य होगा।
श्रम : जुर्माने और सजा में सुधार
धारा 21 और 26 के तहत जुर्माना राशि को भी तर्कसंगत किया गया है। न्यूनतम जुर्माना 25 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये और अधिकतम 100 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये किया गया है। वहीं, पहली और दूसरी गलती के बीच सुधार के लिए 3 महीने का समय मिलेगा।
नए प्रावधान धारा 26ए के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग की अनुमति होगी ताकि मामले अदालत तक न जाएं और व्यापारी अनावश्यक परेशानी से बचें।
श्रमिकों के अधिकार सुरक्षित
संशोधन के बावजूद सभी श्रमिकों को उनके अधिकार अन्य श्रम कानूनों के तहत पहले की तरह मिलते रहेंगे।